राजगढ़ के श्रीनाथजी बड़े मंदिर में अन्नकूट दर्शन:सोमवार को 115वां महोत्सव, छप्पन भोग के साथ सजेगा दरबार

राजगढ़ के ऐतिहासिक पुष्टिमार्गीय श्रीनाथजी बड़े मंदिर में सोमवार को 115वां अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर भगवान श्रीनाथजी को छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे। सुबह गोवर्धन पूजा और शाम को अन्नकूट दर्शन का आयोजन होगा। सुबह गोवर्धन पूजा, शाम को अन्नकूट दर्शन मंदिर के मुखिया गिरिराज अनंत पारीक ने बताया कि महोत्सव की शुरुआत सुबह 10 बजे गोवर्धन पूजा और कुँवारा भोग से होगी। सायंकाल 5 बजे से अन्नकूट दर्शन प्रारंभ होंगे, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। वहीं, रात्रि 7:30 बजे महाआरती का आयोजन होगा, जिसमें नगर और जिलेभर से भक्त उमड़ेंगे। इंद्र के अभिमान को तोड़ने की कथा से जुड़ा अन्नकूट गिरिराज पारीक ने बताया कि अन्नकूट महोत्सव भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र के अभिमान को तोड़ने की कथा से जुड़ा है। जब इंद्र ने ब्रजभूमि पर वर्षा की, तब श्रीकृष्ण ने सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी।इसके बाद, ब्रजवासियों ने सात दिन के उपवास के उपलक्ष्य में भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए, जो परंपरा आज भी अन्नकूट के रूप में जीवित है। सैकड़ों व्यंजन पर्वताकार रूप में सजेंगे मंदिर परिसर में मावे, मेवे, मिठाइयां, मोहनथाल, बूंदी लड्डू, मठरी, घेवर, रायते, दालें और सब्जियों सहित सैकड़ों प्रकार के व्यंजन पर्वताकार स्वरूप में सजाकर श्रीनाथजी को अर्पित किए जाएंगे।पूरे मंदिर को दीपों, पुष्पों और रंगीन झालरों से सजाया गया है। भक्ति संगीत की मधुर धुनें माहौल को भक्ति से सराबोर करेंगी। आस्था और पहचान का प्रतीक बन चुका महोत्सव भक्तों का कहना है कि श्रीनाथजी मंदिर का अन्नकूट महोत्सव अब राजगढ़ की धार्मिक पहचान बन गया है। हर वर्ष भक्त इसकी प्रतीक्षा श्रद्धा और उत्साह के साथ करते हैं।

राजगढ़ के श्रीनाथजी बड़े मंदिर में अन्नकूट दर्शन:सोमवार को 115वां महोत्सव, छप्पन भोग के साथ सजेगा दरबार
राजगढ़ के ऐतिहासिक पुष्टिमार्गीय श्रीनाथजी बड़े मंदिर में सोमवार को 115वां अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर भगवान श्रीनाथजी को छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे। सुबह गोवर्धन पूजा और शाम को अन्नकूट दर्शन का आयोजन होगा। सुबह गोवर्धन पूजा, शाम को अन्नकूट दर्शन मंदिर के मुखिया गिरिराज अनंत पारीक ने बताया कि महोत्सव की शुरुआत सुबह 10 बजे गोवर्धन पूजा और कुँवारा भोग से होगी। सायंकाल 5 बजे से अन्नकूट दर्शन प्रारंभ होंगे, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। वहीं, रात्रि 7:30 बजे महाआरती का आयोजन होगा, जिसमें नगर और जिलेभर से भक्त उमड़ेंगे। इंद्र के अभिमान को तोड़ने की कथा से जुड़ा अन्नकूट गिरिराज पारीक ने बताया कि अन्नकूट महोत्सव भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र के अभिमान को तोड़ने की कथा से जुड़ा है। जब इंद्र ने ब्रजभूमि पर वर्षा की, तब श्रीकृष्ण ने सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी।इसके बाद, ब्रजवासियों ने सात दिन के उपवास के उपलक्ष्य में भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए, जो परंपरा आज भी अन्नकूट के रूप में जीवित है। सैकड़ों व्यंजन पर्वताकार रूप में सजेंगे मंदिर परिसर में मावे, मेवे, मिठाइयां, मोहनथाल, बूंदी लड्डू, मठरी, घेवर, रायते, दालें और सब्जियों सहित सैकड़ों प्रकार के व्यंजन पर्वताकार स्वरूप में सजाकर श्रीनाथजी को अर्पित किए जाएंगे।पूरे मंदिर को दीपों, पुष्पों और रंगीन झालरों से सजाया गया है। भक्ति संगीत की मधुर धुनें माहौल को भक्ति से सराबोर करेंगी। आस्था और पहचान का प्रतीक बन चुका महोत्सव भक्तों का कहना है कि श्रीनाथजी मंदिर का अन्नकूट महोत्सव अब राजगढ़ की धार्मिक पहचान बन गया है। हर वर्ष भक्त इसकी प्रतीक्षा श्रद्धा और उत्साह के साथ करते हैं।