इंदौर के ओम शांति भवन में राष्ट्रीय सम्मेलन:जवानों को मन को शांत रखने की कला सीखनी चाहिए, शांत मन से क्रोध और तनाव पर होता है नियंत्रण

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सुरक्षा सेवा प्रभाग के द्वारा न्यू पलासिया स्थित ज्ञान शिखर ओम शांति भवन में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। विषय था- स्व सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण। इसमें इन्फैंट्री स्कूल के कमांडेंट गजेंद्र जोशी ने कहा कि जिस प्रकार सुरक्षा सेवाओं में जवानों के शारीरिक प्रशिक्षण, तथा अस्त्र-शस्त्र हथियारों की शिक्षा दी जाती है इसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य का भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए जिससे जवानों को मन को शांत रखने की कला सीखने को मिले । शांत मन से क्रोध व तनाव पर नियंत्रण अच्छी तरह से रख सकते हैं। सुरक्षा के कार्य में जागरुकता जरूरी इस अवसर पर आर ए पी टी सी के पुलिस महानिदेशक वरुण कपूर ने कहा कि सुरक्षा के कार्य में जुड़े अधिकारी और जनता की जागरूकता जब मिल जाती है, तब ही सही सुरक्षा मिलती है और एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण होता है । एक अच्छे राष्ट्र की पहचान वहां की सुरक्षा व्यवस्था ही होती है। स्व सशक्तिकरण के लिए आत्म सुरक्षा आवश्यक है। जीवन में अनुशासन, आदर और ईमानदारी ही आत्म सुरक्षा के सबसे बड़े साधन है। हमेशा चौकन्ना रहता है सुरक्षा तंत्र सेवानिवृत्त वॉइस एडमिरल एसएन घोरमड़े ने बताया कि जैसे देश के बाहरी दुश्मनों पर विजय पाने के लिए सुरक्षा तंत्र हमेशा चौकन्ना रहता है, इसी तरह मनुष्य अपने मन को भी आत्म अनुशासन के द्वारा सशक्त कर स्वयं के आंतरिक दुश्मन तनाव, भय,चिंता, अशांति पर विजय प्राप्त कर सकता है। मेडिटेशन या ध्यान मन को मजबूत बनाता है और हमें सदा खुश रहना सिखाता है। कार्य स्थल पर अटेंशन रहे तो मन में टेंशन नहीं आएगा। राजयोग मेडिटेशन कारगर उपाय इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि व्यक्ति राष्ट्र की इकाई है। राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए हमारे सुरक्षा कर्मियों को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक सब प्रकार से सशक्त बनाना होगा। हमारे वीर जवान जो घर से दूर रहकर घर परिवार की सभी परिस्थितियों को जानते हुए भी देश की सेवा में जुटे हैं । उनके सामने भी नित नई चुनौतियां होती है, इन सब के बीच मन को स्थिर रखने के लिए राजयोग मेडिटेशन कारगर उपाय है। गुस्सा करने से बढ़ता है तनाव कार्यक्रम में कॉरपोरेट ट्रेनर और मोटिवेशनल स्पीकर मुंबई के डॉक्टर ई व्ही स्वामीनाथन ने कहा कि गुस्सा करने से तनाव बढ़ता है, इसलिए सदा खुश रहने का अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सेवा में लगे कर्मियों को त्रासदी के समय बचाव दल के रूप में भेजने से पूर्व कर्मियों को त्रासदी के अनुसार जरूरी उपकरण, औजार, ड्रेस हेलमेट, जूते आदि युक्त होकर निकलना होता है, ऐसे ही मन को भी रोज कुछ क्षण एकाग्र कर सकारात्मक विचारों से सशक्त करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कार्य क्षेत्र में जो भूमिका हम चुनौतियों से निपटने में निभाते हैं, लेकिन घर पर जाते ही मुस्कुराहट और खुशी के साथ एक पिता, भाई या दोस्त की निभानी चाहिए उसके लिए खुद को जानना जरूरी है कि मैं एक असीम ऊर्जा का स्रोत चेतन आत्मा हू तथा परमात्मा मेरे परम रक्षक है। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के सुरक्षा सेवा प्रभाव के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर अशोक गाबा ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।साथ ही नई दिल्ली से पधारे रक्षा अनुसंधान एवं विकास मंत्रालय के अतिरिक्त निदेशक कैप्टन शिव सिंह ने ब्रह्माकुमारीज के सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा पूरे विश्व में की जा रही सेवाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए प्रेणादाई वीडियो के माध्यम से सेवाओं की कुछ झलकियां दिखाई। मुंबई से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीपा दीदी ने स्व सशक्तिकरण के लिए राजयोग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए सभी को राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति कराई। शक्ति निकेतन की कन्याओं ने स्वागत नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शिल्पा देसाई ने किया तथा दिल्ली से पधारी ब्रह्माकुमारी सारिका बहन ने सभी का आभार माना। कार्यक्रम में आर ए पी टी सी , बीएसएफ, एस टी सी, सी आई एस एफ, स्टेट तथा स्थानीय पुलिस बल तथा सेवानिवृत कई पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने बताया कि सुरक्षा सेवा प्रभाग के अंतर्गत 21 से 24 अक्टूबर तक महू, बड़वाह तथा इंदौर के अनेक सुरक्षा संगठनों में स्व सशक्तिकरण के अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इंदौर के ओम शांति भवन में राष्ट्रीय सम्मेलन:जवानों को मन को शांत रखने की कला सीखनी चाहिए, शांत मन से क्रोध और तनाव पर होता है नियंत्रण
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सुरक्षा सेवा प्रभाग के द्वारा न्यू पलासिया स्थित ज्ञान शिखर ओम शांति भवन में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। विषय था- स्व सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण। इसमें इन्फैंट्री स्कूल के कमांडेंट गजेंद्र जोशी ने कहा कि जिस प्रकार सुरक्षा सेवाओं में जवानों के शारीरिक प्रशिक्षण, तथा अस्त्र-शस्त्र हथियारों की शिक्षा दी जाती है इसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य का भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए जिससे जवानों को मन को शांत रखने की कला सीखने को मिले । शांत मन से क्रोध व तनाव पर नियंत्रण अच्छी तरह से रख सकते हैं। सुरक्षा के कार्य में जागरुकता जरूरी इस अवसर पर आर ए पी टी सी के पुलिस महानिदेशक वरुण कपूर ने कहा कि सुरक्षा के कार्य में जुड़े अधिकारी और जनता की जागरूकता जब मिल जाती है, तब ही सही सुरक्षा मिलती है और एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण होता है । एक अच्छे राष्ट्र की पहचान वहां की सुरक्षा व्यवस्था ही होती है। स्व सशक्तिकरण के लिए आत्म सुरक्षा आवश्यक है। जीवन में अनुशासन, आदर और ईमानदारी ही आत्म सुरक्षा के सबसे बड़े साधन है। हमेशा चौकन्ना रहता है सुरक्षा तंत्र सेवानिवृत्त वॉइस एडमिरल एसएन घोरमड़े ने बताया कि जैसे देश के बाहरी दुश्मनों पर विजय पाने के लिए सुरक्षा तंत्र हमेशा चौकन्ना रहता है, इसी तरह मनुष्य अपने मन को भी आत्म अनुशासन के द्वारा सशक्त कर स्वयं के आंतरिक दुश्मन तनाव, भय,चिंता, अशांति पर विजय प्राप्त कर सकता है। मेडिटेशन या ध्यान मन को मजबूत बनाता है और हमें सदा खुश रहना सिखाता है। कार्य स्थल पर अटेंशन रहे तो मन में टेंशन नहीं आएगा। राजयोग मेडिटेशन कारगर उपाय इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि व्यक्ति राष्ट्र की इकाई है। राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए हमारे सुरक्षा कर्मियों को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक सब प्रकार से सशक्त बनाना होगा। हमारे वीर जवान जो घर से दूर रहकर घर परिवार की सभी परिस्थितियों को जानते हुए भी देश की सेवा में जुटे हैं । उनके सामने भी नित नई चुनौतियां होती है, इन सब के बीच मन को स्थिर रखने के लिए राजयोग मेडिटेशन कारगर उपाय है। गुस्सा करने से बढ़ता है तनाव कार्यक्रम में कॉरपोरेट ट्रेनर और मोटिवेशनल स्पीकर मुंबई के डॉक्टर ई व्ही स्वामीनाथन ने कहा कि गुस्सा करने से तनाव बढ़ता है, इसलिए सदा खुश रहने का अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सेवा में लगे कर्मियों को त्रासदी के समय बचाव दल के रूप में भेजने से पूर्व कर्मियों को त्रासदी के अनुसार जरूरी उपकरण, औजार, ड्रेस हेलमेट, जूते आदि युक्त होकर निकलना होता है, ऐसे ही मन को भी रोज कुछ क्षण एकाग्र कर सकारात्मक विचारों से सशक्त करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कार्य क्षेत्र में जो भूमिका हम चुनौतियों से निपटने में निभाते हैं, लेकिन घर पर जाते ही मुस्कुराहट और खुशी के साथ एक पिता, भाई या दोस्त की निभानी चाहिए उसके लिए खुद को जानना जरूरी है कि मैं एक असीम ऊर्जा का स्रोत चेतन आत्मा हू तथा परमात्मा मेरे परम रक्षक है। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के सुरक्षा सेवा प्रभाव के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर अशोक गाबा ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।साथ ही नई दिल्ली से पधारे रक्षा अनुसंधान एवं विकास मंत्रालय के अतिरिक्त निदेशक कैप्टन शिव सिंह ने ब्रह्माकुमारीज के सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा पूरे विश्व में की जा रही सेवाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए प्रेणादाई वीडियो के माध्यम से सेवाओं की कुछ झलकियां दिखाई। मुंबई से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीपा दीदी ने स्व सशक्तिकरण के लिए राजयोग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए सभी को राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति कराई। शक्ति निकेतन की कन्याओं ने स्वागत नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शिल्पा देसाई ने किया तथा दिल्ली से पधारी ब्रह्माकुमारी सारिका बहन ने सभी का आभार माना। कार्यक्रम में आर ए पी टी सी , बीएसएफ, एस टी सी, सी आई एस एफ, स्टेट तथा स्थानीय पुलिस बल तथा सेवानिवृत कई पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने बताया कि सुरक्षा सेवा प्रभाग के अंतर्गत 21 से 24 अक्टूबर तक महू, बड़वाह तथा इंदौर के अनेक सुरक्षा संगठनों में स्व सशक्तिकरण के अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।