पेपरलेस हुआ रीवा का शासकीय संजय गांधी अस्पताल:ई ऑफिस प्रणाली हुई लागू, ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला अस्पताल
रीवा का संजय गांधी अस्पताल अब पूरी तरह पेपरलेस अस्पताल बनने जा रहा है। यह प्रदेश का पहला सरकारी चिकित्सालय है, जिसने ई-ऑफिस प्रणाली पूरी तरह लागू कर डिजिटल, पारदर्शी और कागज रहित कार्यप्रणाली को अपनाया है। मध्यप्रदेश सरकार ने सभी विभागों में ई-ऑफिस परियोजना लागू करने के निर्देश दिए थे। संजय गांधी अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर यह डिजिटल व्यवस्था शुरू की गई। ई-ऑफिस राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित आधुनिक डिजिटल प्रणाली है, जिसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों को पेपरलेस, तेज, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। अस्पतालों में पहला सफल उदाहरण
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में यह पहल पहली बार संजय गांधी अस्पताल ने सफलतापूर्वक पूरी की है। अस्पतालों में इस काम की गति पहले धीमी रही, लेकिन रीवा के इस अस्पताल ने प्रदेश में उदाहरण स्थापित किया है। फायदे और कार्यप्रणाली
नई प्रणाली से फाइलों के खोने का खतरा समाप्त हो जाएगा और कहीं से भी ऑनलाइन काम किया जा सकेगा। इसके कारण फाइलों के निपटारे में तेजी आएगी। सभी सरकारी फाइलें डिजिटल रूप में तैयार और संचालित होंगी। संबंधित अधिकारी के लॉगिन में फाइलों की जानकारी तुरंत उपलब्ध होगी, जिससे फाइलें भटकेंगी नहीं। अधीक्षक राहुल मिश्रा ने बताया कि यह परिवर्तन बहुत प्रभावी साबित होगा और इससे बेहतर सुविधाएं प्रदान होंगी। साथ ही लंबी अवधि तक रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जा सकेंगे।
रीवा का संजय गांधी अस्पताल अब पूरी तरह पेपरलेस अस्पताल बनने जा रहा है। यह प्रदेश का पहला सरकारी चिकित्सालय है, जिसने ई-ऑफिस प्रणाली पूरी तरह लागू कर डिजिटल, पारदर्शी और कागज रहित कार्यप्रणाली को अपनाया है। मध्यप्रदेश सरकार ने सभी विभागों में ई-ऑफिस परियोजना लागू करने के निर्देश दिए थे। संजय गांधी अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर यह डिजिटल व्यवस्था शुरू की गई। ई-ऑफिस राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित आधुनिक डिजिटल प्रणाली है, जिसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों को पेपरलेस, तेज, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। अस्पतालों में पहला सफल उदाहरण
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में यह पहल पहली बार संजय गांधी अस्पताल ने सफलतापूर्वक पूरी की है। अस्पतालों में इस काम की गति पहले धीमी रही, लेकिन रीवा के इस अस्पताल ने प्रदेश में उदाहरण स्थापित किया है। फायदे और कार्यप्रणाली
नई प्रणाली से फाइलों के खोने का खतरा समाप्त हो जाएगा और कहीं से भी ऑनलाइन काम किया जा सकेगा। इसके कारण फाइलों के निपटारे में तेजी आएगी। सभी सरकारी फाइलें डिजिटल रूप में तैयार और संचालित होंगी। संबंधित अधिकारी के लॉगिन में फाइलों की जानकारी तुरंत उपलब्ध होगी, जिससे फाइलें भटकेंगी नहीं। अधीक्षक राहुल मिश्रा ने बताया कि यह परिवर्तन बहुत प्रभावी साबित होगा और इससे बेहतर सुविधाएं प्रदान होंगी। साथ ही लंबी अवधि तक रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जा सकेंगे।