पीतांबरा पीठ में 7 हजार श्रद्धालुओं ने दी पूर्णाहूति:दतिया में महानवमी पर सामूहिक हवन; 9 घंटे चला आयोजन

दतिया में शारदीय नवरात्र के समापन के अवसर पर पीतांबरा पीठ पर 7 हजार से अधिक श्रद्धालु ने नौ दिनों की साधना, जप और अनुष्ठान का समापन पूर्णाहूति देकर किया। सामूहिक हवन सुबह 7 बजे से शुरू हो गया था और शाम 4 बजे तक चला। पीठ परिसर में बनी दोनों यज्ञशालाओं में यह सामूहिक हवन आयोजित किया गया। इसमें पीठ पर साधना कर रहे भक्तों के साथ-साथ स्थानीय और बाहरी श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए। पीठ प्रबंधन ने 7 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए हवन की व्यवस्था की। पूर्णाहूति के बाद कन्या पूजन और भोज का आयोजन हुआ। नौ दिन साधना करते हैं भक्त पीतांबरा पीठ पर नवरात्रि की नवमी तिथि पर साधना कर रहे साधकों के जप अनुष्ठान पूरे होने पर हवन का आयोजन किया जाता है। भक्त और साधक अपनी मनोकामनाओं और मंत्र सिद्धि के लिए नौ दिनों तक साधना करते हैं, जिसकी पूर्णाहूति नवमी के दिन मंदिर की यज्ञशाला में की जाती है। मंदिर के पुजारी इस हवन को संपन्न कराते हैं। मां पीतांबरा को शत्रु विनाशक की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। शत्रुओं का नाश करने या कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए पीतांबरा पीठ पर तंत्र विद्या के माध्यम से अनुष्ठान किए जाते हैं। देशभर में असम में कामाख्या, मध्य प्रदेश में उज्जैन के समीप आगर में बगलामुखी और दतिया में मां पीतांबरा का सिद्ध स्थल है, जहां ऐसी क्रियाएं की जाती हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु दतिया पीतांबरा पीठ पर अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और मां पीतांबरा के आशीर्वाद से उनके कार्य सफल होते हैं। यहां आने वालों में देश के कई जाने-माने लोग भी शामिल होते हैं।

पीतांबरा पीठ में 7 हजार श्रद्धालुओं ने दी पूर्णाहूति:दतिया में महानवमी पर सामूहिक हवन; 9 घंटे चला आयोजन
दतिया में शारदीय नवरात्र के समापन के अवसर पर पीतांबरा पीठ पर 7 हजार से अधिक श्रद्धालु ने नौ दिनों की साधना, जप और अनुष्ठान का समापन पूर्णाहूति देकर किया। सामूहिक हवन सुबह 7 बजे से शुरू हो गया था और शाम 4 बजे तक चला। पीठ परिसर में बनी दोनों यज्ञशालाओं में यह सामूहिक हवन आयोजित किया गया। इसमें पीठ पर साधना कर रहे भक्तों के साथ-साथ स्थानीय और बाहरी श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए। पीठ प्रबंधन ने 7 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए हवन की व्यवस्था की। पूर्णाहूति के बाद कन्या पूजन और भोज का आयोजन हुआ। नौ दिन साधना करते हैं भक्त पीतांबरा पीठ पर नवरात्रि की नवमी तिथि पर साधना कर रहे साधकों के जप अनुष्ठान पूरे होने पर हवन का आयोजन किया जाता है। भक्त और साधक अपनी मनोकामनाओं और मंत्र सिद्धि के लिए नौ दिनों तक साधना करते हैं, जिसकी पूर्णाहूति नवमी के दिन मंदिर की यज्ञशाला में की जाती है। मंदिर के पुजारी इस हवन को संपन्न कराते हैं। मां पीतांबरा को शत्रु विनाशक की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। शत्रुओं का नाश करने या कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए पीतांबरा पीठ पर तंत्र विद्या के माध्यम से अनुष्ठान किए जाते हैं। देशभर में असम में कामाख्या, मध्य प्रदेश में उज्जैन के समीप आगर में बगलामुखी और दतिया में मां पीतांबरा का सिद्ध स्थल है, जहां ऐसी क्रियाएं की जाती हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु दतिया पीतांबरा पीठ पर अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और मां पीतांबरा के आशीर्वाद से उनके कार्य सफल होते हैं। यहां आने वालों में देश के कई जाने-माने लोग भी शामिल होते हैं।