चीलर डेम पर SDRF-होमगार्ड ने की बाढ़ बचाव की मॉकड्रिल:शाजापुर में जवानों ने सिखा CPR देना और बोट चलाना, अंडरवॉटर रेस्क्यू की ली ट्रेनिंग

बाढ़ आपदा प्रबंधन की तैयारियों के तहत शाजापुर में SDRF और होमगार्ड के जवानों को तीन दिवसीय विशेष तैराकी और रेस्क्यू प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण चीलर डेम पर हो रहा है, जिसमें जलभराव और बाढ़ की स्थिति में लोगों को बचाने की मॉक ड्रिल कराई जा रही है। बोटिंग, टोइंग और अंडरवॉटर रेस्क्यू की ट्रेनिंग होमगार्ड जिला कमांडेंट विक्रम सिंह मालवीय ने बताया कि जवानों को बोट चलाना, टोइंग मेथड, ब्रीथिंग एक्सरसाइज और नाव पलटने जैसी आपात स्थितियों से निपटने का अभ्यास कराया जा रहा है। इसके अलावा अंडरवॉटर रेस्क्यू और ड्राई रेस्क्यू की तकनीकी जानकारी भी दी जा रही है। सुबह चीलर डेम पर पानी में रेस्क्यू ऑपरेशन की ट्रेनिंग होती है, जबकि शाम को होमगार्ड लाइन में थ्योरी व ड्राई रेस्क्यू की प्रक्रिया सिखाई जाती है। लाइफ जैकेट, रस्सी और CPR का भी अभ्यास जवानों को लाइफ बॉय, लाइफ जैकेट, रस्सी का उपयोग सिखाया जा रहा है। साथ ही CPR, कैरी मेथड और प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में घायलों को तुरंत बचाया जा सके। प्लाटून कमांडर नम्रता सहरावत ने बताया कि हर वर्ष मानसून से पहले जवानों को 3 से 5 दिन की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। जिले में DRC, QRT और EOC टीमें बनेंगी प्रशिक्षण के बाद जिले में DRC (डिस्ट्रिक्ट रेस्पॉन्स टीम), QRT (क्विक रिएक्शन टीम) और EOC (इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर) की स्थापना की जाएगी। इन टीमों में प्रशिक्षित 30 जवान तैनात रहेंगे जो आपदा की स्थिति में तत्काल सहायता पहुंचाएंगे। आम लोगों के लिए भी सुझाव: बाढ़ से पहले, दौरान और बाद में क्या करें जरूरी बात याद रखें जान से बढ़कर कुछ नहीं, संपत्ति की चिंता बाद में करें। बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को प्राथमिकता दें। सामूहिक प्रयास से आपदा का सामना करें और दूसरों की मदद करें।

चीलर डेम पर SDRF-होमगार्ड ने की बाढ़ बचाव की मॉकड्रिल:शाजापुर में जवानों ने सिखा CPR देना और बोट चलाना, अंडरवॉटर रेस्क्यू की ली ट्रेनिंग
बाढ़ आपदा प्रबंधन की तैयारियों के तहत शाजापुर में SDRF और होमगार्ड के जवानों को तीन दिवसीय विशेष तैराकी और रेस्क्यू प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण चीलर डेम पर हो रहा है, जिसमें जलभराव और बाढ़ की स्थिति में लोगों को बचाने की मॉक ड्रिल कराई जा रही है। बोटिंग, टोइंग और अंडरवॉटर रेस्क्यू की ट्रेनिंग होमगार्ड जिला कमांडेंट विक्रम सिंह मालवीय ने बताया कि जवानों को बोट चलाना, टोइंग मेथड, ब्रीथिंग एक्सरसाइज और नाव पलटने जैसी आपात स्थितियों से निपटने का अभ्यास कराया जा रहा है। इसके अलावा अंडरवॉटर रेस्क्यू और ड्राई रेस्क्यू की तकनीकी जानकारी भी दी जा रही है। सुबह चीलर डेम पर पानी में रेस्क्यू ऑपरेशन की ट्रेनिंग होती है, जबकि शाम को होमगार्ड लाइन में थ्योरी व ड्राई रेस्क्यू की प्रक्रिया सिखाई जाती है। लाइफ जैकेट, रस्सी और CPR का भी अभ्यास जवानों को लाइफ बॉय, लाइफ जैकेट, रस्सी का उपयोग सिखाया जा रहा है। साथ ही CPR, कैरी मेथड और प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में घायलों को तुरंत बचाया जा सके। प्लाटून कमांडर नम्रता सहरावत ने बताया कि हर वर्ष मानसून से पहले जवानों को 3 से 5 दिन की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। जिले में DRC, QRT और EOC टीमें बनेंगी प्रशिक्षण के बाद जिले में DRC (डिस्ट्रिक्ट रेस्पॉन्स टीम), QRT (क्विक रिएक्शन टीम) और EOC (इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर) की स्थापना की जाएगी। इन टीमों में प्रशिक्षित 30 जवान तैनात रहेंगे जो आपदा की स्थिति में तत्काल सहायता पहुंचाएंगे। आम लोगों के लिए भी सुझाव: बाढ़ से पहले, दौरान और बाद में क्या करें जरूरी बात याद रखें जान से बढ़कर कुछ नहीं, संपत्ति की चिंता बाद में करें। बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को प्राथमिकता दें। सामूहिक प्रयास से आपदा का सामना करें और दूसरों की मदद करें।