ABVP पर वसूली का आरोप लगाने वाले शिक्षक पलटे:कहा- AIDSO के बहकावे में आ गए थे, इसलिए ऐसा किया; किसी ने हमसे पैसे नहीं मांगे
ABVP पर वसूली का आरोप लगाने वाले शिक्षक पलटे:कहा- AIDSO के बहकावे में आ गए थे, इसलिए ऐसा किया; किसी ने हमसे पैसे नहीं मांगे
दो दिन पहले तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर जबरन पैसे मांगने का आरोप लगाने वाले शिक्षकों ने यू टर्न ले लिया है। बुधवार देर शाम उनके वीडियो सामने आए, जिनमें वो कह रहे हैं कि दूसरे संगठन के कहने पर उन्होंने विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाए थे। बता दें, कि सोमवार को कृष्णा एंड प्रिज्म कोचिंग के शिक्षक और 200 छात्र कोतवाली पहुंच गए। वहां कोचिंग के संचालक प्रमोद तिवारी ने बताया कि काफी समय से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता उनकी कोचिंग पर आ रहे हैं। उनका कहना है कि विद्यार्थी परिषद का राज्य सम्मेलन गुना में होने जा रहा है। इसके लिए चारों शिक्षक 50-50 हजार रुपए का चंदा दें। संचालक ने उनसे कहा कि हम 5100 रुपए दे देंगे। इस पर परिषद के कार्यकर्ता तैयार नहीं हुए और अंत में कहा कि 30-30 हजार तो देना ही पड़ेंगे। संचालक इसके लिए तैयार नहीं हुए। सोमवार शाम 4 बजे का बैच चल रहा था। इसी दौरान विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता कोचिंग पर पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों से पैसे की मांग की। शिक्षकों ने इतने पैसे देने पर इंकार कर दिया। इसके बाद कार्यकर्ता कोचिंग के अंदर पहुंचे और वहां पढ़ रहे छात्रों को बाहर निकाल दिया। इसके बाद गेट पर ताला लगा दिया। ताला लगाने का वीडियो भी सामने आया। कोचिंग संचालक सभी बच्चों को लेकर कोतवाली थाने पहुंच गए। यहां उन्होंने थाने में शिकायती आवेदन दिया। पुलिस ने परिषद के कार्यकर्ताओं से चाबी मंगाकर ताला खुलवा दिया। साथ ही कोचिंग संचालकों को आश्वासन दिया कि उनके आवेदन की जांच की जाएगी। जो भी तथ्य सामने आयेंगे, उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद शिक्षक और सभी बच्चे कोतवाली से निकले। मंगलवार को SP ऑफिस, कलेक्ट्रेट पहुंचे कोचिंग का ताला सोमवार को खुल गया, लेकिन मंगलवार को कोचिंग संचालक छात्रों के साथ पहले पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित जनसुनवाई में पहुंच गए। उन्होंने यहां आवेदन सौंपा। इसके बाद वह कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में पहुंचे। यहां शिक्षकों ने कलेक्टर से मुलाकात की और इस मामले से अवगत कराया। दोनों ही जगह उन्हें आश्वासन मिला कि इसकी जांच करा ली जाएगी। अब बोले- AIDSO ने गुमराह किया बुधवार शाम इन सभी चार शिक्षकों के वीडियो सामने आए। इसमें उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद पर उन्होंने बहकावे में आकर आरोप लगाए थे। उन्होंने किसी तरह के पैसे नहीं मांगे। AIDSO के कहने पर उन्होंने विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाए थे। शिक्षक प्रमोद तिवारी ने कहा कि DSO के कुछ कार्यकर्ता आए थे। उन्होंने हमे समझाया कि आप यहां पर जाइए। उनके बहकावे में आकर हम कोतवाली, कलेक्ट्रेट और SP ऑफिस गए थे। हम उनकी मंशा नहीं समझ पाए, इसलिए वहां पर चले गए। हमारा किसी से कोई विवाद नहीं है। एक दूसरे शिक्षक ने कहा कि DSO ने पैसे का लालच भी दिया था।
दो दिन पहले तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर जबरन पैसे मांगने का आरोप लगाने वाले शिक्षकों ने यू टर्न ले लिया है। बुधवार देर शाम उनके वीडियो सामने आए, जिनमें वो कह रहे हैं कि दूसरे संगठन के कहने पर उन्होंने विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाए थे। बता दें, कि सोमवार को कृष्णा एंड प्रिज्म कोचिंग के शिक्षक और 200 छात्र कोतवाली पहुंच गए। वहां कोचिंग के संचालक प्रमोद तिवारी ने बताया कि काफी समय से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता उनकी कोचिंग पर आ रहे हैं। उनका कहना है कि विद्यार्थी परिषद का राज्य सम्मेलन गुना में होने जा रहा है। इसके लिए चारों शिक्षक 50-50 हजार रुपए का चंदा दें। संचालक ने उनसे कहा कि हम 5100 रुपए दे देंगे। इस पर परिषद के कार्यकर्ता तैयार नहीं हुए और अंत में कहा कि 30-30 हजार तो देना ही पड़ेंगे। संचालक इसके लिए तैयार नहीं हुए। सोमवार शाम 4 बजे का बैच चल रहा था। इसी दौरान विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता कोचिंग पर पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों से पैसे की मांग की। शिक्षकों ने इतने पैसे देने पर इंकार कर दिया। इसके बाद कार्यकर्ता कोचिंग के अंदर पहुंचे और वहां पढ़ रहे छात्रों को बाहर निकाल दिया। इसके बाद गेट पर ताला लगा दिया। ताला लगाने का वीडियो भी सामने आया। कोचिंग संचालक सभी बच्चों को लेकर कोतवाली थाने पहुंच गए। यहां उन्होंने थाने में शिकायती आवेदन दिया। पुलिस ने परिषद के कार्यकर्ताओं से चाबी मंगाकर ताला खुलवा दिया। साथ ही कोचिंग संचालकों को आश्वासन दिया कि उनके आवेदन की जांच की जाएगी। जो भी तथ्य सामने आयेंगे, उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद शिक्षक और सभी बच्चे कोतवाली से निकले। मंगलवार को SP ऑफिस, कलेक्ट्रेट पहुंचे कोचिंग का ताला सोमवार को खुल गया, लेकिन मंगलवार को कोचिंग संचालक छात्रों के साथ पहले पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित जनसुनवाई में पहुंच गए। उन्होंने यहां आवेदन सौंपा। इसके बाद वह कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में पहुंचे। यहां शिक्षकों ने कलेक्टर से मुलाकात की और इस मामले से अवगत कराया। दोनों ही जगह उन्हें आश्वासन मिला कि इसकी जांच करा ली जाएगी। अब बोले- AIDSO ने गुमराह किया बुधवार शाम इन सभी चार शिक्षकों के वीडियो सामने आए। इसमें उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद पर उन्होंने बहकावे में आकर आरोप लगाए थे। उन्होंने किसी तरह के पैसे नहीं मांगे। AIDSO के कहने पर उन्होंने विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाए थे। शिक्षक प्रमोद तिवारी ने कहा कि DSO के कुछ कार्यकर्ता आए थे। उन्होंने हमे समझाया कि आप यहां पर जाइए। उनके बहकावे में आकर हम कोतवाली, कलेक्ट्रेट और SP ऑफिस गए थे। हम उनकी मंशा नहीं समझ पाए, इसलिए वहां पर चले गए। हमारा किसी से कोई विवाद नहीं है। एक दूसरे शिक्षक ने कहा कि DSO ने पैसे का लालच भी दिया था।