गुजरात के केवड़िया की तर्ज पर बनेगा कैक्टस गार्डन:प्रदेश का पहला सरकारी कैक्टस गार्डन होगा तैयार, ‘सेंट्रल ग्रीन इंडिया मिशन’ योजना में चयन
गुजरात के केवड़िया की तर्ज पर बनेगा कैक्टस गार्डन:प्रदेश का पहला सरकारी कैक्टस गार्डन होगा तैयार, ‘सेंट्रल ग्रीन इंडिया मिशन’ योजना में चयन
गुजरात के केवड़िया में बने कैक्टस गार्डन की तर्ज पर रतलाम जिले में मध्यप्रदेश का पहला सरकारी कैक्टस गार्डन बनाया जा रहा है। इस गार्डन में 100 से अधिक कैक्टस की दुर्लभ व नई प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। कैक्टस गार्डन के साथ ही ऑक्सीजन, बटरफ्लाएं (तितली) पार्क, किड्स पार्क भी बनेगा। राशि वन भी बनेगा, जिसमें राशि के अनुसार पौधे लगाएं जाएंगे। नौ ग्रह के नाम से नक्षत्र (प्लांट) वन भी बनेगा। रतलाम का वन विभाग सैलाना वन क्षेत्र में प्रदेश का पहला कैक्टस गार्डन तैयार करने जा रहा है। अब आप सोच रहे होंगे कि सैलाना में तो पहले से ही कैक्टस गार्डन है। इससे एशिया का पहला और सबसे बड़ा गार्डन कहा जाता है, तो हम आपको यहां बता दे कि पीएम नरेंद्र मोदी की ‘सेंट्रल ग्रीन इंडिया मिशन योजना’ में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सैलाना वन परिक्षेत्र में कैक्टस गार्डन का चयन किया है, जो कि प्रदेश का पहला सरकारी कैक्टस गार्डन होगा। यह गार्डन स्टूडेंट व शोधार्थियों के लिए भी ज्ञानवर्धक साबित होगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आखिर कैसे हुआ चयन रतलाम जिले में सैलाना वन परिक्षेत्र 10 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। वन विभाग द्वारा कैक्टस गार्डन का तीन माह पूर्व प्रपोजल तैयार किया। शासन स्तर पर पहले प्रपोजल भोपाल भेजा। वहां से केंद्र सरकार के पास पहुंचा। पीएम नरेंद्र मोदी की ‘सेंट्रल ग्रीन इंडिया मिशन योजना’ में इस प्रपोजल को शामिल किया। केंद्र से पूरे देश में 10 से 15 नगर वाटिका (गार्डन), नगर वन व स्माल नगर वाटिका को स्वीकृत किया। स्माल नगर वाटिका में प्रदेश में मात्र रतलाम के सैलाना वन परिक्षेत्र का चयन किया। इसके बाद से वन परिक्षेत्र में कैक्टस गार्डन के लिए कार्य शुरू हो चुका है। वन परिक्षेत्र की सफाई की जा रही है। जिस जगह गार्डन बनेगा उस जगह को समतल कर गड्डे खोदने का काम किया जा रहा है। कैक्टस ही नहीं बहुत कुछ देखने को मिलेगा अगर आप सोच रहे है कि सैलाना के वन परिक्षेत्र में केवल कैक्टस गार्डन ही देखने को मिलेगा। तो ऐसा नहीं है, कैक्टस गार्डन के साथ ही वन परिक्षेत्र में ऑक्सीजन पार्क, बटरफ्लाए पार्क, फ्लावर पार्क, किड्स पार्क झूलों के साथ यहां भ्रमण के लिए एक स्थान में सब कुछ आपको मिलेगा। इसके साथ ही नाम राशि अनुसार राशि वन व नौ ग्रह के नाम से नक्षत्र वन भी तैयार किया जाएगा। जिसमें नाम व नक्षत्र के अनुसार पौधे लगाए जाएंगे। स्टेच्यू पर दिखेगा मेडिसनल गार्डन पीएम नरेंद्र मोदी के सेंट्रल ग्रीन इंडिया मिशन योजना के तहत मेडिसनल गार्डन (औषध मानव) का ह्यूमन स्ट्रेक्चर खड़ा किया जाएगा। इस स्ट्रेक्टर पर मेडिसीन लगाई जाएगी। शरीर से जुड़ी बीमारी के लिए कौन सी दवा जरुरी है वह इस मेडिसीन ह्यूमन स्ट्रेक्चर के माध्यम से पता चलेगा। यह भी होगा
40 लाख का प्रोजेक्ट, एक साल में होगा तैयार डीएफओ नरेश कुमार दोहरे ने बताया कैक्टस गार्डन समेत अन्य सुविधाओं को विकसीत करने के लिए केंद्र सरकार से राशि दी जाएगी। पूरा प्रोजेक्ट 40 लाख रुपए का है। पहले फेस में वन विभाग को 27.50 लाख राशि मिल चुकी है। हमने काम भी शुरू कर दिया है। इन जगहों से लाएंगे पौधे कैक्टस गार्डन के लिए गुजरात, भोपाल व इंदौर से कैक्टस के पौधे लाए जाएंगे। जिस जगह गार्डन बनेगा उस वन परिक्षेत्र में सैलाना के कैक्टस गार्डन से पौधे लाकर लगा रखे है। बस इस वन परिक्षेत्र को संवारने की जरूरत है। पौधों पर लगेंगे क्यूआर कोड कैक्टस गार्डन में लगाए जाने वालो पौधों की जानकारी के लिए तकनीकी का भी सहारा लिया जाएगा। प्रत्येक पौधों के आगे उनके नाम व प्रजाति के बारे में लिखा जाएगा। इसके साथ पौधों के आगे क्यूआर कोड भी लगाए जाएंगे। जिससे गार्डन में आने वालों को उस पौधों की जानकारी सरलता से मिल जाए। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही पौधों की सारी जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी। डीएफओ नरेश कुमार दोहरे के अनुसार गार्डन के विकसित होने के बाद सैलाना और रतलाम क्षेत्र में पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह गार्डन पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। साथ ही वनस्पति विज्ञान के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए भी अत्यधिक उपयोगी साबित होगा। सैलाना में पहले से है एक गार्डन सैलाना में एशिया का पहला कैक्टस गार्डन है। इस गार्डन को सैलाना के महाराजा ने अपनी निजी जगह पर सालों पहले लगाया था। छोटे से लेकर बड़े कैक्टस के पौधों कई प्रजातियों के यहां पर लगे हुए है। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में रतलाम जिले के अलावा अन्य राज्यों से भी पर्यटक पहुंचते है। पर्यटन के रूप में जाना जाता है सैलाना रतलाम से सैलाना करीब 18 किमी दूर रतलाम-बांसवाड़ा मार्ग पर स्थित है। सैलाना पर्यटन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां पर पहाड़ियों के बीच शिवगढ़ मार्ग पर कल्याण केदारेश्वर तो बांसवाड़ा रोड पर भी पहाड़ों के अंदर भगवान भोलेनाथ विराजित है। बारिश व सावन माह में हजारों की संख्या में लोग इन दोनों स्थानों पर पहुंचते है। बारिश में बहते हुए झरने व चारों तरफ हरियाली आकर्षण का केंद्र रहती है। सैलाना का वन परिक्षेत्र भी रतलाम से जाते समय सैलाना में इंटर करते ही मुख्य रोड पर है। सैलाना की और पहचान बढ़ेगी सैलाना के पार्षद ईश्वर डिंडोर का कहना है कि कैक्टस का नया गार्डन बनने से सैलाना की और पहचान बढ़ेगी। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आएंगे। कमलेश राठौर ने बताया सैलाना में कैक्टस गार्डन बनने के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इससे यहां के लोगों के व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी।
गुजरात के केवड़िया में बने कैक्टस गार्डन की तर्ज पर रतलाम जिले में मध्यप्रदेश का पहला सरकारी कैक्टस गार्डन बनाया जा रहा है। इस गार्डन में 100 से अधिक कैक्टस की दुर्लभ व नई प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। कैक्टस गार्डन के साथ ही ऑक्सीजन, बटरफ्लाएं (तितली) पार्क, किड्स पार्क भी बनेगा। राशि वन भी बनेगा, जिसमें राशि के अनुसार पौधे लगाएं जाएंगे। नौ ग्रह के नाम से नक्षत्र (प्लांट) वन भी बनेगा। रतलाम का वन विभाग सैलाना वन क्षेत्र में प्रदेश का पहला कैक्टस गार्डन तैयार करने जा रहा है। अब आप सोच रहे होंगे कि सैलाना में तो पहले से ही कैक्टस गार्डन है। इससे एशिया का पहला और सबसे बड़ा गार्डन कहा जाता है, तो हम आपको यहां बता दे कि पीएम नरेंद्र मोदी की ‘सेंट्रल ग्रीन इंडिया मिशन योजना’ में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सैलाना वन परिक्षेत्र में कैक्टस गार्डन का चयन किया है, जो कि प्रदेश का पहला सरकारी कैक्टस गार्डन होगा। यह गार्डन स्टूडेंट व शोधार्थियों के लिए भी ज्ञानवर्धक साबित होगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आखिर कैसे हुआ चयन रतलाम जिले में सैलाना वन परिक्षेत्र 10 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। वन विभाग द्वारा कैक्टस गार्डन का तीन माह पूर्व प्रपोजल तैयार किया। शासन स्तर पर पहले प्रपोजल भोपाल भेजा। वहां से केंद्र सरकार के पास पहुंचा। पीएम नरेंद्र मोदी की ‘सेंट्रल ग्रीन इंडिया मिशन योजना’ में इस प्रपोजल को शामिल किया। केंद्र से पूरे देश में 10 से 15 नगर वाटिका (गार्डन), नगर वन व स्माल नगर वाटिका को स्वीकृत किया। स्माल नगर वाटिका में प्रदेश में मात्र रतलाम के सैलाना वन परिक्षेत्र का चयन किया। इसके बाद से वन परिक्षेत्र में कैक्टस गार्डन के लिए कार्य शुरू हो चुका है। वन परिक्षेत्र की सफाई की जा रही है। जिस जगह गार्डन बनेगा उस जगह को समतल कर गड्डे खोदने का काम किया जा रहा है। कैक्टस ही नहीं बहुत कुछ देखने को मिलेगा अगर आप सोच रहे है कि सैलाना के वन परिक्षेत्र में केवल कैक्टस गार्डन ही देखने को मिलेगा। तो ऐसा नहीं है, कैक्टस गार्डन के साथ ही वन परिक्षेत्र में ऑक्सीजन पार्क, बटरफ्लाए पार्क, फ्लावर पार्क, किड्स पार्क झूलों के साथ यहां भ्रमण के लिए एक स्थान में सब कुछ आपको मिलेगा। इसके साथ ही नाम राशि अनुसार राशि वन व नौ ग्रह के नाम से नक्षत्र वन भी तैयार किया जाएगा। जिसमें नाम व नक्षत्र के अनुसार पौधे लगाए जाएंगे। स्टेच्यू पर दिखेगा मेडिसनल गार्डन पीएम नरेंद्र मोदी के सेंट्रल ग्रीन इंडिया मिशन योजना के तहत मेडिसनल गार्डन (औषध मानव) का ह्यूमन स्ट्रेक्चर खड़ा किया जाएगा। इस स्ट्रेक्टर पर मेडिसीन लगाई जाएगी। शरीर से जुड़ी बीमारी के लिए कौन सी दवा जरुरी है वह इस मेडिसीन ह्यूमन स्ट्रेक्चर के माध्यम से पता चलेगा। यह भी होगा
40 लाख का प्रोजेक्ट, एक साल में होगा तैयार डीएफओ नरेश कुमार दोहरे ने बताया कैक्टस गार्डन समेत अन्य सुविधाओं को विकसीत करने के लिए केंद्र सरकार से राशि दी जाएगी। पूरा प्रोजेक्ट 40 लाख रुपए का है। पहले फेस में वन विभाग को 27.50 लाख राशि मिल चुकी है। हमने काम भी शुरू कर दिया है। इन जगहों से लाएंगे पौधे कैक्टस गार्डन के लिए गुजरात, भोपाल व इंदौर से कैक्टस के पौधे लाए जाएंगे। जिस जगह गार्डन बनेगा उस वन परिक्षेत्र में सैलाना के कैक्टस गार्डन से पौधे लाकर लगा रखे है। बस इस वन परिक्षेत्र को संवारने की जरूरत है। पौधों पर लगेंगे क्यूआर कोड कैक्टस गार्डन में लगाए जाने वालो पौधों की जानकारी के लिए तकनीकी का भी सहारा लिया जाएगा। प्रत्येक पौधों के आगे उनके नाम व प्रजाति के बारे में लिखा जाएगा। इसके साथ पौधों के आगे क्यूआर कोड भी लगाए जाएंगे। जिससे गार्डन में आने वालों को उस पौधों की जानकारी सरलता से मिल जाए। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही पौधों की सारी जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी। डीएफओ नरेश कुमार दोहरे के अनुसार गार्डन के विकसित होने के बाद सैलाना और रतलाम क्षेत्र में पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह गार्डन पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। साथ ही वनस्पति विज्ञान के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए भी अत्यधिक उपयोगी साबित होगा। सैलाना में पहले से है एक गार्डन सैलाना में एशिया का पहला कैक्टस गार्डन है। इस गार्डन को सैलाना के महाराजा ने अपनी निजी जगह पर सालों पहले लगाया था। छोटे से लेकर बड़े कैक्टस के पौधों कई प्रजातियों के यहां पर लगे हुए है। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में रतलाम जिले के अलावा अन्य राज्यों से भी पर्यटक पहुंचते है। पर्यटन के रूप में जाना जाता है सैलाना रतलाम से सैलाना करीब 18 किमी दूर रतलाम-बांसवाड़ा मार्ग पर स्थित है। सैलाना पर्यटन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां पर पहाड़ियों के बीच शिवगढ़ मार्ग पर कल्याण केदारेश्वर तो बांसवाड़ा रोड पर भी पहाड़ों के अंदर भगवान भोलेनाथ विराजित है। बारिश व सावन माह में हजारों की संख्या में लोग इन दोनों स्थानों पर पहुंचते है। बारिश में बहते हुए झरने व चारों तरफ हरियाली आकर्षण का केंद्र रहती है। सैलाना का वन परिक्षेत्र भी रतलाम से जाते समय सैलाना में इंटर करते ही मुख्य रोड पर है। सैलाना की और पहचान बढ़ेगी सैलाना के पार्षद ईश्वर डिंडोर का कहना है कि कैक्टस का नया गार्डन बनने से सैलाना की और पहचान बढ़ेगी। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आएंगे। कमलेश राठौर ने बताया सैलाना में कैक्टस गार्डन बनने के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इससे यहां के लोगों के व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी।