गरियाबंद में धान तस्करी पर कार्रवाई:ओडिशा पुलिस की मदद से डंप किए गए 400 बोरी जब्त, तीन वाहनों से भी 314 पैकेट धान बरामद
गरियाबंद में धान तस्करी पर कार्रवाई:ओडिशा पुलिस की मदद से डंप किए गए 400 बोरी जब्त, तीन वाहनों से भी 314 पैकेट धान बरामद
गरियाबंद जिले में ओडिशा से धान की अवैध तस्करी पर पुलिस की कार्रवाई जारी है। देवभोग और अमलीपदर पुलिस ने हाल ही में बड़ी मात्रा में अवैध धान जब्त किया है। देवभोग पुलिस ने ओडिशा पुलिस की मदद से सीमा से 500 मीटर भीतर डंप किए गए 400 बोरी धान को जब्त किया। यह धान मगररोड़ा जांच नाका से कुछ ही दूरी पर ओडिशा के चंदाहांडी थाना क्षेत्र के जामलीपारा में एक ट्रक से डंप किया गया था। पुलिस के पहुंचने से पहले ही ट्रक चालक फरार हो गया था। देवभोग थाना प्रभारी फैजुल शाह हुदा ने बताया कि स्थानीय लोगों ने धान का मालिक होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि चंदाहांडी पुलिस और वहां के खाद्य निरीक्षक पृथ्वी राज मेहर को सूचित कर धान जब्त किया गया। इस संयुक्त कार्रवाई से तस्करों की सीमा पार डंपिंग यार्ड बनाने की रणनीति विफल हो गई है। वहीं, अमलीपदर पुलिस ने भी रविवार रात तीन वाहनों के साथ 314 पैकेट धान जब्त किया। थाना प्रभारी जोर देकर कहा कि गैर-कानूनी गतिविधियों में सीमाएं बाधा नहीं बनेंगी। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक के दिशानिर्देश पर सीमावर्ती पुलिस थानों के बीच समन्वय स्थापित कर आगे भी इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। अमलीपदर में तीन कार्रवाई रविवार रात अमलीपदर में तीन कार्रवाई की गई है। अमलीपदर थाना प्रभारी दिलीप मेश्राम के मुताबिक, ओडिशा से दो ट्रैक्टर और एक मेटाडोर में अवैध धान लाने की सूचना मिली थी। सीमा पार कर चुके वाहन चालक वापस लौटने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन पुलिस टीम ने उन्हें पकड़ लिया। कार्रवाई में कुल 314 पैकेट धान जब्त किया गया, जिसमें दो ट्रैक्टर से 110 पैकेट और शेष मात्रा मेटाडोर से मिली। पिछले 27 दिनों में देवभोग पुलिस ने 17 वाहन और डंप मिलाकर 670 क्विंटल धान, जबकि राजस्व विभाग ने 6 वाहनों से 200 क्विंटल धान जब्त किया। अमलीपदर पुलिस ने 9 वाहनों में 500 क्विंटल धान पकड़ा। कुल मिलाकर अब तक 29 वाहन और 1370 क्विंटल अवैध धान जब्त किया जा चुका है। इतना धान ओडिशा से तस्करी होकर आता तो सरकार को लगभग 45 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ता। कार्रवाई से आधी रह गई खरीदी अंतिम तिथि तक देवभोग ब्लॉक के 12 खरीदी केंद्रों में केवल 8 हजार क्विंटल धान की खरीदी हुई, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 16 हजार क्विंटल से अधिक था। इसी प्रकार गोहरापदर ब्रांच के 9 से अधिक सीमावर्ती केंद्रों में भी खरीदी में तेज गिरावट दिखी। प्रशासन की सख्ती से इस बार बोगस खरीदी पर रोक लगने की उम्मीद है। ओडिशा से धान तस्करी की दो प्रमुख वजहें 1. स्थानीय उत्पादन तय मात्रा से कम देवभोग और अमलीपदर तहसीलों में औसत पैदावार प्रति एकड़ 10–12 क्विंटल है, जबकि सरकार समर्थन मूल्य में प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक खरीदी करती है। उत्पादन और खरीदी के अंतर को पूरा करने के लिए किसान पिछले कई सालों से ओडिशा के धान पर निर्भर हो गए हैं। 2. उड़ीसा की खरीदी नीति में अव्यवस्था पहले ओडिशा में धान 2300 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा जाता था, लेकिन सत्र 2024 में 800 रुपये बोनस जोड़कर कीमत 3100 रुपये तय की गई। इसके बावजूद खरीदी प्रक्रिया मिलरों की सहमति पर अटकी रहती है। इस साल भी 28 नवंबर से समर्थन मूल्य खरीदी शुरू हुई, पर मिलर के साथ अनुबंध न होने से खरीदी बंद है। इस स्थिति का फायदा उठाकर बिचौलिए ओडिशा के किसानों से 2000 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीद रहे हैं और उसे छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती किसानों को 2300–2500 रुपए में बेच रहे हैं।
गरियाबंद जिले में ओडिशा से धान की अवैध तस्करी पर पुलिस की कार्रवाई जारी है। देवभोग और अमलीपदर पुलिस ने हाल ही में बड़ी मात्रा में अवैध धान जब्त किया है। देवभोग पुलिस ने ओडिशा पुलिस की मदद से सीमा से 500 मीटर भीतर डंप किए गए 400 बोरी धान को जब्त किया। यह धान मगररोड़ा जांच नाका से कुछ ही दूरी पर ओडिशा के चंदाहांडी थाना क्षेत्र के जामलीपारा में एक ट्रक से डंप किया गया था। पुलिस के पहुंचने से पहले ही ट्रक चालक फरार हो गया था। देवभोग थाना प्रभारी फैजुल शाह हुदा ने बताया कि स्थानीय लोगों ने धान का मालिक होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि चंदाहांडी पुलिस और वहां के खाद्य निरीक्षक पृथ्वी राज मेहर को सूचित कर धान जब्त किया गया। इस संयुक्त कार्रवाई से तस्करों की सीमा पार डंपिंग यार्ड बनाने की रणनीति विफल हो गई है। वहीं, अमलीपदर पुलिस ने भी रविवार रात तीन वाहनों के साथ 314 पैकेट धान जब्त किया। थाना प्रभारी जोर देकर कहा कि गैर-कानूनी गतिविधियों में सीमाएं बाधा नहीं बनेंगी। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक के दिशानिर्देश पर सीमावर्ती पुलिस थानों के बीच समन्वय स्थापित कर आगे भी इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। अमलीपदर में तीन कार्रवाई रविवार रात अमलीपदर में तीन कार्रवाई की गई है। अमलीपदर थाना प्रभारी दिलीप मेश्राम के मुताबिक, ओडिशा से दो ट्रैक्टर और एक मेटाडोर में अवैध धान लाने की सूचना मिली थी। सीमा पार कर चुके वाहन चालक वापस लौटने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन पुलिस टीम ने उन्हें पकड़ लिया। कार्रवाई में कुल 314 पैकेट धान जब्त किया गया, जिसमें दो ट्रैक्टर से 110 पैकेट और शेष मात्रा मेटाडोर से मिली। पिछले 27 दिनों में देवभोग पुलिस ने 17 वाहन और डंप मिलाकर 670 क्विंटल धान, जबकि राजस्व विभाग ने 6 वाहनों से 200 क्विंटल धान जब्त किया। अमलीपदर पुलिस ने 9 वाहनों में 500 क्विंटल धान पकड़ा। कुल मिलाकर अब तक 29 वाहन और 1370 क्विंटल अवैध धान जब्त किया जा चुका है। इतना धान ओडिशा से तस्करी होकर आता तो सरकार को लगभग 45 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ता। कार्रवाई से आधी रह गई खरीदी अंतिम तिथि तक देवभोग ब्लॉक के 12 खरीदी केंद्रों में केवल 8 हजार क्विंटल धान की खरीदी हुई, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 16 हजार क्विंटल से अधिक था। इसी प्रकार गोहरापदर ब्रांच के 9 से अधिक सीमावर्ती केंद्रों में भी खरीदी में तेज गिरावट दिखी। प्रशासन की सख्ती से इस बार बोगस खरीदी पर रोक लगने की उम्मीद है। ओडिशा से धान तस्करी की दो प्रमुख वजहें 1. स्थानीय उत्पादन तय मात्रा से कम देवभोग और अमलीपदर तहसीलों में औसत पैदावार प्रति एकड़ 10–12 क्विंटल है, जबकि सरकार समर्थन मूल्य में प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक खरीदी करती है। उत्पादन और खरीदी के अंतर को पूरा करने के लिए किसान पिछले कई सालों से ओडिशा के धान पर निर्भर हो गए हैं। 2. उड़ीसा की खरीदी नीति में अव्यवस्था पहले ओडिशा में धान 2300 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा जाता था, लेकिन सत्र 2024 में 800 रुपये बोनस जोड़कर कीमत 3100 रुपये तय की गई। इसके बावजूद खरीदी प्रक्रिया मिलरों की सहमति पर अटकी रहती है। इस साल भी 28 नवंबर से समर्थन मूल्य खरीदी शुरू हुई, पर मिलर के साथ अनुबंध न होने से खरीदी बंद है। इस स्थिति का फायदा उठाकर बिचौलिए ओडिशा के किसानों से 2000 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीद रहे हैं और उसे छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती किसानों को 2300–2500 रुपए में बेच रहे हैं।