शाजापुर में नीलगायों का आतंक, गेहूं, चना की फसलें बर्बाद:किसान दिन-रात कर रहे रखवाली; वन विभाग और प्रशासन से कार्रवाई की मांग
शाजापुर में नीलगायों का आतंक, गेहूं, चना की फसलें बर्बाद:किसान दिन-रात कर रहे रखवाली; वन विभाग और प्रशासन से कार्रवाई की मांग
शाजापुर जिले की मोहन बड़ोदिया तहसील के करजू, मोहना और सरसोदिया सहित आसपास के गांवों में नीलगायों और हिरणों के झुंड फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान अपनी गेहूं, चना, प्याज और लहसुन की फसलों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। क्षेत्र में 20 से 30 की संख्या में घूमने वाले नीलगायों के झुंड खेतों में घुसकर लहलहाती फसलों को पूरी तरह चौपट कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस समस्या के कारण उनकी रातों की नींद उड़ गई है।किसान दुर्गाप्रसाद चंद्रवंशी, धीरज कुमार और अखिलेश कुमार ने बताया कि वे दिन-रात खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं, लेकिन इसके बावजूद फसलें सुरक्षित नहीं रह पा रही हैं। नीलगाय पकड़ने का प्वाइंट बना, लेकिन राहत नहीं मिली किसान केशर सिंह और संजय कुमार के अनुसार, इस समस्या को लेकर कई बार वन विभाग, कलेक्टर, विधायक और सांसद तक गुहार लगाई जा चुकी है। शासन के निर्देश पर वन विभाग ने करजू गांव को चयनित कर नीलगायों को पकड़ने के लिए एक प्वाइंट भी बनाया था। हालांकि, धरातल पर अब तक एक भी नीलगाय या हिरण नहीं पकड़ा गया है। प्रशासन की इस सुस्ती से किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है और उनमें भारी नाराजगी है। क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नीलगायों और हिरणों को पकड़ने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई, तो वे धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करने को विवश होंगे। किसानों ने यह भी कहा है कि समस्या का समाधान न होने पर वे आगामी चुनावों का पूर्ण बहिष्कार करेंगे।
शाजापुर जिले की मोहन बड़ोदिया तहसील के करजू, मोहना और सरसोदिया सहित आसपास के गांवों में नीलगायों और हिरणों के झुंड फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान अपनी गेहूं, चना, प्याज और लहसुन की फसलों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। क्षेत्र में 20 से 30 की संख्या में घूमने वाले नीलगायों के झुंड खेतों में घुसकर लहलहाती फसलों को पूरी तरह चौपट कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस समस्या के कारण उनकी रातों की नींद उड़ गई है।किसान दुर्गाप्रसाद चंद्रवंशी, धीरज कुमार और अखिलेश कुमार ने बताया कि वे दिन-रात खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं, लेकिन इसके बावजूद फसलें सुरक्षित नहीं रह पा रही हैं। नीलगाय पकड़ने का प्वाइंट बना, लेकिन राहत नहीं मिली किसान केशर सिंह और संजय कुमार के अनुसार, इस समस्या को लेकर कई बार वन विभाग, कलेक्टर, विधायक और सांसद तक गुहार लगाई जा चुकी है। शासन के निर्देश पर वन विभाग ने करजू गांव को चयनित कर नीलगायों को पकड़ने के लिए एक प्वाइंट भी बनाया था। हालांकि, धरातल पर अब तक एक भी नीलगाय या हिरण नहीं पकड़ा गया है। प्रशासन की इस सुस्ती से किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है और उनमें भारी नाराजगी है। क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नीलगायों और हिरणों को पकड़ने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई, तो वे धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करने को विवश होंगे। किसानों ने यह भी कहा है कि समस्या का समाधान न होने पर वे आगामी चुनावों का पूर्ण बहिष्कार करेंगे।