ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कार्य शुरू:किसान 20 अक्टूबर तक करा सकेंगे सोयाबीन फसल का पंजीयन
ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कार्य शुरू:किसान 20 अक्टूबर तक करा सकेंगे सोयाबीन फसल का पंजीयन
सीहोर जिले में प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत खरीफ के तहत ई-उपार्जन पोर्टल पर सोयाबीन का पंजीयन कार्य शुरू हो गया है। जो 20 अक्टूबर तक किया जाएगा। इसके साथ ही पंजीकृत किसानों और रकबे का सत्यापन 25 अक्टूबर तक किया जाएगा। जानकारी के अनुसार कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों को पंजीयन की कार्यवाही सुचारु रूप से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब किसान के भू-अभिलेख के खाते और खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज जानकारी में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही वह पंजीयन मान्य होगा। सिकमी, ,बटाईदार, वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सहकारी समिति और सहकारी विपणन संस्था की ओर से संचालित पंजीयन केन्द्र पर किया जाएगा। पंजीयन केंद्र पर सिकमीनामे की प्रति लाना आवश्यक पंजीयन केंद्र पर किसान को आधार संबंधी दस्तावेज, आधार नंबर से पंजीकृत मोबाइल नंबर और सिकमीनामे की प्रति साथ में लेकर आना होगा। सिकमीनामें की प्रति ई-उपार्जन पोर्टल पर ऑपरेटर द्वारा स्केन कर अपलोड करनी होगी, इसके बाद ही पंजीयन की कार्यवाही पूरी होगी। सिकमी बटाईदार वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व विभाग की ओर से किया जाएगा। किसानों को वनपट्टा और सिकमी अनुबंध की प्रति और अन्य दस्तावेज साथ में लाना अनिवार्य है। वन पट्टाधारक किसान के पंजीयन में वन पट्टा क्रमांक खसरा रकबे और बोई गई फसल की प्रविष्टि की जाएगी। दस्तावेजों को रिकॉर्ड में रखेगी उपार्जन समितियां सोयाबीन उपार्जन के लिए किसानों को पंजीयन के समय आधार कार्ड, खसरा नकल और बैंक पासबुक की प्रति पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। एनआईसी की ओर से यह सुविधा ई-उपार्जन पोर्टल में दी जाएगी। उपार्जन समितियां किसानों के इन दस्तावेजों को प्रिंट कर संरक्षित रिकॉर्ड में रखेगी।
सीहोर जिले में प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत खरीफ के तहत ई-उपार्जन पोर्टल पर सोयाबीन का पंजीयन कार्य शुरू हो गया है। जो 20 अक्टूबर तक किया जाएगा। इसके साथ ही पंजीकृत किसानों और रकबे का सत्यापन 25 अक्टूबर तक किया जाएगा। जानकारी के अनुसार कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों को पंजीयन की कार्यवाही सुचारु रूप से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब किसान के भू-अभिलेख के खाते और खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज जानकारी में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही वह पंजीयन मान्य होगा। सिकमी, ,बटाईदार, वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सहकारी समिति और सहकारी विपणन संस्था की ओर से संचालित पंजीयन केन्द्र पर किया जाएगा। पंजीयन केंद्र पर सिकमीनामे की प्रति लाना आवश्यक पंजीयन केंद्र पर किसान को आधार संबंधी दस्तावेज, आधार नंबर से पंजीकृत मोबाइल नंबर और सिकमीनामे की प्रति साथ में लेकर आना होगा। सिकमीनामें की प्रति ई-उपार्जन पोर्टल पर ऑपरेटर द्वारा स्केन कर अपलोड करनी होगी, इसके बाद ही पंजीयन की कार्यवाही पूरी होगी। सिकमी बटाईदार वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व विभाग की ओर से किया जाएगा। किसानों को वनपट्टा और सिकमी अनुबंध की प्रति और अन्य दस्तावेज साथ में लाना अनिवार्य है। वन पट्टाधारक किसान के पंजीयन में वन पट्टा क्रमांक खसरा रकबे और बोई गई फसल की प्रविष्टि की जाएगी। दस्तावेजों को रिकॉर्ड में रखेगी उपार्जन समितियां सोयाबीन उपार्जन के लिए किसानों को पंजीयन के समय आधार कार्ड, खसरा नकल और बैंक पासबुक की प्रति पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। एनआईसी की ओर से यह सुविधा ई-उपार्जन पोर्टल में दी जाएगी। उपार्जन समितियां किसानों के इन दस्तावेजों को प्रिंट कर संरक्षित रिकॉर्ड में रखेगी।