जिला अस्पताल परिसर में तड़पता रहा रेफर मरीज:एक घंटे बाद भी नहीं पहुंची 108 एंबुलेंस, ऑटो में ले गए परिजन

शिवपुरी में 108 एम्बुलेंस के समय पर नहीं पहुंचने के अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं। ताजा मामला जिला अस्पताल से सामने आया है। यहां जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया मरीज एक घंटे तक जिला अस्पताल के ट्रॉमा के बाहर तड़पता रहा, लेकिन एम्बुलेंस मरीज को लेने नहीं पहुंची। बाद में परिजनों को पैसे खर्च कर ऑटो से मरीज को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने ले जाना पड़ा था। बता दें कि दो दिन पहले करैरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर भी 108 एम्बुलेंस को बुलाने का प्रयास कर चुके थे। उनके बुलाने पर भी भी एम्बुलेंस नहीं पहुंच सकी थी। दरअसल, शहर के मनियर क्षेत्र के रहने वाले राजकुमार जाटव पुत्र बारेलाल जाटव (35) को शनिवार की देर शाम सीने में दर्द होने की शिकायत के चलते जिला अस्पताल लाया गया। यहां परीक्षण के बाद ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया पर 1 घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची और मरीज ट्रॉमा सेंटर के बाहर तड़पता रहा। बाद में परिजन अपने मरीज पैसे खर्च कर ऑटो में बैठाकर मेडिकल कॉलेज के लिए लेकर रवाना हुए।

जिला अस्पताल परिसर में तड़पता रहा रेफर मरीज:एक घंटे बाद भी नहीं पहुंची 108 एंबुलेंस, ऑटो में ले गए परिजन
शिवपुरी में 108 एम्बुलेंस के समय पर नहीं पहुंचने के अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं। ताजा मामला जिला अस्पताल से सामने आया है। यहां जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया मरीज एक घंटे तक जिला अस्पताल के ट्रॉमा के बाहर तड़पता रहा, लेकिन एम्बुलेंस मरीज को लेने नहीं पहुंची। बाद में परिजनों को पैसे खर्च कर ऑटो से मरीज को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने ले जाना पड़ा था। बता दें कि दो दिन पहले करैरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर भी 108 एम्बुलेंस को बुलाने का प्रयास कर चुके थे। उनके बुलाने पर भी भी एम्बुलेंस नहीं पहुंच सकी थी। दरअसल, शहर के मनियर क्षेत्र के रहने वाले राजकुमार जाटव पुत्र बारेलाल जाटव (35) को शनिवार की देर शाम सीने में दर्द होने की शिकायत के चलते जिला अस्पताल लाया गया। यहां परीक्षण के बाद ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया पर 1 घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची और मरीज ट्रॉमा सेंटर के बाहर तड़पता रहा। बाद में परिजन अपने मरीज पैसे खर्च कर ऑटो में बैठाकर मेडिकल कॉलेज के लिए लेकर रवाना हुए।