CM विष्णु साय ने किया 'रक्त-मित्र' पुस्तिका का विमोचन:जशपुर में रेडक्रॉस के आजीवन सदस्यों को किया सम्मानित, बोले- जीवनदान सेवा भावना का श्रेष्ठतम उदाहरण

मुख्यमंत्री विष्णु साय ने गुरुवार को जशपुर जिले के ग्राम बगिया में भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी की आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि रक्तदान एक पुनीत कार्य है, जो न केवल किसी जरूरतमंद को जीवनदान देता है, बल्कि मानवता के प्रति हमारी सेवा भावना का श्रेष्ठतम उदाहरण भी है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति समय पर रक्तदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित कर सकता है। यह पहल जीवनरक्षक सहायता को सहज, सुलभ और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जशपुर जिले में हर वर्ग के नागरिक स्वैच्छिक रक्तदान और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। समाज सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। आज रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, क्योंकि जीवनदान देने वाला व्यक्ति वास्तव में ईश्वर के समकक्ष होता है। रक्तदान कर जीवनरक्षक कार्य में सहभागी बनें-CM विष्णु साय ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि रक्त का हमारे जीवन में क्या महत्व है। सही समय पर उपयुक्त रक्त समूह का रक्त मिलने से किसी के प्राणों की रक्षा की जा सकती है, इसलिए रक्तदान को ‘महादान’ कहा गया है। राज्य में रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से सर्वाधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है, जो जनसेवा की उत्कृष्ट मिसाल है। मैं इस मंच से प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूं कि वे यथासंभव रक्तदान कर इस जीवनरक्षक कार्य में सहभागी बनें। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के सरकार प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रतिबद्ध है। हाल ही में हमने एम्बुलेंस सेवाओं को हरी झंडी दिखाकर त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस पहल की है। मैं सभी नागरिकों को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सरकार प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए संकल्पित है। इन्हें दिया गया प्रमाण पत्र इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कैंप कार्यालय बगिया में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी जशपुर के आजीवन सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए और “रक्त-मित्र” पुस्तिका का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने नीरज शर्मा, अजय कुमार कुशवाहा और शिव नारायण सोनी को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनके योगदान की सराहना की। किए गए हैं रक्तदाताओं के नाम और मोबाइल नंबर सूचीबद्ध बता दें कि कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री, जिला प्रशासन और भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी, जिला जशपुर की एक अभिनव पहल है, जिसके अंतर्गत 480 स्वैच्छिक रक्तदाताओं के नाम और मोबाइल नंबर सूचीबद्ध किए गए हैं। इस डायरेक्ट्री के माध्यम से जब भी किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता होगी, वह सीधे सूची में दिए गए नंबरों पर संपर्क कर रक्त प्राप्त कर सकता है। इस प्रयास से रोगियों को इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उन्हें समय पर रक्त मिल सकेगा। यदि कोई व्यक्ति या समाजसेवी “रक्त-मित्र” बनना चाहता है, तो वह डायरेक्ट्री में दिए गए QR कोड को स्कैन कर गूगल फॉर्म भर सकता है। साथ ही, कलेक्टर एवं अध्यक्ष, भारतीय रेडक्रॉस जिला मुख्यालय, जशपुर (कलेक्ट्रेट परिसर, कक्ष क्रमांक 122) में संपर्क कर भी “रक्त-मित्र” के रूप में पंजीयन कर सकता है।

Jul 25, 2025 - 19:56
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CM विष्णु साय ने किया 'रक्त-मित्र' पुस्तिका का विमोचन:जशपुर में रेडक्रॉस के आजीवन सदस्यों को किया सम्मानित, बोले- जीवनदान सेवा भावना का श्रेष्ठतम उदाहरण
मुख्यमंत्री विष्णु साय ने गुरुवार को जशपुर जिले के ग्राम बगिया में भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी की आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि रक्तदान एक पुनीत कार्य है, जो न केवल किसी जरूरतमंद को जीवनदान देता है, बल्कि मानवता के प्रति हमारी सेवा भावना का श्रेष्ठतम उदाहरण भी है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति समय पर रक्तदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित कर सकता है। यह पहल जीवनरक्षक सहायता को सहज, सुलभ और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जशपुर जिले में हर वर्ग के नागरिक स्वैच्छिक रक्तदान और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। समाज सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। आज रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, क्योंकि जीवनदान देने वाला व्यक्ति वास्तव में ईश्वर के समकक्ष होता है। रक्तदान कर जीवनरक्षक कार्य में सहभागी बनें-CM विष्णु साय ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि रक्त का हमारे जीवन में क्या महत्व है। सही समय पर उपयुक्त रक्त समूह का रक्त मिलने से किसी के प्राणों की रक्षा की जा सकती है, इसलिए रक्तदान को ‘महादान’ कहा गया है। राज्य में रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से सर्वाधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है, जो जनसेवा की उत्कृष्ट मिसाल है। मैं इस मंच से प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूं कि वे यथासंभव रक्तदान कर इस जीवनरक्षक कार्य में सहभागी बनें। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के सरकार प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रतिबद्ध है। हाल ही में हमने एम्बुलेंस सेवाओं को हरी झंडी दिखाकर त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस पहल की है। मैं सभी नागरिकों को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सरकार प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए संकल्पित है। इन्हें दिया गया प्रमाण पत्र इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कैंप कार्यालय बगिया में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी जशपुर के आजीवन सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए और “रक्त-मित्र” पुस्तिका का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने नीरज शर्मा, अजय कुमार कुशवाहा और शिव नारायण सोनी को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनके योगदान की सराहना की। किए गए हैं रक्तदाताओं के नाम और मोबाइल नंबर सूचीबद्ध बता दें कि कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री, जिला प्रशासन और भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी, जिला जशपुर की एक अभिनव पहल है, जिसके अंतर्गत 480 स्वैच्छिक रक्तदाताओं के नाम और मोबाइल नंबर सूचीबद्ध किए गए हैं। इस डायरेक्ट्री के माध्यम से जब भी किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता होगी, वह सीधे सूची में दिए गए नंबरों पर संपर्क कर रक्त प्राप्त कर सकता है। इस प्रयास से रोगियों को इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उन्हें समय पर रक्त मिल सकेगा। यदि कोई व्यक्ति या समाजसेवी “रक्त-मित्र” बनना चाहता है, तो वह डायरेक्ट्री में दिए गए QR कोड को स्कैन कर गूगल फॉर्म भर सकता है। साथ ही, कलेक्टर एवं अध्यक्ष, भारतीय रेडक्रॉस जिला मुख्यालय, जशपुर (कलेक्ट्रेट परिसर, कक्ष क्रमांक 122) में संपर्क कर भी “रक्त-मित्र” के रूप में पंजीयन कर सकता है।