मंडी में खाद वितरण में अव्यवस्था:सैकड़ों किसान दिनभर इंतजार के बाद खाली हाथ लौटे
छतरपुर के सटई रोड स्थित मंडी परिसर में बुधवार को खाद वितरण में अव्यवस्था के कारण सैकड़ों किसानों को पूरे दिन इंतजार के बाद भी खाद नहीं मिल पाई। सुबह 6 बजे से ही किसान लाइन में लग गए थे। कर्मचारियों ने क्रमवार टोकन बांटे — पहले काउंटर पर 1 से 200, दूसरे पर 200 से 400 और तीसरे पर 400 से 600 नंबर तक के किसानों को। किसानों को उम्मीद थी कि दिनभर में खाद मिल जाएगी, लेकिन शाम 6 बजे के बाद कर्मचारियों ने दफ्तर बंद कर दिया और किसानों से अगले दिन आने को कहा। कई घंटे खड़े रहने के बाद भी नहीं मिली खाद
कई किसान बिना भोजन और पानी के दिनभर मंडी में खड़े रहे। डुमरा निवासी नरेश ने बताया कि वह 50 किलोमीटर दूर से किराये के वाहन में सुबह 6 बजे आया था। 11 बजे टोकन मिला, लेकिन रात 8 बजे खाली हाथ लौटना पड़ा क्योंकि शाम 6 बजे काउंटर बंद कर दिया गया। पनोठा के भानप्रताप पटेल ने कहा कि 600 लोगों को टोकन दिए गए, लेकिन सिर्फ 300 किसानों को ही खाद मिल पाई। पर्वा के बाबूलाल मिश्रा ने बताया कि वे चार दिन से खाद के लिए आ रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों का रवैया ठीक नहीं है। किसानों का कहना है कि यह फसल बोनी का समय है और डीएपी खाद की तुरंत जरूरत है। इस मामले में छतरपुर के एसडीएम अखिल राठौर ने कहा कि खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने स्थिति की जानकारी लेने और सभी किसानों को जल्द खाद वितरण का भरोसा दिलाया।
छतरपुर के सटई रोड स्थित मंडी परिसर में बुधवार को खाद वितरण में अव्यवस्था के कारण सैकड़ों किसानों को पूरे दिन इंतजार के बाद भी खाद नहीं मिल पाई। सुबह 6 बजे से ही किसान लाइन में लग गए थे। कर्मचारियों ने क्रमवार टोकन बांटे — पहले काउंटर पर 1 से 200, दूसरे पर 200 से 400 और तीसरे पर 400 से 600 नंबर तक के किसानों को। किसानों को उम्मीद थी कि दिनभर में खाद मिल जाएगी, लेकिन शाम 6 बजे के बाद कर्मचारियों ने दफ्तर बंद कर दिया और किसानों से अगले दिन आने को कहा। कई घंटे खड़े रहने के बाद भी नहीं मिली खाद
कई किसान बिना भोजन और पानी के दिनभर मंडी में खड़े रहे। डुमरा निवासी नरेश ने बताया कि वह 50 किलोमीटर दूर से किराये के वाहन में सुबह 6 बजे आया था। 11 बजे टोकन मिला, लेकिन रात 8 बजे खाली हाथ लौटना पड़ा क्योंकि शाम 6 बजे काउंटर बंद कर दिया गया। पनोठा के भानप्रताप पटेल ने कहा कि 600 लोगों को टोकन दिए गए, लेकिन सिर्फ 300 किसानों को ही खाद मिल पाई। पर्वा के बाबूलाल मिश्रा ने बताया कि वे चार दिन से खाद के लिए आ रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों का रवैया ठीक नहीं है। किसानों का कहना है कि यह फसल बोनी का समय है और डीएपी खाद की तुरंत जरूरत है। इस मामले में छतरपुर के एसडीएम अखिल राठौर ने कहा कि खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने स्थिति की जानकारी लेने और सभी किसानों को जल्द खाद वितरण का भरोसा दिलाया।