भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दी है। रेप पीड़ित की मां ने कहा, हाईकोर्ट का फैसला हमारे लिए काल जैसा है। इसके खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मंगलवार की शाम रेप पीड़िता, उसकी मां और एक्टिविस्ट योगिता भयाना दिल्ली में इंडिया गेट के सामने धरने पर बैठ गई थीं। वे सेंगर की जमानत का विरोध कर रही थीं। आधी रात करीब साढ़े 11 बजे फोर्स पहुंच गई। पुलिसकर्मियों ने जबरन उन्हें वहां से उठा दिया। घसीटकर अपने साथ वैन में ले गई। आज बुधवार को एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें रेप पीड़िता ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया। पीड़िता कहती है- CRPF के लोग गाड़ी में बैठाए हुए हैं। घर ले जा रहे हैं। वकील ने मुझे बुलाया है। मेरी मां को गाड़ी से फेंक दिया गया है। हमें बंदी बना लिया है। वकील के पास जाने नहीं दे रहे हैं। मुझे इस गाड़ी में नहीं बैठना है। कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय का ऑर्डर है। इस पर योगिता कहती हैं कि पुलिस को 112 नंबर पर फोन करो और कहो कि मुझे बंदी बना लिया गया है। तुम रेड लाइट एरिया पर गाड़ी से उतर जाओ। इस मामले में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, लोकतंत्र में असहमति की आवाज़ उठाना अधिकार है, और उसे दबाना अपराध। पीड़िता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए - न कि बेबसी, भय और अन्याय। वहीं, यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने पीड़िता का मजाक उड़ाया है। दिल्ली में प्रदर्शन करने पर राजभर ने कहा- पीड़िता के परिवार के लिए कोर्ट ने व्यवस्था की है। आदेश है कि सेंगर 5 किमी दूर रहेंगे। घर तो उनका (पीड़िता) उन्नाव है। फिर खिलखिलाकर हंसने लगे... पीड़िता बोली- मुझे इंसाफ चाहिए
योगिता भयाना ने दूसरा वीडियो भी जारी किया है। जिसमें वह रेप पीड़िता और उसकी मां के साथ हैं। पीड़िता ने बताया- मैं आज सुबह वकील से मिलने के लिए निकल रही थी। मुझे वकील ने बुलाया था कि आपको आना है। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। कागज पर साइन करना है। सीआरपीएफ के अधिकारी का फोन आया कि विक्टिम को घर वापस लेकर जाओ। मैं चिल्ला रही हूं कि मुझे वकील के जाना है। जब गाड़ी में चिल्लाने लगी तो जाकर ऊपर से ऑर्डर आया कि नहीं लेकर जाइए। पीड़िता ने पूछा- क्या मेरा वकील पागल है कि सीआरपीएफ के अधिकारी को कागज दे देगा। मेरा वकील मुझे ऑफिस बुलाकर साइन कराएगा, किसी दूसरे को कागज नहीं देगा। मेरा यही कहना है हमें न्याय दिलाया जाए। सभी से हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट है आप लोग मेरी आवाज दूर-दूर तक पहुंचाएं, जिससे न्याय मिल सके। वहीं, पीड़िता की मां ने कहा, सेंगर की ज़मानत रद्द होनी चाहिए। तभी हमें इंसाफ़ मिलेगा। जज ने हमें कोई समय नहीं दिया। उन्होंने जो कहना था कहा और फिर अपने चैंबर में वापस चले गए। मेरे पति को मार दिया गया। मेरे दामाद की जान को खतरा है। मेरा देवर जेल में है। हम सुरक्षित नहीं हैं। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। चार शर्तों के साथ जमानत, मगर जेल से बाहर नहीं आएगा सेंगर
कुलदीप सेंगर को कोर्ट ने चार शर्तों के साथ कुलदीप सेंगर को बेल दी है। हालांकि अभी कुलदीप सिंह सेंगर जेल में ही रहेगा, क्योंकि रेप पीड़ित के पिता की हत्या के मामले में भी 10 साल की सजा हुई थी। इस मामले में उसकी जमानत याचिका पर 28 दिसंबर को फैसला आना है। रेप पीड़िता ने कहा, दिल्ली में निर्भया को मार दिया गया। हाथरस में पीड़िता को मार दिया गया। मैं बच गई, इसलिए मुझे जिंदा रहते हुए सजा दी जा रही। ये लोग मेरे परिवार और गवाहों को मार देंगे। भास्कर पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दे सकते हैं... अब जानिए किस आधार पर कोर्ट से जमानत मिली…
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह माना कि कुलदीप सेंगर के खिलाफ पाॅस्को एक्ट की धारा 5 (सी) के तहत अपराध नहीं बनता है। इसमें यह माना गया कि प्रथम दृष्टया यह अपराध अधिनियम की धारा 5 के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न के रूप में योग्य नहीं है। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि कुलदीप सेंगर को इस एक्ट या भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (2) (बी) के प्रयोजनों के लिए लोक सेवक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इससे पहले निचली अदालत ने सेंगर को लोक सेवक की परिभाषा के अंतर्गत आने के आधार पर गंभीर यौन उत्पीड़न के लिए दोषी ठहराया था। यह एक्ट उन परिस्थितियों को सूचीबद्ध करता है, जिनमें किसी बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न का अपराध गंभीर हो जाता है, जिसमें लोक सेवक, पुलिस अधिकारी, सशस्त्र बलों या सुरक्षा बलों के सदस्य, या अस्पताल या जेल कर्मचारी द्वारा अपराध किए जाने की स्थिति शामिल है। ऐसे गंभीर अपराधों के लिए न्यूनतम 20 वर्ष की कारावास की सजा का प्रावधान है, जिसे दोषी के शेष जीवनकाल तक बढ़ाया जा सकता है। निचली अदालत के मत से असहमत होते हुए, हाईकोर्ट ने माना कि सेंगर धारा 5(सी) के दायरे में नहीं आते हैं। कोर्ट ने गौर किया कि गंभीर अपराध के अभाव में, लागू प्रावधान पॉस्को एक्ट की धारा 4 होगी, जिसमें यौन उत्पीड़न के लिए न्यूनतम सात वर्ष की कारावास की सजा का प्रावधान है। पीठ ने यह भी दर्ज किया कि सेंगर पहले ही लगभग सात वर्ष और पांच महीने हिरासत में बिता चुका है। इस मामले में पॉस्को एक्ट की धारा 5 के अंतर्गत अपराध लागू नहीं होता है, और इसलिए अपीलकर्ता को आजीवन कारावास की सजा नहीं दी जा सकती है, तो पीड़ित के वकील का यह तर्क कि जांच में समझौता किया गया था, अपीलकर्ता की सजा को निलंबित न करने का आधार नहीं हो सकता, विशेष रूप से पहले से ही भुगती गई कारावास की अवधि को देखते हुए।” पीड़िता के वकील द्वारा उसकी जान को खतरे में होने के मुद्दे पर जोर देने पर, न्यायालय ने कहा कि न्यायालय किसी व्यक्ति को इस आशंका से हिरासत में नहीं रख सकते कि पुलिस या अर्धसैनिक बल अपना काम ठीक से नहीं करेंगे। यह देखते हुए कि इस तरह की टिप्पणी या इस तरह की विचार प्रक्रिया पुलिस बलों के सराहनीय कार्य को कमजोर कर देगी। कुलदीप की जमानत पर अब नेताओं की प्रतिक्रिया पढ़िए बलात्कारियों को ज़मानत, पीड़िताओं के साथ अपराधियों सा व्यवहार राहुल गांधी ने कहा, उसके अपराधी (पूर्व BJP MLA) को ज़मानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है। खासकर तब, जब पीड़िता को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा हो, और वो डर के साए में जी रही हो। बलात्कारियों को ज़मानत, और पीड़िताओं के साथ अपराधियों सा व्यवहार - ये कैसा न्याय है? हम सिर्फ़ एक मृत अर्थव्यवस्था नहीं - ऐसी अमानवीय घटनाओं के साथ हम एक मृत समाज भी बनते जा रहे हैं। लोकतंत्र में असहमति की आवाज़ उठाना अधिकार है, और उसे दबाना अपराध। पीड़िता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए - न कि बेबसी, भय और अन्याय। RJD नेता मनोज कुमार झा ने कहा- मैं भारत की बच्चियों से कहना चाहता हूं कि हमें बहुत अफ़सोस है कि हमारे पास कोई प्रावधान नहीं है, हमारा कोई चरित्र नहीं है कि हम कह सकें कि आप सुरक्षित हैं। गणतंत्र शर्मिंदा है। सपा नेता आरके वर्मा ने कहा, यह प्रकरण बहुत संवेदनशील था और सभी की संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है। हमारी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है लेकिन न्यायालय के आदेश पर हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। सपा नेता आशुतोष वर्मा ने कहा, भाजपा सामने से कुछ और कहती है और पीछे से कुलदीप सिंह सेंगर जैसे लोगों को छुड़ाने का काम भी करती है। अगर आज भाजपा न्यायालय में जाकर इसका विरोध नहीं करती है तो भाजपा का ये महिला विरोधी चेहरा सबके सामने उजागर हो जाएगा। ------------- ये भी पढ़ें... पूर्व भाजपा MLA को जमानत, पीड़िता बोली-ये मुझे मार देंगे:यूपी में रेपिस्ट कुलदीप सेंगर बाहर आ रहा, मेरे चाचा आज तक जेल में ही बंद दिल्ली में निर्भया को मार दिया गया। हाथरस में पीड़िता को मार दिया गया। मैं बच गई, इसलिए मुझे जिंदा रहते हुए सजा दी जा रही। ये लोग मेरे परिवार और गवाहों को मार देंगे।’ ये शब्द उन्नाव रेप पीड़िता के हैं। इस मामले में दोषी भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने सेंगर की सजा को अपील पर सुनवाई पूरी होने तक सस्पेंड कर दिया। पूरी खबर पढ़ें...
