300 सहायक पटवारियों को चार महीने से नहीं मिला वेतन:45 दिनों के लिए किया गया था नियुक्त, 8 रुपए प्रति सर्वे मिलना था

मध्य प्रदेश के विदिशा में किसानों की फसलों का सर्वे करने के लिए नियुक्त किए गए लगभग 300 सहायक पटवारियों को पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है। सोमवार को सहायक पटवारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम के माध्यम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। सहायक पटवारियों ने बताया कि उन्हें प्रति सर्वे 8 रुपए की दर से भुगतान किया जाना था। प्रतिदिन वे 20 से 30 सर्वे करते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें 45 दिनों के लिए नियुक्त किया गया था और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उन्होंने गिरदावरी का कार्य पूरा किया। इससे पहले भी वे तीन बार वेतन की मांग को लेकर ज्ञापन सौंप चुके हैं। दैनिक खर्चों को पूरा करने में हो रही कठिनाई वेतन नहीं मिलने से इन कर्मचारियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मामले में एडीएम अनिल डामोर ने सहायक पटवारियों को जल्द से जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया है। सहायक पटवारियों का कहना है कि वेतन न मिलने से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है और दैनिक खर्चों को पूरा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

300 सहायक पटवारियों को चार महीने से नहीं मिला वेतन:45 दिनों के लिए किया गया था नियुक्त, 8 रुपए प्रति सर्वे मिलना था
मध्य प्रदेश के विदिशा में किसानों की फसलों का सर्वे करने के लिए नियुक्त किए गए लगभग 300 सहायक पटवारियों को पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है। सोमवार को सहायक पटवारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम के माध्यम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। सहायक पटवारियों ने बताया कि उन्हें प्रति सर्वे 8 रुपए की दर से भुगतान किया जाना था। प्रतिदिन वे 20 से 30 सर्वे करते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें 45 दिनों के लिए नियुक्त किया गया था और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उन्होंने गिरदावरी का कार्य पूरा किया। इससे पहले भी वे तीन बार वेतन की मांग को लेकर ज्ञापन सौंप चुके हैं। दैनिक खर्चों को पूरा करने में हो रही कठिनाई वेतन नहीं मिलने से इन कर्मचारियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मामले में एडीएम अनिल डामोर ने सहायक पटवारियों को जल्द से जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया है। सहायक पटवारियों का कहना है कि वेतन न मिलने से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है और दैनिक खर्चों को पूरा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।