फर्जी आधार कार्ड से नाबालिग का खून लिया, तबीयत बिगड़ी:भिंड जिला अस्पताल में भीम आर्मी का प्रदर्शन; आरोप- निजी हॉस्पिटल को बेंचा जा रहा ब्लड
फर्जी आधार कार्ड से नाबालिग का खून लिया, तबीयत बिगड़ी:भिंड जिला अस्पताल में भीम आर्मी का प्रदर्शन; आरोप- निजी हॉस्पिटल को बेंचा जा रहा ब्लड
भिंड के जिला अस्पताल में 16 साल के किशोर को 1200 रुपए देकर ब्लड डोनेट कराया। ब्लड देने के बाद 1 अप्रैल को किशोर की तबीयत खराब हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने इसकी शिकायत ब्लड बैंक प्रभारी से की तो उन्होंने और स्टाफ ने धमकाया। इसके बाद इस मामले में भीम आर्मी के पदाधिकारी परिजनों के साथ चिकित्सालय के विरोध किया। भीम आर्मी का आरोप है कि यहां से पैसे लेकर ब्लड निजी अस्पतालों को ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है और ब्लड बैंक प्रभारी इसमें पूरी तरह संलिप्त हैं। जिला अस्पताल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से लिया और तीन सदस्यीय टीम गठित कर पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। किशोर को लालच देकर ब्लड डोनेट कराया
शहर के वार्ड 4 में भीमनगर निवासी सविता कौशल पत्नी उपेंद्र कौशल ने बताया कि 30 मार्च को मोहल्ले के भूपेंद्र और देवू श्रीवास्तव उनके 16 वर्षीय बेटे को बहला-फुसलाकर ले गए। उन्होंने जिला अस्पताल में भर्ती ललित कुमार को खून की जरूरत बताया। दोनों ने 1200 रुपए का लालच देकर ब्लड बैंक में किसी अन्य बालिग के आधार कार्ड की डिटेल दर्ज कर उसके शरीर से एक यूनिट खून निकाल लिया। किशोर की मां का आरोप है कि 30 मार्च को बेटा ब्लड देने के बाद घर लौट आया। इसके बाद उसकी तबीयत खराब होने लगी। रात में ज्यादा सीरियस हुआ तो सुबह लेकर अस्पताल आए। इसी समय पता चला कि ने बीते रोज ब्लड डोनेट किया है। इस कारण से तबीयत खराब हुई। परिवार जनों को मामले की हकीकत पता चली। बेटे से पूछताछ की तब पूरी सच्चाई सामने आई। तत्काल परिजन उसे जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड में भर्ती कराया। जब अब परिवार जनों ने ब्लड बैंक प्रबंधन से शिकायत की। उनका आरोप है कि ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. उमेश शर्मा और उनके स्टाफ ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। भीम आर्मी ने जताया विरोध
इस मामले की जानकारी लगते ही परिवार जनों के साथ भीम आर्मी के पदाधिकारी चिकित्सालय के विरोध में खड़े हो गए। भीम आर्मी के चंबल संभागीय प्रभारी देशराज धारिया अपने साथियों के साथ जिला अस्पताल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। भीम आर्मी के पदाधिकारी धारिया ने आरोप लगाया कि ब्लड बैंक में लंबे समय से गड़बडियां हो रही हैं। यहां से पैसे लेकर ब्लड निजी अस्पतालों को ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है और ब्लड बैंक प्रभारी इसमें पूरी तरह संलिप्त हैं।
भिंड के जिला अस्पताल में 16 साल के किशोर को 1200 रुपए देकर ब्लड डोनेट कराया। ब्लड देने के बाद 1 अप्रैल को किशोर की तबीयत खराब हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने इसकी शिकायत ब्लड बैंक प्रभारी से की तो उन्होंने और स्टाफ ने धमकाया। इसके बाद इस मामले में भीम आर्मी के पदाधिकारी परिजनों के साथ चिकित्सालय के विरोध किया। भीम आर्मी का आरोप है कि यहां से पैसे लेकर ब्लड निजी अस्पतालों को ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है और ब्लड बैंक प्रभारी इसमें पूरी तरह संलिप्त हैं। जिला अस्पताल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से लिया और तीन सदस्यीय टीम गठित कर पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। किशोर को लालच देकर ब्लड डोनेट कराया
शहर के वार्ड 4 में भीमनगर निवासी सविता कौशल पत्नी उपेंद्र कौशल ने बताया कि 30 मार्च को मोहल्ले के भूपेंद्र और देवू श्रीवास्तव उनके 16 वर्षीय बेटे को बहला-फुसलाकर ले गए। उन्होंने जिला अस्पताल में भर्ती ललित कुमार को खून की जरूरत बताया। दोनों ने 1200 रुपए का लालच देकर ब्लड बैंक में किसी अन्य बालिग के आधार कार्ड की डिटेल दर्ज कर उसके शरीर से एक यूनिट खून निकाल लिया। किशोर की मां का आरोप है कि 30 मार्च को बेटा ब्लड देने के बाद घर लौट आया। इसके बाद उसकी तबीयत खराब होने लगी। रात में ज्यादा सीरियस हुआ तो सुबह लेकर अस्पताल आए। इसी समय पता चला कि ने बीते रोज ब्लड डोनेट किया है। इस कारण से तबीयत खराब हुई। परिवार जनों को मामले की हकीकत पता चली। बेटे से पूछताछ की तब पूरी सच्चाई सामने आई। तत्काल परिजन उसे जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड में भर्ती कराया। जब अब परिवार जनों ने ब्लड बैंक प्रबंधन से शिकायत की। उनका आरोप है कि ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. उमेश शर्मा और उनके स्टाफ ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। भीम आर्मी ने जताया विरोध
इस मामले की जानकारी लगते ही परिवार जनों के साथ भीम आर्मी के पदाधिकारी चिकित्सालय के विरोध में खड़े हो गए। भीम आर्मी के चंबल संभागीय प्रभारी देशराज धारिया अपने साथियों के साथ जिला अस्पताल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। भीम आर्मी के पदाधिकारी धारिया ने आरोप लगाया कि ब्लड बैंक में लंबे समय से गड़बडियां हो रही हैं। यहां से पैसे लेकर ब्लड निजी अस्पतालों को ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है और ब्लड बैंक प्रभारी इसमें पूरी तरह संलिप्त हैं।