पुस्तक मेले में बिना जीएसटी के बिल, कम छूट दी:शिवपुरी में गड़बड़ी होने का दावा; व्यापारियों ने नहीं लगाईं दुकानें

शिवपुरी पुस्तके मेले में स्टेशनरी व्यापारियों ने दुकानें लगाने से मना कर दिया। विरोध स्वरूप उन्होंने शहर में अपने नियमित प्रतिष्ठान भी बंद रखे। मेले में अनियमितताओं की बात सामने आईं। विक्रेता कच्चे बिल दे रहे थे और बिना जीएसटी नंबर के सामान बेचा जा रहा था। अभिभावकों के लिए पुस्तक और अध्ययन सामग्री पर 5% की ही छूट दी जा रही थी, जो सामान्य दुकानों पर भी उपलब्ध है। अभिभावकों की शिकायत पर कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने एसडीएम उमेश कौरव को जांच के निर्देश दिए। इसमें सामने आया कि जिलों की तुलना में यहां दी जा रही छूट काफी कम थी। एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। व्यापारियों का कहना है कि मेले में पारदर्शिता का अभाव है और उन्हें व्यापारिक नुकसान हो रहा है। इस कारण उन्होंने विरोध स्वरूप मेले से दूरी बना ली है। अव्यवस्थाओं के चलते सात दिवसीय पुस्तक मेला विवादों में घिर गया है। मेले का उद्देश्य निजी स्कूलों की एकाधिकार शाही को समाप्त करना और अभिभावकों को राहत प्रदान करना था। लेकिन यह सब नहीं हो सका।

पुस्तक मेले में बिना जीएसटी के बिल, कम छूट दी:शिवपुरी में गड़बड़ी होने का दावा; व्यापारियों ने नहीं लगाईं दुकानें
शिवपुरी पुस्तके मेले में स्टेशनरी व्यापारियों ने दुकानें लगाने से मना कर दिया। विरोध स्वरूप उन्होंने शहर में अपने नियमित प्रतिष्ठान भी बंद रखे। मेले में अनियमितताओं की बात सामने आईं। विक्रेता कच्चे बिल दे रहे थे और बिना जीएसटी नंबर के सामान बेचा जा रहा था। अभिभावकों के लिए पुस्तक और अध्ययन सामग्री पर 5% की ही छूट दी जा रही थी, जो सामान्य दुकानों पर भी उपलब्ध है। अभिभावकों की शिकायत पर कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने एसडीएम उमेश कौरव को जांच के निर्देश दिए। इसमें सामने आया कि जिलों की तुलना में यहां दी जा रही छूट काफी कम थी। एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। व्यापारियों का कहना है कि मेले में पारदर्शिता का अभाव है और उन्हें व्यापारिक नुकसान हो रहा है। इस कारण उन्होंने विरोध स्वरूप मेले से दूरी बना ली है। अव्यवस्थाओं के चलते सात दिवसीय पुस्तक मेला विवादों में घिर गया है। मेले का उद्देश्य निजी स्कूलों की एकाधिकार शाही को समाप्त करना और अभिभावकों को राहत प्रदान करना था। लेकिन यह सब नहीं हो सका।