13 से 21 किलोमीटर पैदल कलश यात्रा निकली:बैंड-बाजों की धुन पर नाचीं महिलाएं, बाबा बैजनाथ का जलाभिषेक भी किया

आगर मालवा में सावन माह की आस्था और परंपरा को जीवंत करते हुए गुरुवार को ग्राम बढ़गुन, ढोटी और सुदवास की महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। बढ़गुन से 15 किलोमीटर, ढोटी से 13 किलोमीटर और सुदवास से 21 किलोमीटर की दूरी तय करके महिलाएं पहुंचीं। महिलाएं सिर पर कलश रखकर पैदल चलते हुए भक्ति भाव से बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर पहुंचीं। यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। बैंड-बाजों की मधुर धुनों और भजन-कीर्तन के साथ महिलाएं नाचती-गाती चलीं। मार्ग में जगह-जगह धर्मप्रेमियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। मंदिर पहुंचने पर महिलाओं ने पवित्र कलश के जल से बाबा बैजनाथ महादेव का अभिषेक किया। उन्होंने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना भी की। सावन के महीने में प्रतिदिन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से इस प्रकार की कलश यात्राएं बाबा बैजनाथ मंदिर पहुंच रही हैं। अन्य गांवों से भी श्रद्धालु महिलाएं मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक कर रही हैं। बाबा बैजनाथ महादेव का रोज अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार किया जा रहा है। गुरुवार को महादेव का महाकाल स्वरूप में मनमोहक श्रृंगार किया गया।

Jul 31, 2025 - 15:52
 0  2
13 से 21 किलोमीटर पैदल कलश यात्रा निकली:बैंड-बाजों की धुन पर नाचीं महिलाएं, बाबा बैजनाथ का जलाभिषेक भी किया
आगर मालवा में सावन माह की आस्था और परंपरा को जीवंत करते हुए गुरुवार को ग्राम बढ़गुन, ढोटी और सुदवास की महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। बढ़गुन से 15 किलोमीटर, ढोटी से 13 किलोमीटर और सुदवास से 21 किलोमीटर की दूरी तय करके महिलाएं पहुंचीं। महिलाएं सिर पर कलश रखकर पैदल चलते हुए भक्ति भाव से बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर पहुंचीं। यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। बैंड-बाजों की मधुर धुनों और भजन-कीर्तन के साथ महिलाएं नाचती-गाती चलीं। मार्ग में जगह-जगह धर्मप्रेमियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। मंदिर पहुंचने पर महिलाओं ने पवित्र कलश के जल से बाबा बैजनाथ महादेव का अभिषेक किया। उन्होंने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना भी की। सावन के महीने में प्रतिदिन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से इस प्रकार की कलश यात्राएं बाबा बैजनाथ मंदिर पहुंच रही हैं। अन्य गांवों से भी श्रद्धालु महिलाएं मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक कर रही हैं। बाबा बैजनाथ महादेव का रोज अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार किया जा रहा है। गुरुवार को महादेव का महाकाल स्वरूप में मनमोहक श्रृंगार किया गया।