ढाई करोड़ यात्री क्षमता का एयरपोर्ट बनाने की तैयारी:इंदौर एयरपोर्ट के विकास को लेकर हुई बैठक; सांसद बोले- सिंहस्थ 2028 की प्लानिंग के साथ काम होगा
ढाई करोड़ यात्री क्षमता का एयरपोर्ट बनाने की तैयारी:इंदौर एयरपोर्ट के विकास को लेकर हुई बैठक; सांसद बोले- सिंहस्थ 2028 की प्लानिंग के साथ काम होगा
इंदौर एयरपोर्ट परिसर में सोमवार को यात्रियों की सुविधाओं और भविष्य की जरूरतों को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य मौजूदा समस्याओं के समाधान के साथ एयरपोर्ट के दीर्घकालिक विकास की रूपरेखा तय करना था। सांसद शंकर लालवानी की पहल पर दिल्ली से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के वरिष्ठ अधिकारी शरद कुमार (ऑपरेशन एवं प्लानिंग) और अनुराग मिश्रा विशेष रूप से इंदौर पहुंचे और एयरपोर्ट की वर्तमान व्यवस्थाओं, चल रहे कार्यों व प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा की। यह बैठक हाल ही में सांसद शंकर लालवानी की नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू से नई दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद आयोजित की गई। उस बैठक में इंदौर एयरपोर्ट पर बढ़ते यात्री दबाव, पार्किंग, सुरक्षा जांच, टर्मिनल क्षमता और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा हुई थी। मंत्री के निर्देश के बाद AAI के वरिष्ठ अधिकारी इंदौर पहुंचे और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन किया। बैठक में विशेष रूप से सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट के दीर्घकालिक विकास प्रोजेक्ट्स पर फोकस किया गया। AAI के एजेंडे में मल्टी लेवल कार पार्किंग, प्री-एंबार्केशन सिक्योरिटी चेक प्वाइंट का विस्तार, ट्रैफिक जाम कम करने के लिए नए व्हीकुलर लेन, नया टर्मिनल भवन, प्रशासनिक भवन, रनवे विस्तार और पैरेलल टैक्सीवे जैसे प्रस्ताव शामिल रहे। इस दौरान सांसद लालवानी ने कुछ कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि एटीआर विमानों के संचालन के लिए पुराने टर्मिनल से जुड़ी तैयारियां अब तक पूरी हो जानी चाहिए थीं। साथ ही रनवे कारपेटिंग कार्य में देरी पर भी असंतोष जताते हुए अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। सांसद ने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से मुलाकात के बाद अधिकारियों का इंदौर आना यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार इंदौर एयरपोर्ट के विकास को लेकर गंभीर है और आने वाले समय में बड़े फैसले लिए जाएंगे। ढाई करोड़ यात्रियों की सालाना क्षमता की तैयारी इंदौर एयरपोर्ट की सालाना यात्री क्षमता लगभग 40 लाख यात्रियों की है। प्रस्तावित मास्टर प्लान के तहत इसे पहले चरण में बढ़ाकर एक करोड़ यात्रियों तक और दूसरे चरण में ढाई करोड़ यात्रियों की सालाना क्षमता तक ले जाने की तैयारी है। इसके लिए लगभग 89 एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में पार्किंग क्षेत्र पर अत्यधिक दबाव है, जिससे यात्रियों को टर्मिनल में प्रवेश और निकास के दौरान परेशानी होती है। इसके समाधान के लिए मल्टी लेवल कार पार्किंग के निर्माण को प्राथमिकता देने पर सहमति बनी। इसके निर्माण से पार्किंग की समस्या में राहत मिलने और पीक आवर्स के दौरान ट्रैफिक दबाव कम होने की उम्मीद है। पीक आवर्स में यात्रियों की लंबी कतारों को कम करेंगे बैठक में सुरक्षा जांच व्यवस्था को लेकर भी अहम चर्चा हुई। पीक आवर्स में यात्रियों की लंबी कतारों को कम करने के लिए सांसद शंकर लालवानी ने सुझाव दिया कि इंदौर एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी जांच के लिए चार गेट ऊपर और चार गेट नीचे उपलब्ध हैं, लेकिन फिलहाल पूरा यात्री दबाव ऊपर के गेट्स पर ही रहता है। उन्होंने कहा कि नीचे से जाने वाले यात्रियों की सिक्योरिटी जांच नीचे ही की जाए, ताकि भीड़ का संतुलन बने और अव्यवस्था कम हो, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए। रनवे पर भी हुई चर्चा बैठक में रनवे को वर्तमान 2754 मीटर से बढ़ाकर 3500 मीटर करने, रडार सिस्टम की स्थापना, मेट्रो कनेक्टिविटी, ट्रैफिक मूवमेंट के लिए अलग एंट्री-एग्जिट सिस्टम, एयरपोर्ट के आसपास आवारा कुत्तों की समस्या और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े विषय भी प्रमुख एजेंडा में शामिल रहे। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि एयरपोर्ट पर वीआईपी मूवमेंट के कारण आम यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए वीआईपी मूवमेंट को पूरी तरह अलग टर्मिनल से संचालित करने के विकल्प पर भी विचार किया गया।
इंदौर एयरपोर्ट परिसर में सोमवार को यात्रियों की सुविधाओं और भविष्य की जरूरतों को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य मौजूदा समस्याओं के समाधान के साथ एयरपोर्ट के दीर्घकालिक विकास की रूपरेखा तय करना था। सांसद शंकर लालवानी की पहल पर दिल्ली से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के वरिष्ठ अधिकारी शरद कुमार (ऑपरेशन एवं प्लानिंग) और अनुराग मिश्रा विशेष रूप से इंदौर पहुंचे और एयरपोर्ट की वर्तमान व्यवस्थाओं, चल रहे कार्यों व प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा की। यह बैठक हाल ही में सांसद शंकर लालवानी की नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू से नई दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद आयोजित की गई। उस बैठक में इंदौर एयरपोर्ट पर बढ़ते यात्री दबाव, पार्किंग, सुरक्षा जांच, टर्मिनल क्षमता और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा हुई थी। मंत्री के निर्देश के बाद AAI के वरिष्ठ अधिकारी इंदौर पहुंचे और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन किया। बैठक में विशेष रूप से सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट के दीर्घकालिक विकास प्रोजेक्ट्स पर फोकस किया गया। AAI के एजेंडे में मल्टी लेवल कार पार्किंग, प्री-एंबार्केशन सिक्योरिटी चेक प्वाइंट का विस्तार, ट्रैफिक जाम कम करने के लिए नए व्हीकुलर लेन, नया टर्मिनल भवन, प्रशासनिक भवन, रनवे विस्तार और पैरेलल टैक्सीवे जैसे प्रस्ताव शामिल रहे। इस दौरान सांसद लालवानी ने कुछ कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि एटीआर विमानों के संचालन के लिए पुराने टर्मिनल से जुड़ी तैयारियां अब तक पूरी हो जानी चाहिए थीं। साथ ही रनवे कारपेटिंग कार्य में देरी पर भी असंतोष जताते हुए अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। सांसद ने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से मुलाकात के बाद अधिकारियों का इंदौर आना यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार इंदौर एयरपोर्ट के विकास को लेकर गंभीर है और आने वाले समय में बड़े फैसले लिए जाएंगे। ढाई करोड़ यात्रियों की सालाना क्षमता की तैयारी इंदौर एयरपोर्ट की सालाना यात्री क्षमता लगभग 40 लाख यात्रियों की है। प्रस्तावित मास्टर प्लान के तहत इसे पहले चरण में बढ़ाकर एक करोड़ यात्रियों तक और दूसरे चरण में ढाई करोड़ यात्रियों की सालाना क्षमता तक ले जाने की तैयारी है। इसके लिए लगभग 89 एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में पार्किंग क्षेत्र पर अत्यधिक दबाव है, जिससे यात्रियों को टर्मिनल में प्रवेश और निकास के दौरान परेशानी होती है। इसके समाधान के लिए मल्टी लेवल कार पार्किंग के निर्माण को प्राथमिकता देने पर सहमति बनी। इसके निर्माण से पार्किंग की समस्या में राहत मिलने और पीक आवर्स के दौरान ट्रैफिक दबाव कम होने की उम्मीद है। पीक आवर्स में यात्रियों की लंबी कतारों को कम करेंगे बैठक में सुरक्षा जांच व्यवस्था को लेकर भी अहम चर्चा हुई। पीक आवर्स में यात्रियों की लंबी कतारों को कम करने के लिए सांसद शंकर लालवानी ने सुझाव दिया कि इंदौर एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी जांच के लिए चार गेट ऊपर और चार गेट नीचे उपलब्ध हैं, लेकिन फिलहाल पूरा यात्री दबाव ऊपर के गेट्स पर ही रहता है। उन्होंने कहा कि नीचे से जाने वाले यात्रियों की सिक्योरिटी जांच नीचे ही की जाए, ताकि भीड़ का संतुलन बने और अव्यवस्था कम हो, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए। रनवे पर भी हुई चर्चा बैठक में रनवे को वर्तमान 2754 मीटर से बढ़ाकर 3500 मीटर करने, रडार सिस्टम की स्थापना, मेट्रो कनेक्टिविटी, ट्रैफिक मूवमेंट के लिए अलग एंट्री-एग्जिट सिस्टम, एयरपोर्ट के आसपास आवारा कुत्तों की समस्या और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े विषय भी प्रमुख एजेंडा में शामिल रहे। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि एयरपोर्ट पर वीआईपी मूवमेंट के कारण आम यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए वीआईपी मूवमेंट को पूरी तरह अलग टर्मिनल से संचालित करने के विकल्प पर भी विचार किया गया।