ऐशबाग के दो पुलिसकर्मियों पर 2 लाख का जुर्माना:पूर्व विधायक की बेटी व महिला वकील को ‘गुंडा’ बताने पर कोर्ट का आदेश
ऐशबाग के दो पुलिसकर्मियों पर 2 लाख का जुर्माना:पूर्व विधायक की बेटी व महिला वकील को ‘गुंडा’ बताने पर कोर्ट का आदेश
पड़ोसियों से मामूली विवाद के बाद शिकायत करने थाने पहुंची महिला अधिवक्ता को उल्टा गुंडा करार देना ऐशबाग थाना पुलिस को भारी पड़ गया। कोर्ट ने इस कार्रवाई को मनमाना और बेबुनियाद बताते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी अजय नायर और एसआई गौरव पांडेय को 2 लाख रुपए हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है। अधिवक्ता वीणा गौतम पूर्व विधायक की बेटी हैं और कई सामाजिक संगठनों में सक्रिय हैं। उन्होंने पड़ोसियों से हुए विवाद की शिकायत ऐशबाग थाने में की थी। लेकिन पुलिस ने उल्टे उनके और उनके पति के खिलाफ काउंटर केस दर्ज कर दिया। इतना ही नहीं, दोनों को गुंडा लिस्ट में शामिल करते हुए मामला एसडीएम कोर्ट में भेज दिया गया और कहा कि वे आदतन अपराधी हैं तथा शहर में खौफ पैदा करते हैं, जिससे लोग शिकायत करने से डरते हैं। एसडीएम ने पुलिस का दावा खारिज किया एसडीएम नजूल शहर ने दस्तावेजों की जांच के बाद पाया कि पुलिस के आरोप और वास्तविक स्थिति एक-दूसरे से मेल नहीं खाते। किसी तरह की आपराधिक गतिविधि का सबूत नहीं मिला। कार्रवाई केवल आरोपों के आधार पर की गई थी। इसके बाद एसडीएम ने पुलिस अधिकारियों को महिला अधिवक्ता को हर्जाना अदा करने का आदेश दिया। रकम नहीं दी तो कोर्ट पहुंचीं अधिवक्ता निर्धारित समय में हर्जाना न मिलने पर वीणा गौतम ने जिला न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। व्यवहार न्यायाधीश हेमलता अहिरवार ने एसडीएम का आदेश बरकरार रखते हुए पुलिस अधिकारियों को तुरंत 2 लाख रुपए चुकाने के निर्देश दिए।
पड़ोसियों से मामूली विवाद के बाद शिकायत करने थाने पहुंची महिला अधिवक्ता को उल्टा गुंडा करार देना ऐशबाग थाना पुलिस को भारी पड़ गया। कोर्ट ने इस कार्रवाई को मनमाना और बेबुनियाद बताते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी अजय नायर और एसआई गौरव पांडेय को 2 लाख रुपए हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है। अधिवक्ता वीणा गौतम पूर्व विधायक की बेटी हैं और कई सामाजिक संगठनों में सक्रिय हैं। उन्होंने पड़ोसियों से हुए विवाद की शिकायत ऐशबाग थाने में की थी। लेकिन पुलिस ने उल्टे उनके और उनके पति के खिलाफ काउंटर केस दर्ज कर दिया। इतना ही नहीं, दोनों को गुंडा लिस्ट में शामिल करते हुए मामला एसडीएम कोर्ट में भेज दिया गया और कहा कि वे आदतन अपराधी हैं तथा शहर में खौफ पैदा करते हैं, जिससे लोग शिकायत करने से डरते हैं। एसडीएम ने पुलिस का दावा खारिज किया एसडीएम नजूल शहर ने दस्तावेजों की जांच के बाद पाया कि पुलिस के आरोप और वास्तविक स्थिति एक-दूसरे से मेल नहीं खाते। किसी तरह की आपराधिक गतिविधि का सबूत नहीं मिला। कार्रवाई केवल आरोपों के आधार पर की गई थी। इसके बाद एसडीएम ने पुलिस अधिकारियों को महिला अधिवक्ता को हर्जाना अदा करने का आदेश दिया। रकम नहीं दी तो कोर्ट पहुंचीं अधिवक्ता निर्धारित समय में हर्जाना न मिलने पर वीणा गौतम ने जिला न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। व्यवहार न्यायाधीश हेमलता अहिरवार ने एसडीएम का आदेश बरकरार रखते हुए पुलिस अधिकारियों को तुरंत 2 लाख रुपए चुकाने के निर्देश दिए।