मां-पिता के सामने ही दादा ने मलिष्का को मारा:मामा ‎‎से तीन साल से सम्पर्क में थी; मोबाइल में "पतिदेव'' के नाम से सेव था नंबर‎‎

मुरैना पुलिस ने बदरपुरा गांव में मंगलवार को हुई मलिष्का (19) की हत्या का खुलासा कर दिया है। दादा सिरनाम सिंह ने मां-पिता के सामने ही की पोती की हत्या की थी। युवती रिश्ते के मामा सूरज से प्यार करती थी। तीन साल से वह उसके सम्पर्क में थी। घटना से पहले 17 दिनों तक लगातार उसने सूरज से बात की थी। उसने अपने फोन में सूरज का नंबर पतिदेव के नाम से सेव किया था। पुलिस ने बुधवार को मुख्य आरोपी सरनाम सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही अन्य लोगों से भी पूछताछ जारी है। नरेश त्यागी और उसके बेटे का नाम लेता रहा आरोपी ASP ​​​सुरेन्द्र पाल सिंह डाबर ने बताया कि पुलिस को गुमराह करने के लिए दादा सरनाम सिंह अपने ही गांव के नरेश त्यागी और उसके बेटे सौरभ का नाम लेता रहा। वह कहता रहा कि नरेश के बेटे सौरभ से उसकी नातिन प्यार करती थी, लिहाजा बदनामी के डर से नरेश ने बेटे सौरभ के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद मंगलवार को पुलिस नरेश त्यागी की पत्नी कलावती को थाने लाई। दोनों से लगातार पूछताछ के बाद सामने आया कि सरनाम सिंह झूठ बोल रहा है। सरनाम सिंह ने पुलिस को बताया था कि नरेश और सौरभ ने कट्टों से मलिष्का ​​​​​​को गोली मारी थी। पुलिस ने जब सौरभ और उसके दूसरे बेटों की सीडीआर निकाली तो वह दूसरे राज्यों में मिले। नरेश के बेटे जहां नौकरी करते थे, उस शहर के पुलिस अधिकारियों ने भी उनके वहां होने की पुष्टि की, इसके बाद पुलिस ने पिता-पुत्र को निर्दोश मान लिया है। पिता ने पुलिस को दी झूठी जानकारी‎ ऑनर किलिंग मामले में पुलिस ने 36 घंटे की ‎पड़ताल के दौरान पाया कि मलिष्का के पिता‎ लाखन सिंह ने अपनी बेटी की हत्या को लेकर चार‎ युवकों के नाम बागचीनी पुलिस को बताए। बाद में‎ लाखन ने पुलिस को बताया मलिष्का को गोली ‎मारने के बाद उसके पिता सिरनाम सिंह ने उससे ‎कहा कि पुलिस को सूरज और रवि आदि के नाम‎ गोली मारने वालों में बताना। लाखन चाहता तो‎ पुलिस को हकीकत बता सकता था कि उसकी‎बेटी की हत्या सिरनाम सिंह ने की है, लेकिन वह ‎सच छिपाए रहा। इधर सिरनाम ने भी गांव के‎ दूसरे लोगों पर जमीनी विवाद में नातिन की हत्या‎ करने का इल्जाम लगाया जो झूठा साबित हुआ।‎ परिजनों से पूछताछ में खुलासा मामले की जांच में पुलिस ने मृतका मलिष्का की भाभी रेखा को जौरा से हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके साथ ही मलिष्का की चाची और मां से भी सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में सामने आया कि मलिष्का का सूरज से प्रेम प्रसंग बाबा सरनाम सिंह को नागवार था। माता-पिता थे शादी के लिए राजी, दादा ने किया विरोध पुलिस के अनुसार, मलिष्का सूरज से शादी करने की जिद कर रही थी। उसके पिता लाखन और मां सुआबाई दोनों इस रिश्ते के लिए राजी हो गए थे। हालांकि, दादा सरनाम सिंह ने इस रिश्ते का कड़ा विरोध किया। जांच में पता चला कि सरनाम को लग रहा था कि इस शादी से समाज में उनकी बदनामी होगी। इसी कारण उन्होंने मलिष्का को रास्ते से हटाने का फैसला किया और वारदात को अंजाम दिया। माता-पिता के सामने मारा मलिष्का अपने पिता लाखन सिंह और मां सुआबाई के साथ बालेरा गांव रिश्तेदारी में गई थी। इस दौरान बदरपुरा गांव में मौजूद दादा ने हत्या की योजना बना ली। उसने लाखन को फोन कर घर में छोटे बच्चों की देखभाल का हवाला देते हुए तुरंत वापस बुला लिया। इस दौरान आरोपी लगातार फोन से लाखन की लोकेशन ट्रैक करता रहा। रात साढ़े 9:30 बजे जब परिवार बदरपुरा चौराहे पर पहुंचा, तो बाबा सरनाम सिंह बाइक के सामने आ गया। उसने पहले बहू सुआबाई को धक्का देकर बाइक से अलग किया और फिर मलिष्का पर गोली चला दी। पहली गोली मलिष्का के कान को छूकर निकल गई। जब वह भागने लगी तो दूसरी गोली चलाई, जो निशाना चूक गई। तीसरी गोली सिर में लगने से मलिष्का की मौके पर ही मौत हो गई। पूरी घटना के दौरान माता-पिता सहमे हुए खड़े रहे। पतिदेव के नाम से सेव था नंबर पुलिस जांच में सामने आया कि मलिष्का का सूरज से प्रेम संबंध था। बांसी गांव निवासी सूरज के साथ वह अक्सर घूमने भी जाया करती थी। परिवार के विरोध के बाद दोनों फोन पर बात करने लगे थे। जांच में मलिष्का के मोबाइल से महत्वपूर्ण सबूत मिले। उसके फोन में केवल सूरज का नंबर था, जिसे उसने 'पतिदेव' नाम से सेव कर रखा था। पिछले तीन साल के कॉल रिकॉर्ड से पता चला है कि उसने सबसे अधिक कॉल्स सूरज को ही किए थे। एएसपी मुरैना सुरेन्द्र पाल सिंह डाबर ने बताया- मलिष्का हत्याकांड में मुख्य आरोपी सरनाम सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। मामले में कुछ अन्य संदिग्धों को भी अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में कई लोगों की संलिप्तता सामने आई है​​​​​​​। जांच जारी है।

मां-पिता के सामने ही दादा ने मलिष्का को मारा:मामा ‎‎से तीन साल से सम्पर्क में थी; मोबाइल में "पतिदेव'' के नाम से सेव था नंबर‎‎
मुरैना पुलिस ने बदरपुरा गांव में मंगलवार को हुई मलिष्का (19) की हत्या का खुलासा कर दिया है। दादा सिरनाम सिंह ने मां-पिता के सामने ही की पोती की हत्या की थी। युवती रिश्ते के मामा सूरज से प्यार करती थी। तीन साल से वह उसके सम्पर्क में थी। घटना से पहले 17 दिनों तक लगातार उसने सूरज से बात की थी। उसने अपने फोन में सूरज का नंबर पतिदेव के नाम से सेव किया था। पुलिस ने बुधवार को मुख्य आरोपी सरनाम सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही अन्य लोगों से भी पूछताछ जारी है। नरेश त्यागी और उसके बेटे का नाम लेता रहा आरोपी ASP ​​​सुरेन्द्र पाल सिंह डाबर ने बताया कि पुलिस को गुमराह करने के लिए दादा सरनाम सिंह अपने ही गांव के नरेश त्यागी और उसके बेटे सौरभ का नाम लेता रहा। वह कहता रहा कि नरेश के बेटे सौरभ से उसकी नातिन प्यार करती थी, लिहाजा बदनामी के डर से नरेश ने बेटे सौरभ के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद मंगलवार को पुलिस नरेश त्यागी की पत्नी कलावती को थाने लाई। दोनों से लगातार पूछताछ के बाद सामने आया कि सरनाम सिंह झूठ बोल रहा है। सरनाम सिंह ने पुलिस को बताया था कि नरेश और सौरभ ने कट्टों से मलिष्का ​​​​​​को गोली मारी थी। पुलिस ने जब सौरभ और उसके दूसरे बेटों की सीडीआर निकाली तो वह दूसरे राज्यों में मिले। नरेश के बेटे जहां नौकरी करते थे, उस शहर के पुलिस अधिकारियों ने भी उनके वहां होने की पुष्टि की, इसके बाद पुलिस ने पिता-पुत्र को निर्दोश मान लिया है। पिता ने पुलिस को दी झूठी जानकारी‎ ऑनर किलिंग मामले में पुलिस ने 36 घंटे की ‎पड़ताल के दौरान पाया कि मलिष्का के पिता‎ लाखन सिंह ने अपनी बेटी की हत्या को लेकर चार‎ युवकों के नाम बागचीनी पुलिस को बताए। बाद में‎ लाखन ने पुलिस को बताया मलिष्का को गोली ‎मारने के बाद उसके पिता सिरनाम सिंह ने उससे ‎कहा कि पुलिस को सूरज और रवि आदि के नाम‎ गोली मारने वालों में बताना। लाखन चाहता तो‎ पुलिस को हकीकत बता सकता था कि उसकी‎बेटी की हत्या सिरनाम सिंह ने की है, लेकिन वह ‎सच छिपाए रहा। इधर सिरनाम ने भी गांव के‎ दूसरे लोगों पर जमीनी विवाद में नातिन की हत्या‎ करने का इल्जाम लगाया जो झूठा साबित हुआ।‎ परिजनों से पूछताछ में खुलासा मामले की जांच में पुलिस ने मृतका मलिष्का की भाभी रेखा को जौरा से हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके साथ ही मलिष्का की चाची और मां से भी सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में सामने आया कि मलिष्का का सूरज से प्रेम प्रसंग बाबा सरनाम सिंह को नागवार था। माता-पिता थे शादी के लिए राजी, दादा ने किया विरोध पुलिस के अनुसार, मलिष्का सूरज से शादी करने की जिद कर रही थी। उसके पिता लाखन और मां सुआबाई दोनों इस रिश्ते के लिए राजी हो गए थे। हालांकि, दादा सरनाम सिंह ने इस रिश्ते का कड़ा विरोध किया। जांच में पता चला कि सरनाम को लग रहा था कि इस शादी से समाज में उनकी बदनामी होगी। इसी कारण उन्होंने मलिष्का को रास्ते से हटाने का फैसला किया और वारदात को अंजाम दिया। माता-पिता के सामने मारा मलिष्का अपने पिता लाखन सिंह और मां सुआबाई के साथ बालेरा गांव रिश्तेदारी में गई थी। इस दौरान बदरपुरा गांव में मौजूद दादा ने हत्या की योजना बना ली। उसने लाखन को फोन कर घर में छोटे बच्चों की देखभाल का हवाला देते हुए तुरंत वापस बुला लिया। इस दौरान आरोपी लगातार फोन से लाखन की लोकेशन ट्रैक करता रहा। रात साढ़े 9:30 बजे जब परिवार बदरपुरा चौराहे पर पहुंचा, तो बाबा सरनाम सिंह बाइक के सामने आ गया। उसने पहले बहू सुआबाई को धक्का देकर बाइक से अलग किया और फिर मलिष्का पर गोली चला दी। पहली गोली मलिष्का के कान को छूकर निकल गई। जब वह भागने लगी तो दूसरी गोली चलाई, जो निशाना चूक गई। तीसरी गोली सिर में लगने से मलिष्का की मौके पर ही मौत हो गई। पूरी घटना के दौरान माता-पिता सहमे हुए खड़े रहे। पतिदेव के नाम से सेव था नंबर पुलिस जांच में सामने आया कि मलिष्का का सूरज से प्रेम संबंध था। बांसी गांव निवासी सूरज के साथ वह अक्सर घूमने भी जाया करती थी। परिवार के विरोध के बाद दोनों फोन पर बात करने लगे थे। जांच में मलिष्का के मोबाइल से महत्वपूर्ण सबूत मिले। उसके फोन में केवल सूरज का नंबर था, जिसे उसने 'पतिदेव' नाम से सेव कर रखा था। पिछले तीन साल के कॉल रिकॉर्ड से पता चला है कि उसने सबसे अधिक कॉल्स सूरज को ही किए थे। एएसपी मुरैना सुरेन्द्र पाल सिंह डाबर ने बताया- मलिष्का हत्याकांड में मुख्य आरोपी सरनाम सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। मामले में कुछ अन्य संदिग्धों को भी अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में कई लोगों की संलिप्तता सामने आई है​​​​​​​। जांच जारी है।