एम्बुलेंस नहीं आई, गर्भवती को हाथ ठेले पर अस्पताल पहुंचाया:स्टाफ ने कहा- सुबह 8 बजे आना; CMHO बोले- जांच के बाद कार्रवाई करेंगे
छतरपुर जिले में गर्भवती को हाथ ठेले से अस्पताल पहुंचाना पड़ा। परिजन ने कई बार एम्बुलेंस के लिए फोन किया लेकिन गाड़ी नहीं आई। वे जैसे-तैसे गर्भवती को लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां कह दिया गया है कि स्टाफ नहीं है। बाद में आएं। मामला चंदला के वार्ड नंबर 4 में शनिवार का है। यहां रहने वाली प्रियंका को अचानक लेबर पेन उठा। महिला के पति भूरा ने बताया कि उसने 108 एम्बुलेंस सेवा पर कॉल किया लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची। दूसरा कोई वाहन भी उपलब्ध नहीं हुआ। इसके बाद पति ने महिला को हाथ ठेले पर लिटाया और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होते हुए अस्पताल पहुंचाया। भूरा ने कहा- अस्पताल पहुंचने पर स्टाफ ने इलाज करने के बजाय कहा कि सुबह 8 बजे के बाद आएं। अभी स्टाफ उपलब्ध नहीं है। इसके बाद वे हाथ ठेले पर ही प्रियंका को घर वापस ले आए। सीएम के दौरे के अगले दिन की घटना घटना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के छतरपुर दौरे के अगले ही दिन हुई। शुक्रवार को छतरपुर पहुंचे सीएम ने नए अस्पताल और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का वादा किया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार करोड़ों रुपए का राजस्व लेने के बावजूद सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं दे पा रही है। CMHO ने कहा- घटना की जानकारी नहीं सीएमएचओ आरपी गुप्ता ने कहा- इस घटना की जानकारी नहीं थी। अस्पताल से बात करके पूरी जानकारी लेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। ये खबर भी पढ़ें... एम्बुलेंस नहीं आई, स्वास्थ्य केंद्र बंद मिला...सड़क पर डिलीवरी विदिशा जिले के शमशाबाद में शनिवार को एक महिला ने सड़क पर बच्ची को जन्म दिया। परिजन का आरोप है कि कई बार फोन करने पर एंबुलेंस नहीं आई। मजबूरी में वे महिला को बाइक पर बैठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचे। यहां ताला लगा था। परिजन महिला को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए निकले लेकिन रास्ते में ही प्रसव हो गया। पढ़ें पूरी खबर...
