रतलाम के हॉस्टल में टैंकर से आता है पानी:बीमार होने के पहले शिमला मिर्ची और आलू की सब्जी खाई थी; डॉक्टर बोले मौसमी बुखार है

रतलाम के बाजना के एकलव्य बालिका छात्रावास में बीमार हुई 35 छात्राओं में से 9 को रतलाम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। तबीयत खराब होने के पहले छात्राओं ने हॉस्टल में शिमला मिर्ची व आलू की सब्जी के साथ रोटी व दाल चावल खाए थे। डॉक्टर इसे फूड नहीं पॉइजिंग नहीं मान रहे है। मौसमी बीमारी का हवाला दे रहे है। छात्राओं के बीमार होने पर कलेक्टर राजेश बाथम ने रतलाम से डॉक्टरों की टीम भी बाजना स्वास्थ्य केंद्र पर भेज इलाज कराया। सोमवार रात हॉस्टल की कुछ छात्राओं की तबीयत खराब हुई। देखते ही देखते सभी छात्राओं को सिर दर्द व बुखार व खासी के कारण बाजना के स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर भर्ती करना पड़ा। रात में कुछ छात्राओं को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया। 13 छात्राओं को मंगलवार सुबह डिस्चार्ज किया। लेकिन बाद में वापस सभी छात्राओं को इलाज के लिए भर्ती कराया। सैलाना एसडीएम मनीष जैन, जनजातीय विकास विभाग के सहायक आयुक्त रंजनासिंह भी बाजना पहुंची। छात्राओं से बातचीत की। रतलाम से डॉक्टरों की टीम को भेजा गया। आईसीयू में करा एडमिट बुखार नहीं उतरने पर 9 छात्राओं को शाम को एंबुलेंस से रतलाम मेडिकल लाया गया है। यहां पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशु निनामा ने छात्राओं के हालचाल जाने। माता-पिता से बात की। छात्राओं को आईसीयू में एडमिट किया गया। जहां इन सभी छात्राओं की हालात सामान्य थी। एक छात्रा तो रोते हुए कहने लगी कि मैं ठीक हूं। मुझे अब घर जाना है। फिर मुझे भर्ती कर दिया। हॉस्टल में 86 छात्राएं हॉस्टल में कक्षा 6ठी से 10वीं तक 86 छात्राएं है। सभी क्लास की छात्राएं बीमार हुई है। रतलाम में कक्षा 7वीं की लक्ष्मी, कक्षा 8वीं की शिवानी, मोनिका, माधुरी, काजल, नेहा, कक्षा 9वीं की पूजा, सविता एवं कक्षा 10वीं की छात्रा वैशाली को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया है। टैंकर से आता है पानी कक्षा 8वीं की छात्रा नेहा ने बताया कि बुखार व खासी होने पर मेम को बताया। और भी लड़कियों को यहीं समस्या आई। शिमला मिर्ची, आलू की सब्जी के साथ रोटी दाल चावल खाए थे। छात्रा मोनिका ने कहा कि खासी आती है तो पेट में दर्द होता है। मेम को बताया तो वह तुरंत अस्पताल लेकर गए। छात्रा लक्ष्मी ने कहा कि शाम को सिर दर्द हुआ। सुबह बुखार आया। पानी हॉस्टल में टैंकर से आता है। पानी की टंकी को उससे भरा जाता है। वहीं पानी पीते है। यही बात अन्य छात्राओं ने भी कही। जिपं उपाध्यक्ष का आरोप हॉस्टल में जो भोजन छात्राओं ने किया उसकी जांच होना चाहिए। हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए सरकार द्वारा डॉक्टर नियुक्त कर रखे है। समय-समय पर बच्चों की जांच करना जरूरी है। लेकिन आदिवासी क्षेत्र में अधिकतर डॉक्टर अपने स्थान पर नहीं रहकर रतलाम आकर रहते है। जो भी जिम्मेदार है उस पर कार्रवाई होना चाहिए। फूड पॉइजनिंग नहीं है- मेडिकल कॉलेज अधीक्षक मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. प्रदीप मिश्रा ने बताया कि बच्चों की मेडिकल हिस्ट्री देखी है। छात्राओं को सिर दर्द, बुखार आया है। उल्टी-दस्त नहीं है। मौसमी बुखार के सिमटम्स है। फूड पॉइजनिंग की संभावना तब रहती है जब उल्टी दस्त होती है। सभी छात्राएं ठीक हैं। ये छात्राएं हुई थी बीमार अंजली (15) पिता रामलाल, बाजू (11) पिता भूरिया, शोभा (12) पिता हेमराज, सपना (14) पिता पंजालाल, मनीषा (12) पिता राहुल, पूजा (15) पिता रमेश, सविता (15) पिता लालू, सोम्या (12) पिता रामदेव, मनीषा (15) पिता लक्ष्मण, ज्योति (15) पिता जगदीश, वर्षा (13) पिता सुखलाल, लक्ष्‌मी (12) पिता ईश्वरलाल, अंजली (12) पिता सुखराम, अक्षिता (15) पिता मगन, सिमरन (11) पिता लक्ष्मण, अनुष्का (12) पिता प्रेमसिंह, पूजा (15) पिता भालु, अंगूरी (14) पिता रुपजी, रेखा (16) पिता मोहन, माधुरी (13) पिता प्रेम, वर्षा (16) पिता लाला, आरती (12) पिता गुड्डू, काजल (12) पिता कांतिलाल, काजल (14) पिता देवीलाल, मोनिका (13) पिता नानापाल, सविता (15) पिता भानसिंह, बबली (13) पिता सपना, किरण (12) पिता गौतम, शिवानी (14) पिता धीरज, सुन्दर (15) पिता दिनेश, खुशबू (15) पिता मोतीलाल, खुशी (12) पिता रमेश, सोनू (12) पिता कालूसिंह, शिवानी (12) पिता महेन्द्र सहित अन्य छात्राएं बीमार हुई।

Aug 20, 2025 - 07:04
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रतलाम के हॉस्टल में टैंकर से आता है पानी:बीमार होने के पहले शिमला मिर्ची और आलू की सब्जी खाई थी; डॉक्टर बोले मौसमी बुखार है
रतलाम के बाजना के एकलव्य बालिका छात्रावास में बीमार हुई 35 छात्राओं में से 9 को रतलाम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। तबीयत खराब होने के पहले छात्राओं ने हॉस्टल में शिमला मिर्ची व आलू की सब्जी के साथ रोटी व दाल चावल खाए थे। डॉक्टर इसे फूड नहीं पॉइजिंग नहीं मान रहे है। मौसमी बीमारी का हवाला दे रहे है। छात्राओं के बीमार होने पर कलेक्टर राजेश बाथम ने रतलाम से डॉक्टरों की टीम भी बाजना स्वास्थ्य केंद्र पर भेज इलाज कराया। सोमवार रात हॉस्टल की कुछ छात्राओं की तबीयत खराब हुई। देखते ही देखते सभी छात्राओं को सिर दर्द व बुखार व खासी के कारण बाजना के स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर भर्ती करना पड़ा। रात में कुछ छात्राओं को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया। 13 छात्राओं को मंगलवार सुबह डिस्चार्ज किया। लेकिन बाद में वापस सभी छात्राओं को इलाज के लिए भर्ती कराया। सैलाना एसडीएम मनीष जैन, जनजातीय विकास विभाग के सहायक आयुक्त रंजनासिंह भी बाजना पहुंची। छात्राओं से बातचीत की। रतलाम से डॉक्टरों की टीम को भेजा गया। आईसीयू में करा एडमिट बुखार नहीं उतरने पर 9 छात्राओं को शाम को एंबुलेंस से रतलाम मेडिकल लाया गया है। यहां पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशु निनामा ने छात्राओं के हालचाल जाने। माता-पिता से बात की। छात्राओं को आईसीयू में एडमिट किया गया। जहां इन सभी छात्राओं की हालात सामान्य थी। एक छात्रा तो रोते हुए कहने लगी कि मैं ठीक हूं। मुझे अब घर जाना है। फिर मुझे भर्ती कर दिया। हॉस्टल में 86 छात्राएं हॉस्टल में कक्षा 6ठी से 10वीं तक 86 छात्राएं है। सभी क्लास की छात्राएं बीमार हुई है। रतलाम में कक्षा 7वीं की लक्ष्मी, कक्षा 8वीं की शिवानी, मोनिका, माधुरी, काजल, नेहा, कक्षा 9वीं की पूजा, सविता एवं कक्षा 10वीं की छात्रा वैशाली को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया है। टैंकर से आता है पानी कक्षा 8वीं की छात्रा नेहा ने बताया कि बुखार व खासी होने पर मेम को बताया। और भी लड़कियों को यहीं समस्या आई। शिमला मिर्ची, आलू की सब्जी के साथ रोटी दाल चावल खाए थे। छात्रा मोनिका ने कहा कि खासी आती है तो पेट में दर्द होता है। मेम को बताया तो वह तुरंत अस्पताल लेकर गए। छात्रा लक्ष्मी ने कहा कि शाम को सिर दर्द हुआ। सुबह बुखार आया। पानी हॉस्टल में टैंकर से आता है। पानी की टंकी को उससे भरा जाता है। वहीं पानी पीते है। यही बात अन्य छात्राओं ने भी कही। जिपं उपाध्यक्ष का आरोप हॉस्टल में जो भोजन छात्राओं ने किया उसकी जांच होना चाहिए। हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए सरकार द्वारा डॉक्टर नियुक्त कर रखे है। समय-समय पर बच्चों की जांच करना जरूरी है। लेकिन आदिवासी क्षेत्र में अधिकतर डॉक्टर अपने स्थान पर नहीं रहकर रतलाम आकर रहते है। जो भी जिम्मेदार है उस पर कार्रवाई होना चाहिए। फूड पॉइजनिंग नहीं है- मेडिकल कॉलेज अधीक्षक मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. प्रदीप मिश्रा ने बताया कि बच्चों की मेडिकल हिस्ट्री देखी है। छात्राओं को सिर दर्द, बुखार आया है। उल्टी-दस्त नहीं है। मौसमी बुखार के सिमटम्स है। फूड पॉइजनिंग की संभावना तब रहती है जब उल्टी दस्त होती है। सभी छात्राएं ठीक हैं। ये छात्राएं हुई थी बीमार अंजली (15) पिता रामलाल, बाजू (11) पिता भूरिया, शोभा (12) पिता हेमराज, सपना (14) पिता पंजालाल, मनीषा (12) पिता राहुल, पूजा (15) पिता रमेश, सविता (15) पिता लालू, सोम्या (12) पिता रामदेव, मनीषा (15) पिता लक्ष्मण, ज्योति (15) पिता जगदीश, वर्षा (13) पिता सुखलाल, लक्ष्‌मी (12) पिता ईश्वरलाल, अंजली (12) पिता सुखराम, अक्षिता (15) पिता मगन, सिमरन (11) पिता लक्ष्मण, अनुष्का (12) पिता प्रेमसिंह, पूजा (15) पिता भालु, अंगूरी (14) पिता रुपजी, रेखा (16) पिता मोहन, माधुरी (13) पिता प्रेम, वर्षा (16) पिता लाला, आरती (12) पिता गुड्डू, काजल (12) पिता कांतिलाल, काजल (14) पिता देवीलाल, मोनिका (13) पिता नानापाल, सविता (15) पिता भानसिंह, बबली (13) पिता सपना, किरण (12) पिता गौतम, शिवानी (14) पिता धीरज, सुन्दर (15) पिता दिनेश, खुशबू (15) पिता मोतीलाल, खुशी (12) पिता रमेश, सोनू (12) पिता कालूसिंह, शिवानी (12) पिता महेन्द्र सहित अन्य छात्राएं बीमार हुई।