दो बाघों को सतपुड़ा के मालनी बाड़े में छोड़ा:भोजपुर के जंगल से रेस्क्यू किए गए बाघ, एक महीने में 10 मवेशियों का किया था शिकार
दो बाघों को सतपुड़ा के मालनी बाड़े में छोड़ा:भोजपुर के जंगल से रेस्क्यू किए गए बाघ, एक महीने में 10 मवेशियों का किया था शिकार
मप्र के रायसेन जिले के भोजपुर के आसपास से रेस्क्यू किए दो बाघों को मंगलवार शाम को एसटीआर के चूरना लाया गया। चूरना रेंज के मालनी स्थित बाड़े में दोनों बाघों को छोड़ा गया। अब करीब 8 महीने बाघ बाड़े में रहेंगे। मंगलवार सुबह मध्यप्रदेश में पहली बार एक ही जगह से दो बाघों का एक साथ रेस्क्यू किया गया था। भोजपुर के जंगल से रेस्क्यू के बाद दोनों बाघों को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व दोपहर में लाया गया। बाघों के कारण किसानों ने खेतों में जाना बंद कर दिया था। दोनों बाघों ने पिछले एक महीने में 10 से ज्यादा पालतू मवेशियों का शिकार किया था। एक बाघ पिंजरे में फंस गया था
फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया भोजपुर के पास जंगल से दोनों बाघों को रेस्क्यू किया था। जिन्हें सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मालनी में बाड़े में छोड़ा गया है। भोजपुरी बीट के रेंज के अनुसार सोमवार शाम को पिंजरा में बकरी बांधी गई थी। रात में एक बाघ पिंजरे में फंस गया था। पिंजरे में फंसते ही वो तेज-तेज गुर्राने लगा। उसकी आवाज सुन दूसरा बाघ पिंजरे के पास बैठ गया था। मंगलवार सुबह 5 बजे दूसरे बाघ को ट्रेंक्युलाइज किया गया। रेस्क्यू के उपरांत दोनों टाइगरों का स्वास्थ्य परीक्षण कर सुरक्षित ढंग से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजा गया। डॉक्टर्स भी रेस्क्यू टीम के साथ भेजे गए हैं। भोजपुर इमलिया क्षेत्र वन और राजस्व क्षेत्र से सटा हुआ है। बाघों के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। वे अपनी फसलें नहीं काट पा रहे। जिसके रेस्क्यू के लिए फॉरेस्ट ने पिंजरा लगाया था।
मप्र के रायसेन जिले के भोजपुर के आसपास से रेस्क्यू किए दो बाघों को मंगलवार शाम को एसटीआर के चूरना लाया गया। चूरना रेंज के मालनी स्थित बाड़े में दोनों बाघों को छोड़ा गया। अब करीब 8 महीने बाघ बाड़े में रहेंगे। मंगलवार सुबह मध्यप्रदेश में पहली बार एक ही जगह से दो बाघों का एक साथ रेस्क्यू किया गया था। भोजपुर के जंगल से रेस्क्यू के बाद दोनों बाघों को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व दोपहर में लाया गया। बाघों के कारण किसानों ने खेतों में जाना बंद कर दिया था। दोनों बाघों ने पिछले एक महीने में 10 से ज्यादा पालतू मवेशियों का शिकार किया था। एक बाघ पिंजरे में फंस गया था
फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया भोजपुर के पास जंगल से दोनों बाघों को रेस्क्यू किया था। जिन्हें सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मालनी में बाड़े में छोड़ा गया है। भोजपुरी बीट के रेंज के अनुसार सोमवार शाम को पिंजरा में बकरी बांधी गई थी। रात में एक बाघ पिंजरे में फंस गया था। पिंजरे में फंसते ही वो तेज-तेज गुर्राने लगा। उसकी आवाज सुन दूसरा बाघ पिंजरे के पास बैठ गया था। मंगलवार सुबह 5 बजे दूसरे बाघ को ट्रेंक्युलाइज किया गया। रेस्क्यू के उपरांत दोनों टाइगरों का स्वास्थ्य परीक्षण कर सुरक्षित ढंग से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजा गया। डॉक्टर्स भी रेस्क्यू टीम के साथ भेजे गए हैं। भोजपुर इमलिया क्षेत्र वन और राजस्व क्षेत्र से सटा हुआ है। बाघों के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। वे अपनी फसलें नहीं काट पा रहे। जिसके रेस्क्यू के लिए फॉरेस्ट ने पिंजरा लगाया था।