ग्वालियर के BSF इंस्पेक्टर को अब भी आ रहे कॉल:32 दिन डिजिटल अरेस्ट रखकर 71 लाख ठगे; 42 अकाउंट में सर्कुलेट किए रुपए
ग्वालियर के BSF इंस्पेक्टर को अब भी आ रहे कॉल:32 दिन डिजिटल अरेस्ट रखकर 71 लाख ठगे; 42 अकाउंट में सर्कुलेट किए रुपए
ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। 2 जनवरी को इसका खुलासा हुआ। साइबर ठगों ने BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे 71.25 लाख रुपए ठग लिए गए थे। तब से अब तक 10 दिन बीत गए। एक तरफ पुलिस ठगों की तलाश में जुटी होने का दावा कर रही है। दूसरी ओर, बेखौफ होकर साइबर ठग लगातार इंस्पेक्टर को कॉल किए जा रहे हैं। वे रुपयों को लेकर धमका रहे हैं। इधर, सूत्रों का कहना है कि पुलिस की साइबर टीम ने जब बैंक डिटेल खंगाली तो पता लगा कि ठगी का 75 फीसदी पैसा कर्नाटक, औरंगाबाद (बिहार) व गुरुग्राम (हरियाणा) के चार बैंक के खातों में गया है। बाकी राशि 38 अन्य बैंक खातों में भेजी गई है। कुल मिलाकर 42 खातों में यह रुपया ट्रांजैक्शन किया गया है। जिन चार खातों में ठगी के रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है, उनमें से दो अकाउंट बंधन बैंक, एक बैंक ऑफ सिंगापुर और एक बैंक ऑफ बड़ौदा में है। ये बैंक औरंगाबाद (बिहार), गुरुग्राम (हरियाणा) और कर्नाटक में हैं। इनमें 75 फीसदी रकम ट्रांसफर हुई है। इसके अलावा 38 बैंक खाते इन्हीं राज्यों के और हैं। जहां रुपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं। पुलिस ने एक-एक बैंक अकाउंट की डिटेल निकाली है। ठगों ने कहा था- नंबर का मिस यूज हुआ
ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ में इंस्पेक्टर अबसार अहमद उत्तर प्रदेश के मंडाव मऊ फतेहपुर के रहने वाले हैं। 2 जनवरी 2025 को उन्होंने ग्वालियर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसएसपी धर्मवीर सिंह से मुलाकात की। बताया कि 2 दिसंबर 2024 को सुबह 11.29 बजे वॉट्सऐप कॉल आया था। बात करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट है। इस दौरान आपके इस नंबर का कई जगह गलत इस्तेमाल हुआ है। कॉल कर परिवार सहित अरेस्ट करने की धमकी
अबसार अहमद ने पुलिस का बताया- इतना ही नहीं मुंबई क्राइम ब्रांच अफसर ने यह भी कहा कि आपके साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट करने के कोर्ट के आदेश हैं। आपको तत्काल अरेस्ट किया जाएगा। उन्हें बताया कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है। इसके बाद वीडियो कॉल कर परिवार सहित अरेस्ट करने की धमकी दी थी। साथ ही रुपए जमा कराने के लिए कहा गया। इस दौरान करीब 34 ट्रांजैक्शन किए गए। जिसमें BSF इंस्पेक्टर ने वीडियो कॉल करने वाले ठगों को 71.25 लाख रुपए दे दिए। इंस्पेक्टर ने ये रुपए दिल्ली में स्थित फ्लैट और अपनी जमीन बेचने का सौदा कर एडवांस लेकर लिए थे। कुछ रुपए दोस्तों से लिए थे। कुछ बैंक सेविंग से निकाली थी। 2 जनवरी को बेटे से बात होने के बाद BSF अधिकारी डिजिटल अरेस्ट से मुक्त हुआ था। 4 स्लाइड में जानिए डिजिटल अरेस्ट का A टू Z यह खब भी पढ़ें- अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट मध्यप्रदेश के ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। बीएसएफ का एक इंस्पेक्टर 32 दिन अपने ही घर में कैद रहा। इस दौरान खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच के अफसर बताने वाले बदमाशों ने उससे 71.25 लाख रुपए वसूले। पूरी खबर यहां पढ़ें...
ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। 2 जनवरी को इसका खुलासा हुआ। साइबर ठगों ने BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे 71.25 लाख रुपए ठग लिए गए थे। तब से अब तक 10 दिन बीत गए। एक तरफ पुलिस ठगों की तलाश में जुटी होने का दावा कर रही है। दूसरी ओर, बेखौफ होकर साइबर ठग लगातार इंस्पेक्टर को कॉल किए जा रहे हैं। वे रुपयों को लेकर धमका रहे हैं। इधर, सूत्रों का कहना है कि पुलिस की साइबर टीम ने जब बैंक डिटेल खंगाली तो पता लगा कि ठगी का 75 फीसदी पैसा कर्नाटक, औरंगाबाद (बिहार) व गुरुग्राम (हरियाणा) के चार बैंक के खातों में गया है। बाकी राशि 38 अन्य बैंक खातों में भेजी गई है। कुल मिलाकर 42 खातों में यह रुपया ट्रांजैक्शन किया गया है। जिन चार खातों में ठगी के रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है, उनमें से दो अकाउंट बंधन बैंक, एक बैंक ऑफ सिंगापुर और एक बैंक ऑफ बड़ौदा में है। ये बैंक औरंगाबाद (बिहार), गुरुग्राम (हरियाणा) और कर्नाटक में हैं। इनमें 75 फीसदी रकम ट्रांसफर हुई है। इसके अलावा 38 बैंक खाते इन्हीं राज्यों के और हैं। जहां रुपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं। पुलिस ने एक-एक बैंक अकाउंट की डिटेल निकाली है। ठगों ने कहा था- नंबर का मिस यूज हुआ
ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ में इंस्पेक्टर अबसार अहमद उत्तर प्रदेश के मंडाव मऊ फतेहपुर के रहने वाले हैं। 2 जनवरी 2025 को उन्होंने ग्वालियर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसएसपी धर्मवीर सिंह से मुलाकात की। बताया कि 2 दिसंबर 2024 को सुबह 11.29 बजे वॉट्सऐप कॉल आया था। बात करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट है। इस दौरान आपके इस नंबर का कई जगह गलत इस्तेमाल हुआ है। कॉल कर परिवार सहित अरेस्ट करने की धमकी
अबसार अहमद ने पुलिस का बताया- इतना ही नहीं मुंबई क्राइम ब्रांच अफसर ने यह भी कहा कि आपके साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट करने के कोर्ट के आदेश हैं। आपको तत्काल अरेस्ट किया जाएगा। उन्हें बताया कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है। इसके बाद वीडियो कॉल कर परिवार सहित अरेस्ट करने की धमकी दी थी। साथ ही रुपए जमा कराने के लिए कहा गया। इस दौरान करीब 34 ट्रांजैक्शन किए गए। जिसमें BSF इंस्पेक्टर ने वीडियो कॉल करने वाले ठगों को 71.25 लाख रुपए दे दिए। इंस्पेक्टर ने ये रुपए दिल्ली में स्थित फ्लैट और अपनी जमीन बेचने का सौदा कर एडवांस लेकर लिए थे। कुछ रुपए दोस्तों से लिए थे। कुछ बैंक सेविंग से निकाली थी। 2 जनवरी को बेटे से बात होने के बाद BSF अधिकारी डिजिटल अरेस्ट से मुक्त हुआ था। 4 स्लाइड में जानिए डिजिटल अरेस्ट का A टू Z यह खब भी पढ़ें- अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट मध्यप्रदेश के ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। बीएसएफ का एक इंस्पेक्टर 32 दिन अपने ही घर में कैद रहा। इस दौरान खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच के अफसर बताने वाले बदमाशों ने उससे 71.25 लाख रुपए वसूले। पूरी खबर यहां पढ़ें...