कफ सिरप बनाने वाली कंपनी का मालिक गिरफ्तार:MP की SIT ने रात में चेन्नई में दी दबिश; तमिलनाडु में फैक्ट्री सील, अब तक 23 की मौत

23 बच्चों की मौत के कारण बने ‘जहरीले’ कफ सिरप मामले में मध्य प्रदेश SIT ने सबसे बड़ी कार्रवाई की है। SIT की टीम ने बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात तमिलनाडु के चेन्नई में दबिश देकर दवा कंपनी 'श्रीसन फार्मास्युटिकल' के मालिक रंगनाथन गोविंदन को हिरासत में ले लिया है। गोविंदन पर 20 हजार रुपए का इनाम था और वह घटना के बाद से ही अपनी पत्नी के साथ फरार चल रहा था। बुधवार को दिनभर चला था एक्शन का दौर मालिक की गिरफ्तारी से पहले बुधवार को दिनभर इस मामले में बड़े एक्शन हुए। छिंदवाड़ा में जहां आरोपी डॉक्टर की जमानत अर्जी खारिज हो गई, वहीं सरकार ने सिविल सर्जन को भी पद से हटा दिया। उधर, तमिलनाडु सरकार ने गोविंदन की दवा फैक्ट्री को पहले ही सील कर दिया था। आरोपी डॉक्टर की जमानत खारिज, जेल में ही रहेगा इस मामले में बच्चों को जहरीली 'कोल्डरीफ' सिरप लिखने वाले परासिया के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली ਹੈ। बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम कुमार गुजरे ने डॉ. सोनी की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया था। तमिलनाडु में दवा फैक्ट्री पहले ही हो चुकी है सील कफ सिरप बनाने वाली चेन्नई की कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने भी बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी की फैक्ट्री को सील कर दिया था। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित SIT पहले से ही वहां जांच कर रही थी। छिंदवाड़ा के सिविल सर्जन पर भी गिरी थी गाज बुधवार को ही डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नरेश गोन्नाड़े को पद से हटा दिया था। उनकी जगह डॉ. सुशील दुबे को नया सिविल सर्जन बनाया गया है। जांच में सिरप में 48% तक मिला था जहरीला केमिकल इस पूरे कांड की मुख्य वजह सिरप में जहरीले रसायन डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) की जानलेवा मात्रा है। तमिलनाडु सरकार की जांच में सिरप में 48.6% DEG पाया गया था, वहीं मध्यप्रदेश सरकार की जांच में भी 46.2% DEG की पुष्टि हुई थी। अब तक 23 मासूमों की जा चुकी है जान मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में इस जहरीले कफ सिरप के सेवन से अब तक कुल 23 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है।

Oct 9, 2025 - 06:36
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कफ सिरप बनाने वाली कंपनी का मालिक गिरफ्तार:MP की SIT ने रात में चेन्नई में दी दबिश; तमिलनाडु में फैक्ट्री सील, अब तक 23 की मौत
23 बच्चों की मौत के कारण बने ‘जहरीले’ कफ सिरप मामले में मध्य प्रदेश SIT ने सबसे बड़ी कार्रवाई की है। SIT की टीम ने बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात तमिलनाडु के चेन्नई में दबिश देकर दवा कंपनी 'श्रीसन फार्मास्युटिकल' के मालिक रंगनाथन गोविंदन को हिरासत में ले लिया है। गोविंदन पर 20 हजार रुपए का इनाम था और वह घटना के बाद से ही अपनी पत्नी के साथ फरार चल रहा था। बुधवार को दिनभर चला था एक्शन का दौर मालिक की गिरफ्तारी से पहले बुधवार को दिनभर इस मामले में बड़े एक्शन हुए। छिंदवाड़ा में जहां आरोपी डॉक्टर की जमानत अर्जी खारिज हो गई, वहीं सरकार ने सिविल सर्जन को भी पद से हटा दिया। उधर, तमिलनाडु सरकार ने गोविंदन की दवा फैक्ट्री को पहले ही सील कर दिया था। आरोपी डॉक्टर की जमानत खारिज, जेल में ही रहेगा इस मामले में बच्चों को जहरीली 'कोल्डरीफ' सिरप लिखने वाले परासिया के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली ਹੈ। बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम कुमार गुजरे ने डॉ. सोनी की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया था। तमिलनाडु में दवा फैक्ट्री पहले ही हो चुकी है सील कफ सिरप बनाने वाली चेन्नई की कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने भी बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी की फैक्ट्री को सील कर दिया था। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित SIT पहले से ही वहां जांच कर रही थी। छिंदवाड़ा के सिविल सर्जन पर भी गिरी थी गाज बुधवार को ही डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नरेश गोन्नाड़े को पद से हटा दिया था। उनकी जगह डॉ. सुशील दुबे को नया सिविल सर्जन बनाया गया है। जांच में सिरप में 48% तक मिला था जहरीला केमिकल इस पूरे कांड की मुख्य वजह सिरप में जहरीले रसायन डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) की जानलेवा मात्रा है। तमिलनाडु सरकार की जांच में सिरप में 48.6% DEG पाया गया था, वहीं मध्यप्रदेश सरकार की जांच में भी 46.2% DEG की पुष्टि हुई थी। अब तक 23 मासूमों की जा चुकी है जान मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में इस जहरीले कफ सिरप के सेवन से अब तक कुल 23 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है।