राजस्थान में बॉर्डर के पास बनेगा नया एयरबेस:पाकिस्तान के 3 बड़े सुरक्षा ठिकानों पर सेकेंड्स में पहुंच जाएंगे फाइटर जेट

राजस्थान से लगते भारत-पाक सीमा पर अब एयरबेस बनने का रास्ता खुल गया है। नए एयरबेस से पाकिस्तान के 3 बड़े एयरबेस तक भारतीय फाइटर जेट जल्दी पहुंच सकते हैं। नए एयरबेस के लिए सादुलशहर (श्रीगंगानगर) तहसील के आस-पास के क्षेत्र की जमीन के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, अधिग्रहण के विरोध में 58 किसानों और जमीन मालिकों ने याचिका लगाई थी। राजस्थान हाईकोर्ट (जोधपुर) ने 18 दिसंबर को हुई सुनवाई में सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी ने फॉरवर्ड कंपोजिट एविएशन बेस (FCAB) के लिए भूमि अधिग्रहण को सही ठहराया है। हाईकोर्ट के अनुसार - यह रिट याचिका केवल तकनीकी आपत्तियों के सहारे राष्ट्रीय महत्व की रक्षा परियोजना को पटरी से उतारने की कोशिश है। कोर्ट ने अपने रिपोर्टेबल जजमेंट में स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाओं में व्यक्तिगत हितों पर जनहित भारी पड़ता है। बॉर्डर से 40 किलोमीटर दूर नए एयरबेस की तैयारी नया सादुलशहर एयरबेस पाकिस्तान बॉर्डर से केवल 40 किलोमीटर दूर होगा। श्रीगंगानगर जिले में यह दूसरा एयरफोर्स स्टेशन होगा। इससे पहले सूरतगढ़ एयरफोर्स स्टेशन यहां मौजूद है। राजस्थान-पाकिस्तान बॉर्डर के जिलों पहले से 5 एयरफोर्स स्टेशन ऑपरेशनल हैं। नए एयरबेस से युद्ध की कंडीशन में पाकिस्तान के जकोबाबाद, भोलारी और रहीम यार खान एयरबेस तक फाइटर जेट तेजी से पहुंच सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत हो रहा है निर्माण मामला श्रीगंगानगर जिले की सादुलशहर तहसील के लालगढ़ जाटान और आस-पास के क्षेत्र का है। यहां भारत-पाक सीमा के पास रक्षा मंत्रालय की ओर से एक महत्वपूर्ण एयरबेस स्थापित किया जाना है। इसका 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) के तहत निर्माण हो रहा है, जो रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। इस प्रोजेक्ट के लिए चक 21 SDS में करीब 130.349 हेक्टेयर निजी भूमि और 2.476 हेक्टेयर सरकारी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा- सुरक्षा से समझौता नहीं कोर्ट ने रिकॉर्ड देखकर पाया कि SIA की जनसुनवाई की तिथि, अखबारी प्रकाशन, मिनट्स और फोटो सब मौजूद हैं। इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जॉइंट सर्वे, आपत्तियों पर तहसीलदार, अन्य अधिकारियों की रिपोर्ट, भूमि अधिग्रहण अधिकारी का ‘स्पीकिंग ऑर्डर’ और RR संबंधी संयुक्त सर्वे रिपोर्ट यह दर्शाती है कि कानून की धाराओं का पालन किया गया है। इसलिए याचिकाकर्ताओं के प्रोसीजर फॉलो न होने वाले तर्क गलत हैं। मई में पाकिस्तान ने की थी हमले की कोशिश ऑपरेशन सिंदूर के बाद इसी साल मई में पाकिस्तान राजस्थान के बॉर्डर वाले एरिया में ड्रोन से हमले किए थे। उसने एयरबेस को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वो नाकाम रहा। दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राजस्थान के हवाई ठिकानों से ही पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया था। इसलिए भी पाकिस्तान ने राजस्थान में हमले की कोशिश की थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से रक्षा मंत्रालय राजस्थान से लगते बॉर्डर और सेना के इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत किया जा रहा है।

राजस्थान में बॉर्डर के पास बनेगा नया एयरबेस:पाकिस्तान के 3 बड़े सुरक्षा ठिकानों पर सेकेंड्स में पहुंच जाएंगे फाइटर जेट
राजस्थान से लगते भारत-पाक सीमा पर अब एयरबेस बनने का रास्ता खुल गया है। नए एयरबेस से पाकिस्तान के 3 बड़े एयरबेस तक भारतीय फाइटर जेट जल्दी पहुंच सकते हैं। नए एयरबेस के लिए सादुलशहर (श्रीगंगानगर) तहसील के आस-पास के क्षेत्र की जमीन के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, अधिग्रहण के विरोध में 58 किसानों और जमीन मालिकों ने याचिका लगाई थी। राजस्थान हाईकोर्ट (जोधपुर) ने 18 दिसंबर को हुई सुनवाई में सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी ने फॉरवर्ड कंपोजिट एविएशन बेस (FCAB) के लिए भूमि अधिग्रहण को सही ठहराया है। हाईकोर्ट के अनुसार - यह रिट याचिका केवल तकनीकी आपत्तियों के सहारे राष्ट्रीय महत्व की रक्षा परियोजना को पटरी से उतारने की कोशिश है। कोर्ट ने अपने रिपोर्टेबल जजमेंट में स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाओं में व्यक्तिगत हितों पर जनहित भारी पड़ता है। बॉर्डर से 40 किलोमीटर दूर नए एयरबेस की तैयारी नया सादुलशहर एयरबेस पाकिस्तान बॉर्डर से केवल 40 किलोमीटर दूर होगा। श्रीगंगानगर जिले में यह दूसरा एयरफोर्स स्टेशन होगा। इससे पहले सूरतगढ़ एयरफोर्स स्टेशन यहां मौजूद है। राजस्थान-पाकिस्तान बॉर्डर के जिलों पहले से 5 एयरफोर्स स्टेशन ऑपरेशनल हैं। नए एयरबेस से युद्ध की कंडीशन में पाकिस्तान के जकोबाबाद, भोलारी और रहीम यार खान एयरबेस तक फाइटर जेट तेजी से पहुंच सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत हो रहा है निर्माण मामला श्रीगंगानगर जिले की सादुलशहर तहसील के लालगढ़ जाटान और आस-पास के क्षेत्र का है। यहां भारत-पाक सीमा के पास रक्षा मंत्रालय की ओर से एक महत्वपूर्ण एयरबेस स्थापित किया जाना है। इसका 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) के तहत निर्माण हो रहा है, जो रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। इस प्रोजेक्ट के लिए चक 21 SDS में करीब 130.349 हेक्टेयर निजी भूमि और 2.476 हेक्टेयर सरकारी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा- सुरक्षा से समझौता नहीं कोर्ट ने रिकॉर्ड देखकर पाया कि SIA की जनसुनवाई की तिथि, अखबारी प्रकाशन, मिनट्स और फोटो सब मौजूद हैं। इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जॉइंट सर्वे, आपत्तियों पर तहसीलदार, अन्य अधिकारियों की रिपोर्ट, भूमि अधिग्रहण अधिकारी का ‘स्पीकिंग ऑर्डर’ और RR संबंधी संयुक्त सर्वे रिपोर्ट यह दर्शाती है कि कानून की धाराओं का पालन किया गया है। इसलिए याचिकाकर्ताओं के प्रोसीजर फॉलो न होने वाले तर्क गलत हैं। मई में पाकिस्तान ने की थी हमले की कोशिश ऑपरेशन सिंदूर के बाद इसी साल मई में पाकिस्तान राजस्थान के बॉर्डर वाले एरिया में ड्रोन से हमले किए थे। उसने एयरबेस को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वो नाकाम रहा। दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राजस्थान के हवाई ठिकानों से ही पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया था। इसलिए भी पाकिस्तान ने राजस्थान में हमले की कोशिश की थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से रक्षा मंत्रालय राजस्थान से लगते बॉर्डर और सेना के इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत किया जा रहा है।