भारत-माला प्रोजेक्ट घोटाला, छत्तीसगढ़ में 9 ठिकानों पर ED रेड:रायपुर में हरमीत खनूजा के घर दबिश, महासमुंद में कारोबारी जसबीर बग्गा के घर छापेमारी

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। रायपुर में हरमीत सिंह खनूजा के यहां ED की टीम पहुंची है। वहीं, सुबह 6 बजे महासमुंद में मेघ बसंत इलाके में स्थित व्यवसायी जसबीर सिंह बग्गा के निवास पर दबिश दी और छापेमारी शुरू की। जानकारी के मुताबिक, भारत माला परियोजना में कथित अनियमितताओं को लेकर यह कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल घर के अंदर जांच जारी है, जबकि बाहर सुरक्षा बल तैनात हैं। किसी भी व्यक्ति को घर के भीतर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही। मामले में आगे की कार्रवाई और आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। भारत माला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा भुगतान को लेकर कथित अनियमितताओं की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई की है। ईडी की टीमों ने रायपुर और महासमुंद में एक साथ कम से कम 9 ठिकानों पर छापेमारी की। भुगतान में गड़बड़ियों से जुड़ा मामला यह मामला भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा राशि के निर्धारण और भुगतान में गड़बड़ियों से जुड़ा है। जांच के दायरे में कुछ निजी व्यक्तियों, उनके सहयोगियों, सरकारी अधिकारियों और जमीन मालिकों के ठिकाने शामिल किए गए हैं। किन लोगों से जुड़े ठिकानों पर कार्रवाई? ईडी की कार्रवाई जिनसे जुड़े परिसरों पर की जा रही है, उनमें शामिल हैं बताया जा रहा है कि मुआवजा वितरण में नियमों के उल्लंघन और संदिग्ध लेन-देन को लेकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। जानिए कैसे हुआ घोटाला ? भारत-माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया। इस केस में दैनिक भास्कर डिजिटल में खबर छपने के बाद कोरबा डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को सस्पेंड किया गया था। इसके पहले जगदलपुर निगम कमिश्नर निर्भय साहू को सस्पेंड किया गया था। शशिकांत और निर्भय पर जांच रिपोर्ट तैयार होने के 6 महीने बाद कार्रवाई हुई थी। निर्भय कुमार साहू सहित 5 अधिकारी-कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से ज्यादा राशि की गड़बड़ी का आरोप है। जमीन को टुकड़ों में बांटा, 80 नए नाम चढ़ाए राजस्व विभाग के मुताबिक, मुआवजा करीब 29.5 करोड़ का होता है। अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरे में बांट दिया। मुआवजा के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिए गए। इससे 559 मीटर जमीन की कीमत करीब 29.5 करोड़ से बढ़कर 70 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई। अभनपुर बेल्ट में 9.38 किलोमीटर के लिए 324 करोड़ मुआवजा राशि निर्धारित की गई। जिसमें से 246 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं 78 करोड़ रुपए का भुगतान अभी रोक दिया गया है। भारत माला परियोजना क्या है? भारत माला परियोजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना है, जिसके तहत करीब 26 हजार किलोमीटर आर्थिक कॉरिडोर विकसित किए जाने हैं। यह कॉरिडोर गोल्डन क्वाड्रिलेटरल, नॉर्थ-साउथ और ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से जुड़ेंगे। देश के अधिकांश फ्रेट ट्रैफिक को इन्हीं मार्गों से ले जाने की योजना है। रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर इसी परियोजना का अहम हिस्सा है। ...................................... भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला...8000 पन्नों का चालान पेश:जमीन दलाल हरमीत को मिले 23 करोड़; रेवेन्यू ऑफिसर, SDM-पटवारी को साथ लिया; 3 तरीके से फर्जीवाड़ा छत्तीसगढ़ भारतमाला परियोजना घोटाला मामले में EOW ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में 12 बंडलों में 8000 पन्नों का चालान पेश किया। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 43 करोड़ के भूमि अधिग्रहण घोटाले में 10 लोगों को आरोपी बनाया है। इन लोगों ने कथित तौर पर जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया। पढ़ें पूरी खबर

भारत-माला प्रोजेक्ट घोटाला, छत्तीसगढ़ में 9 ठिकानों पर ED रेड:रायपुर में हरमीत खनूजा के घर दबिश, महासमुंद में कारोबारी जसबीर बग्गा के घर छापेमारी
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। रायपुर में हरमीत सिंह खनूजा के यहां ED की टीम पहुंची है। वहीं, सुबह 6 बजे महासमुंद में मेघ बसंत इलाके में स्थित व्यवसायी जसबीर सिंह बग्गा के निवास पर दबिश दी और छापेमारी शुरू की। जानकारी के मुताबिक, भारत माला परियोजना में कथित अनियमितताओं को लेकर यह कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल घर के अंदर जांच जारी है, जबकि बाहर सुरक्षा बल तैनात हैं। किसी भी व्यक्ति को घर के भीतर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही। मामले में आगे की कार्रवाई और आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। भारत माला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा भुगतान को लेकर कथित अनियमितताओं की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई की है। ईडी की टीमों ने रायपुर और महासमुंद में एक साथ कम से कम 9 ठिकानों पर छापेमारी की। भुगतान में गड़बड़ियों से जुड़ा मामला यह मामला भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा राशि के निर्धारण और भुगतान में गड़बड़ियों से जुड़ा है। जांच के दायरे में कुछ निजी व्यक्तियों, उनके सहयोगियों, सरकारी अधिकारियों और जमीन मालिकों के ठिकाने शामिल किए गए हैं। किन लोगों से जुड़े ठिकानों पर कार्रवाई? ईडी की कार्रवाई जिनसे जुड़े परिसरों पर की जा रही है, उनमें शामिल हैं बताया जा रहा है कि मुआवजा वितरण में नियमों के उल्लंघन और संदिग्ध लेन-देन को लेकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। जानिए कैसे हुआ घोटाला ? भारत-माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया। इस केस में दैनिक भास्कर डिजिटल में खबर छपने के बाद कोरबा डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को सस्पेंड किया गया था। इसके पहले जगदलपुर निगम कमिश्नर निर्भय साहू को सस्पेंड किया गया था। शशिकांत और निर्भय पर जांच रिपोर्ट तैयार होने के 6 महीने बाद कार्रवाई हुई थी। निर्भय कुमार साहू सहित 5 अधिकारी-कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से ज्यादा राशि की गड़बड़ी का आरोप है। जमीन को टुकड़ों में बांटा, 80 नए नाम चढ़ाए राजस्व विभाग के मुताबिक, मुआवजा करीब 29.5 करोड़ का होता है। अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरे में बांट दिया। मुआवजा के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिए गए। इससे 559 मीटर जमीन की कीमत करीब 29.5 करोड़ से बढ़कर 70 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई। अभनपुर बेल्ट में 9.38 किलोमीटर के लिए 324 करोड़ मुआवजा राशि निर्धारित की गई। जिसमें से 246 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं 78 करोड़ रुपए का भुगतान अभी रोक दिया गया है। भारत माला परियोजना क्या है? भारत माला परियोजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना है, जिसके तहत करीब 26 हजार किलोमीटर आर्थिक कॉरिडोर विकसित किए जाने हैं। यह कॉरिडोर गोल्डन क्वाड्रिलेटरल, नॉर्थ-साउथ और ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से जुड़ेंगे। देश के अधिकांश फ्रेट ट्रैफिक को इन्हीं मार्गों से ले जाने की योजना है। रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर इसी परियोजना का अहम हिस्सा है। ...................................... भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला...8000 पन्नों का चालान पेश:जमीन दलाल हरमीत को मिले 23 करोड़; रेवेन्यू ऑफिसर, SDM-पटवारी को साथ लिया; 3 तरीके से फर्जीवाड़ा छत्तीसगढ़ भारतमाला परियोजना घोटाला मामले में EOW ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में 12 बंडलों में 8000 पन्नों का चालान पेश किया। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 43 करोड़ के भूमि अधिग्रहण घोटाले में 10 लोगों को आरोपी बनाया है। इन लोगों ने कथित तौर पर जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया। पढ़ें पूरी खबर