ठगी के बाद भी BSF ऑफिसर को आ रहे कॉल:बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक के 42 बैंक अकाउंट में 71.25 लाख रुपए की बंदरबांट
ठगी के बाद भी BSF ऑफिसर को आ रहे कॉल:बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक के 42 बैंक अकाउंट में 71.25 लाख रुपए की बंदरबांट
ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटलहै कि डिजिटल अरेस्ट से छूटने के बाद भी ठग BSF ऑफिसर को लगातार कॉल कर रुपयों की मांग कर रहे हैं। इस बारे में उन्होंने पुलिस अफसरों को भी जानकारी दी है, और पुलिस ने उन्हें ठगों से बात करने के लिए कहा है, ताकि उनकी पहचान की जा सके। पुलिस की साइबर टीम ने जांच के दौरान यह पाया कि ठगी के 75 फीसदी पैसे कर्नाटक, औरंगाबाद (बिहार) और गुड़गांव (हरियाणा) के चार बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। शेष राशि 38 अन्य बैंक खातों में बांटी गई है। कुल मिलाकर 42 बैंक खातों में इस रकम का लेन अरेस्ट मामला सामने आया है, जिसमें BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और उनसे 71.25 लाख रुपये ठग लिए गए। हैरत की बात यह -देन हुआ है। इन चार बैंक खातों में से दो बंधन बैंक, एक बैंक ऑफ सिंगापुर, और एक बैंक ऑफ बड़ौदा में हैं। ग्वालियर के टेकनपुर स्थित BSF अकादमी में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद को ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का डर दिखाकर 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 71.25 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए विभिन्न अकाउंट्स में रकम ट्रांसफर करने को मजबूर किया। इस दौरान BSF अधिकारी को अपनी दिल्ली स्थित फ्लैट और यूपी स्थित जमीन बेचने के लिए एडवांस भी उठाना पड़ा। 2 जनवरी 2025 को उनके बेटे ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया और मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई। इसके बावजूद ठग अभी भी उन्हें कॉल कर गिरफ्तारी का डर दिखा रहे हैं, जिससे पुलिस को जानकारी दी गई है। ग्वालियर पुलिस और साइबर क्राइम टीम ने इस मामले में 42 बैंक खातों के जाल का पता लगाया है, जिनमें कर्नाटक, बिहार और हरियाणा जैसे विभिन्न राज्यों के खाते शामिल हैं। इनमें से 75 प्रतिशत रकम चार प्रमुख बैंकों के खातों में ट्रांसफर की गई थी। पुलिस को आशंका है कि आधे से ज्यादा बैंक अकाउंट किराए पर लेकर इन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर की गई। इस मामले में ग्वालियर के BSF इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने पुलिस को बताया कि 2 दिसंबर को उन्हें मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच से कॉल आई थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी की धमकी दी गई थी। इसके बाद ठगों ने उन्हें वीडियो कॉल कर परिवार सहित अरेस्ट करने का डर दिखाया और पैसे जमा करने को कहा। इस पूरी ठगी में BSF अधिकारी ने 34 ट्रांजैक्शन में 71.25 लाख रुपए ट्रांसफर किए। एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने बताया- बीएसएफ के एक अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट के मामले में हमारी टीमें लगी हुई हैं. कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं। लगातार तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जल्द इस मामले का खुलासा किया जाएगा।
ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटलहै कि डिजिटल अरेस्ट से छूटने के बाद भी ठग BSF ऑफिसर को लगातार कॉल कर रुपयों की मांग कर रहे हैं। इस बारे में उन्होंने पुलिस अफसरों को भी जानकारी दी है, और पुलिस ने उन्हें ठगों से बात करने के लिए कहा है, ताकि उनकी पहचान की जा सके। पुलिस की साइबर टीम ने जांच के दौरान यह पाया कि ठगी के 75 फीसदी पैसे कर्नाटक, औरंगाबाद (बिहार) और गुड़गांव (हरियाणा) के चार बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। शेष राशि 38 अन्य बैंक खातों में बांटी गई है। कुल मिलाकर 42 बैंक खातों में इस रकम का लेन अरेस्ट मामला सामने आया है, जिसमें BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और उनसे 71.25 लाख रुपये ठग लिए गए। हैरत की बात यह -देन हुआ है। इन चार बैंक खातों में से दो बंधन बैंक, एक बैंक ऑफ सिंगापुर, और एक बैंक ऑफ बड़ौदा में हैं। ग्वालियर के टेकनपुर स्थित BSF अकादमी में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद को ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का डर दिखाकर 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 71.25 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए विभिन्न अकाउंट्स में रकम ट्रांसफर करने को मजबूर किया। इस दौरान BSF अधिकारी को अपनी दिल्ली स्थित फ्लैट और यूपी स्थित जमीन बेचने के लिए एडवांस भी उठाना पड़ा। 2 जनवरी 2025 को उनके बेटे ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया और मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई। इसके बावजूद ठग अभी भी उन्हें कॉल कर गिरफ्तारी का डर दिखा रहे हैं, जिससे पुलिस को जानकारी दी गई है। ग्वालियर पुलिस और साइबर क्राइम टीम ने इस मामले में 42 बैंक खातों के जाल का पता लगाया है, जिनमें कर्नाटक, बिहार और हरियाणा जैसे विभिन्न राज्यों के खाते शामिल हैं। इनमें से 75 प्रतिशत रकम चार प्रमुख बैंकों के खातों में ट्रांसफर की गई थी। पुलिस को आशंका है कि आधे से ज्यादा बैंक अकाउंट किराए पर लेकर इन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर की गई। इस मामले में ग्वालियर के BSF इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने पुलिस को बताया कि 2 दिसंबर को उन्हें मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच से कॉल आई थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी की धमकी दी गई थी। इसके बाद ठगों ने उन्हें वीडियो कॉल कर परिवार सहित अरेस्ट करने का डर दिखाया और पैसे जमा करने को कहा। इस पूरी ठगी में BSF अधिकारी ने 34 ट्रांजैक्शन में 71.25 लाख रुपए ट्रांसफर किए। एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने बताया- बीएसएफ के एक अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट के मामले में हमारी टीमें लगी हुई हैं. कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं। लगातार तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जल्द इस मामले का खुलासा किया जाएगा।