MLA निर्मला सप्रे केस की सुनवाई अब सोमवार को:सरकार की मांग सुनवाई इंदौर नहीं जबलपुर में हो; कांग्रेस ने HC में दायर की है याचिका

कांग्रेस की बीना से विधायक निर्मला सप्रे की विधायकी अयोग्य घोषित करने के मामले में कांग्रेस की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होना थी। लेकिन अब इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी। दरअसल इस याचिका में सरकार की ओर से मांग की गई है कि इस याचिका पर सुनवाई इंदौर की जगह जबलपुर में होना चाहिए। हाईकोर्ट एडवोकेट विभोर खंडेलवाल ने बताया कि शुक्रवार को समय बीत जाने के कारण मामले की सुनवाई टल गई। कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी की विधायक निर्मला सप्रे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। कांग्रेस ने मांग की है कि सागर जिले के बीना से विधायक सप्रे ने दल-बदल किया है, इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। विधायक निर्मला सप्रे लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 5 मई को राहतगढ़ में सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यक्रम में मंच पर पहुंची थी। तब से वे कांग्रेस से दूरी बनाते हुए भाजपा के साथ हैं। लेकिन औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता नहीं ली है। इसी वजह से आधिकारिक तौर पर अब भी वो कांग्रेस की विधायक हैं। कांग्रेस ने निर्मला की सदस्यता खत्म कराने को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष को जुलाई में हमने पत्र दिया था। विधानसभा ने कागज गुमा दिए। 90 दिन बाद भी अध्यक्ष ने कोई निर्णय नहीं लिया, इसलिए हमें हाईकोर्ट जाना पड़ा। निर्मला केस में कब, क्या हुआ? 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सागर जिले की बीना सीट से निर्मला सप्रे विधायक बनीं। मई में लोकसभा चुनाव के दौरान सागर जिले के राहतगढ़ कस्बे में आयोजित बीजेपी की चुनावी जनसभा में निर्मला सप्रे मंच पर पहुंची और उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के हाथों भाजपा का गमछा गले में डाला। मंच से यह ऐलान किया गया कि निर्मला सप्रे ने बीजेपी जॉइन कर ली है। सप्रे ने भी कहा कि वे बीना के विकास के लिए बीजेपी के साथ आई हैं।

MLA निर्मला सप्रे केस की सुनवाई अब सोमवार को:सरकार की मांग सुनवाई इंदौर नहीं जबलपुर में हो; कांग्रेस ने HC में दायर की है याचिका
कांग्रेस की बीना से विधायक निर्मला सप्रे की विधायकी अयोग्य घोषित करने के मामले में कांग्रेस की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होना थी। लेकिन अब इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी। दरअसल इस याचिका में सरकार की ओर से मांग की गई है कि इस याचिका पर सुनवाई इंदौर की जगह जबलपुर में होना चाहिए। हाईकोर्ट एडवोकेट विभोर खंडेलवाल ने बताया कि शुक्रवार को समय बीत जाने के कारण मामले की सुनवाई टल गई। कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी की विधायक निर्मला सप्रे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। कांग्रेस ने मांग की है कि सागर जिले के बीना से विधायक सप्रे ने दल-बदल किया है, इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। विधायक निर्मला सप्रे लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 5 मई को राहतगढ़ में सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यक्रम में मंच पर पहुंची थी। तब से वे कांग्रेस से दूरी बनाते हुए भाजपा के साथ हैं। लेकिन औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता नहीं ली है। इसी वजह से आधिकारिक तौर पर अब भी वो कांग्रेस की विधायक हैं। कांग्रेस ने निर्मला की सदस्यता खत्म कराने को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष को जुलाई में हमने पत्र दिया था। विधानसभा ने कागज गुमा दिए। 90 दिन बाद भी अध्यक्ष ने कोई निर्णय नहीं लिया, इसलिए हमें हाईकोर्ट जाना पड़ा। निर्मला केस में कब, क्या हुआ? 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सागर जिले की बीना सीट से निर्मला सप्रे विधायक बनीं। मई में लोकसभा चुनाव के दौरान सागर जिले के राहतगढ़ कस्बे में आयोजित बीजेपी की चुनावी जनसभा में निर्मला सप्रे मंच पर पहुंची और उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के हाथों भाजपा का गमछा गले में डाला। मंच से यह ऐलान किया गया कि निर्मला सप्रे ने बीजेपी जॉइन कर ली है। सप्रे ने भी कहा कि वे बीना के विकास के लिए बीजेपी के साथ आई हैं।