पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का आज होगा MOA:जयपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा एग्रीमेंट; MP के 2012 गांव होंगे लाभान्वित

पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर आज केंद्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच त्रिस्तरीय मैमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (MOA) पर हस्ताक्षर होंगे। मुख्य कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में राजस्थान के जयपुर में आज मंगलवार को सुबह 11 बजे से हो रहा है। प्रदेश के 11 जिलों में कार्यक्रम लाइव दिखाया जाएगा। इस परियोजना में मालवा और चंबल क्षेत्र के 11 जिलों के 2012 गांव लाभान्वित होंगे। लगभग 40 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा। प्रदेश के गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिये भरपूर पानी और पेयजल की उपलब्धता हो सकेगी। 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हो सकेगी सिंचाई पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ रुपए है, जिसमें मध्यप्रदेश 35 हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा। केन्द्र की इस योजना में कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्र और 10 प्रतिशत राज्य का रहेगा। इस परियोजना से मध्यप्रदेश में लगभग 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। इससे 40 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी। साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिये आरक्षित रहेगा। परियोजना अंतर्गत 21 बांध/बैराज निर्मित किए जाएंगे। सबसे ज्यादा गुना जिले के गांव शामिल प्रदेश के 11 जिलों के 2012 गांव इस योजना के दायरे में आएंगे। इसमें गुना जिले के 637, मुरैना के 635, शिवपुरी के 470, भिंड के 440, श्योपुर के 278, उज्जैन के 238, सीहोर के 110, मंदसौर के 147, इंदौर के 75, देवास के 74, आगर मालवा के 73, शाजापुर के 21 और राजगढ़ के 19 गांव शामिल हैं। सबसे ज्यादा गांव गुना जिले के लाभान्वित होंगे। इनमें भी सबसे ज्यादा फायदा चांचौड़ा विधानसभा को मिलेगा। प्रदेश में बनेंगे 17 छोटे-बड़े डैम इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश की 17 परियोजनाएं एवं राजस्थान की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना शामिल है। परियोजना की कुल लागत 72 हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के लगभग 6.11 लाख हेक्टेयर नवीन क्षेत्र में सिंचाई एवं पेयजल व उद्योगों के लिए लगभग 172 मिलियन घन मीटर जल का प्रावधान किया गया है। परियोजना से लगभग 40 लाख परिवार लाभांवित होंगे। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना में मध्यप्रदेश से निकलने वाली पार्वती, कूनो, कालीसिंध, चंबल, क्षिप्रा एवं सहायक नदियों के जल का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। मध्यप्रदेश में निर्मित होने वाली परियोजनाओं की कुल लागत 35 हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित है। परियोजना के अंतर्गत माधवराव सिंधिया सिंचाई कॉम्प्लेक्स में 4 बांध (कटीला, सोनपुर, पावा एवं धनवाड़ी), 2 बैराज (श्यामपुर, नैनागढ), कुम्भराज कॉम्पलेक्स में 2 बांध (कुम्भराज-1 एवं कुम्भराज-2) और रणजीत सागर, लखुंदर बैराज एवं ऊपरी चम्बल कछार में 7 बांध (सोनचिरी, रामवासा, बचेरा, पदुनिया, सेवरखेडी, चितावद तथा सीकरी सुल्तानपुरा) शामिल हैं। इसके अलावा गांधी सागर बांध की अप-स्ट्रीम में चंबल, क्षिप्रा और गंभीर नदियों पर छोटे-छोटे बांधों का निर्माण भी प्रस्तावित है।

पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का आज होगा MOA:जयपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा एग्रीमेंट; MP के 2012 गांव होंगे लाभान्वित
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर आज केंद्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच त्रिस्तरीय मैमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (MOA) पर हस्ताक्षर होंगे। मुख्य कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में राजस्थान के जयपुर में आज मंगलवार को सुबह 11 बजे से हो रहा है। प्रदेश के 11 जिलों में कार्यक्रम लाइव दिखाया जाएगा। इस परियोजना में मालवा और चंबल क्षेत्र के 11 जिलों के 2012 गांव लाभान्वित होंगे। लगभग 40 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा। प्रदेश के गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिये भरपूर पानी और पेयजल की उपलब्धता हो सकेगी। 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हो सकेगी सिंचाई पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ रुपए है, जिसमें मध्यप्रदेश 35 हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा। केन्द्र की इस योजना में कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्र और 10 प्रतिशत राज्य का रहेगा। इस परियोजना से मध्यप्रदेश में लगभग 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। इससे 40 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी। साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिये आरक्षित रहेगा। परियोजना अंतर्गत 21 बांध/बैराज निर्मित किए जाएंगे। सबसे ज्यादा गुना जिले के गांव शामिल प्रदेश के 11 जिलों के 2012 गांव इस योजना के दायरे में आएंगे। इसमें गुना जिले के 637, मुरैना के 635, शिवपुरी के 470, भिंड के 440, श्योपुर के 278, उज्जैन के 238, सीहोर के 110, मंदसौर के 147, इंदौर के 75, देवास के 74, आगर मालवा के 73, शाजापुर के 21 और राजगढ़ के 19 गांव शामिल हैं। सबसे ज्यादा गांव गुना जिले के लाभान्वित होंगे। इनमें भी सबसे ज्यादा फायदा चांचौड़ा विधानसभा को मिलेगा। प्रदेश में बनेंगे 17 छोटे-बड़े डैम इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश की 17 परियोजनाएं एवं राजस्थान की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना शामिल है। परियोजना की कुल लागत 72 हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के लगभग 6.11 लाख हेक्टेयर नवीन क्षेत्र में सिंचाई एवं पेयजल व उद्योगों के लिए लगभग 172 मिलियन घन मीटर जल का प्रावधान किया गया है। परियोजना से लगभग 40 लाख परिवार लाभांवित होंगे। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना में मध्यप्रदेश से निकलने वाली पार्वती, कूनो, कालीसिंध, चंबल, क्षिप्रा एवं सहायक नदियों के जल का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। मध्यप्रदेश में निर्मित होने वाली परियोजनाओं की कुल लागत 35 हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित है। परियोजना के अंतर्गत माधवराव सिंधिया सिंचाई कॉम्प्लेक्स में 4 बांध (कटीला, सोनपुर, पावा एवं धनवाड़ी), 2 बैराज (श्यामपुर, नैनागढ), कुम्भराज कॉम्पलेक्स में 2 बांध (कुम्भराज-1 एवं कुम्भराज-2) और रणजीत सागर, लखुंदर बैराज एवं ऊपरी चम्बल कछार में 7 बांध (सोनचिरी, रामवासा, बचेरा, पदुनिया, सेवरखेडी, चितावद तथा सीकरी सुल्तानपुरा) शामिल हैं। इसके अलावा गांधी सागर बांध की अप-स्ट्रीम में चंबल, क्षिप्रा और गंभीर नदियों पर छोटे-छोटे बांधों का निर्माण भी प्रस्तावित है।