भिंड के गांव में पहुंचा मगरमच्छ:5 किमी दूर से रेंगते हुए आया, फॉरेस्ट की टीम ने रेस्क्यू कर चंबल नदी में छोड़ा

भिंड जिले के अटेर क्षेत्र के बामन गांव में बुधवार रात एक पांच फीट लंबा मगरमच्छ पहुंच गया। ये मगरमच्छ करीब 5 किलोमीटर दूर चंबल नदी के अटेर घाट से रेंगते हुए गांव तक आया। गांव में मगरमच्छ दिखने के बाद लोगों में डर फैल गया। रात करीब 8 बजे मगरमच्छ गांव के पास दिखाई दिया। ग्रामीणों ने उसे घेर लिया और फॉरेस्ट विभाग को सूचना दी। एक घंटे बाद रात करीब साढ़े 9 बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जाल लगाकर मगरमच्छ को पकड़ लिया। गुरुवार को चंबल नदी में छोड़ा गया रात में मगरमच्छ को सुरक्षित बंधक बनाकर रखा गया। गुरुवार सुबह करीब 11 बजे फॉरेस्ट टीम ने उसे रेस्क्यू कर चंबल नदी में छोड़ दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बरसात में सुरक्षित ठिकाने की तलाश में निकलते हैं मगरमच्छ इस बारे में डिप्टी रेंजर बलवीर चौरसिया ने कहा, "बारिश का सीजन शुरू होते ही नदियों में पानी बढ़ने लगता है। ऐसे में मगरमच्छ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करते हैं। कई बार चंबल नदी के किनारे बसे गांवों के तालाबों में भी मिलते हैं। मगरमच्छ का रेस्क्यू कर नदी में छुड़वाया गया है।"

Jun 26, 2025 - 13:34
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भिंड के गांव में पहुंचा मगरमच्छ:5 किमी दूर से रेंगते हुए आया, फॉरेस्ट की टीम ने रेस्क्यू कर चंबल नदी में छोड़ा
भिंड जिले के अटेर क्षेत्र के बामन गांव में बुधवार रात एक पांच फीट लंबा मगरमच्छ पहुंच गया। ये मगरमच्छ करीब 5 किलोमीटर दूर चंबल नदी के अटेर घाट से रेंगते हुए गांव तक आया। गांव में मगरमच्छ दिखने के बाद लोगों में डर फैल गया। रात करीब 8 बजे मगरमच्छ गांव के पास दिखाई दिया। ग्रामीणों ने उसे घेर लिया और फॉरेस्ट विभाग को सूचना दी। एक घंटे बाद रात करीब साढ़े 9 बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जाल लगाकर मगरमच्छ को पकड़ लिया। गुरुवार को चंबल नदी में छोड़ा गया रात में मगरमच्छ को सुरक्षित बंधक बनाकर रखा गया। गुरुवार सुबह करीब 11 बजे फॉरेस्ट टीम ने उसे रेस्क्यू कर चंबल नदी में छोड़ दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बरसात में सुरक्षित ठिकाने की तलाश में निकलते हैं मगरमच्छ इस बारे में डिप्टी रेंजर बलवीर चौरसिया ने कहा, "बारिश का सीजन शुरू होते ही नदियों में पानी बढ़ने लगता है। ऐसे में मगरमच्छ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करते हैं। कई बार चंबल नदी के किनारे बसे गांवों के तालाबों में भी मिलते हैं। मगरमच्छ का रेस्क्यू कर नदी में छुड़वाया गया है।"