मंडला में 250 साल पुराने तालाब का जीर्णोद्धार:ग्रामीणों ने मिलकर 30 एकड़ में किया विस्तार; 25 गांवों को मिलेगा पानी

मंडला जिले में एक 250 वर्ष पुराने तालाब का जीर्णोद्धार स्थानीय ने मिलकर किया। 10-15 दिनों में ही तालाब का विस्तार कर इसे 30 एकड़ का बना दिया। अब यह तालाब फिर से 25 गांवों के लोगों, मवेशियों और पशु-पक्षियों की जरूरतें पूरी करेगा। दरअसल, भंवरताल गांव के इस तालाब का निर्माण 1759 में गोंड राजा निजाम शाह ने धर्मार्थ करवाया था। समय के साथ तालाब पर अतिक्रमण हो गया। यहां खदानें बन गईं। तालाब छोटे से क्षेत्र में सिमट गया और गंदगी से भर गया। भंवरताल के मूल निवासी विभूति दत्त झा ने ग्रामीणों के साथ मिलकर 15 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी। जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से तालाब को एक बार फिर से साफ और स्वच्छ बनाने की कोशिश की जा रही है। भंवरताल एक छोटा सा गांव है। यहां 15-20 घरों में लगभग 70-80 लोग रहते हैं। यह क्षेत्र डोलोमाइट की खदानों के लिए जाना जाता है। बिछिया जनपद की काताजर पंचायत के अंतर्गत आने वाले इस गांव ने जन सहयोग की एक मिसाल पेश की है। यहां देखिए तस्वीरें...

मंडला में 250 साल पुराने तालाब का जीर्णोद्धार:ग्रामीणों ने मिलकर 30 एकड़ में किया विस्तार; 25 गांवों को मिलेगा पानी
मंडला जिले में एक 250 वर्ष पुराने तालाब का जीर्णोद्धार स्थानीय ने मिलकर किया। 10-15 दिनों में ही तालाब का विस्तार कर इसे 30 एकड़ का बना दिया। अब यह तालाब फिर से 25 गांवों के लोगों, मवेशियों और पशु-पक्षियों की जरूरतें पूरी करेगा। दरअसल, भंवरताल गांव के इस तालाब का निर्माण 1759 में गोंड राजा निजाम शाह ने धर्मार्थ करवाया था। समय के साथ तालाब पर अतिक्रमण हो गया। यहां खदानें बन गईं। तालाब छोटे से क्षेत्र में सिमट गया और गंदगी से भर गया। भंवरताल के मूल निवासी विभूति दत्त झा ने ग्रामीणों के साथ मिलकर 15 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी। जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से तालाब को एक बार फिर से साफ और स्वच्छ बनाने की कोशिश की जा रही है। भंवरताल एक छोटा सा गांव है। यहां 15-20 घरों में लगभग 70-80 लोग रहते हैं। यह क्षेत्र डोलोमाइट की खदानों के लिए जाना जाता है। बिछिया जनपद की काताजर पंचायत के अंतर्गत आने वाले इस गांव ने जन सहयोग की एक मिसाल पेश की है। यहां देखिए तस्वीरें...