प्रशासन और पुलिस नया त्योहारी बाजार नहीं बना पाई:गोलबाजार व मालवीय रोड का विकल्प ही नहीं तलाश पाए पूरे शहर की भीड़ यहीं, बाहर मार्केट बसाने की योजना फेल
प्रशासन और पुलिस नया त्योहारी बाजार नहीं बना पाई:गोलबाजार व मालवीय रोड का विकल्प ही नहीं तलाश पाए पूरे शहर की भीड़ यहीं, बाहर मार्केट बसाने की योजना फेल
पिछले दो दशक में राजधानी रायपुर का क्षेत्रफल करीब तीन गुना बढ़ गया है। जनसंख्या भी सात लाख से बढ़कर 16 लाख से ज्यादा हो गई है। इस दौरान शहर में कई बड़े बदलाव हुए, लेकिन बाजार आज भी मालवीय रोड, गोलबाजार और एमजी रोड के आसपास दो किमी के दायरे में ही सिमटा हुआ है। आम दिनों में भी यहां बाजार में इतनी भीड़ रहती है, जितनी त्योहारी सीजन में शहर के बाकी इलाकों में रहती है। त्योहार के समय गोलबाजार और आसपास का पूरा इलाका ट्रैफिक के जबर्दस्त दबाव में रहता है। इस दबाव को कम करने के लिए प्रशासन ने शहर के बाहर मार्केट बसाने की योजना तैयार की थी। शहर के कई इलाकों में बाजार खुले भी, लेकिन गोलबाजार, मालवीय रोड, बंजारी रोड, रामसागरपारा, एमजी रोड और हार्डवेयर और इलेक्ट्रिक मार्केट का विकल्प तैयार नहीं हो पाया। रायपुर में थोक और चिल्हर बाजार के साथ-साथ होने के कारण ही ट्रैफिक की बुरी स्थिति है। शहर में ट्रैफिक की अभी जो व्यवस्था है, उसका पूर्वानुमान करते हुए बाजारों को बाहर ले जाने की योजना तैयार की गई थी। इसी के तहत रायपुर नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड ने डूमरतराई में थोक बाजार बसाया है। बंजारी रोड, गुढ़ियारी, एमजी रोड के थोक कारोबारियों को यहां दुकानें दी गई हैं। इसका उद्देश्य था कि थोक कारोबार पूरी तरह डूमरतराई में शिफ्ट हो जाए। कारोबारियों ने वहां दुकानें तो ली और खोली भी, लेकिन शहर के भीतर की दुकानें बंद नहीं की। पूरा इलेक्ट्रानिक मार्केट एमजी रोड में ही
मालवीय रोड से कुछ ही कदम की दूरी पर शहर का होलसेल-चिल्हर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स कारोबार है। टीवी, फ्रीज, कूलर, पंखे तथा इलेक्ट्रिकल्स सामान के लिए पूरे शहर से लोग यहां आते हैं। यही नहीं, रायपुर के बाहर से भी चिल्हर कारोबारी यहां खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं। थोक के साथ-साथ यहां चिल्हर का कारोबार होता है। कारोबारी सड़क पर आठ से दस फीट तक सामान बाहर निकालकर रखते हैं। दोनों तरफ आठ-आठ फीट जगह पर कब्जा होने के कारण यह सड़क आधी रह जाती है। इस वजह से इस रोड पर ट्रैफिक का दबाव बन रहता है। शाम के वक्त अक्सर इस रोड पर जाम के हालात रहते हैं। दोनों बाजारों के लिए डूमरतराई में दुकानें बनाई गई हैं। नहीं शिफ्ट हो पाया शास्त्री मार्केट
शहर के सबसे पुराने और ऐेतिहासिक सब्जी मंडी शास्त्री बाजार भी आउटर में शिफ्ट नहीं हो पाया। करीब एक दशक पहले शास्त्री बाजार के 70 थोक कारोबारियों ने शास्त्री बाजार से अपना कारोबार समेटकर डूमरतराई शिफ्ट हो गए। यहां पर उन्होंने श्रीराम थोक सब्जी मार्केट के नाम से अपना खुद का बाजार बसाया। कारोबारियों का कहना था कि प्रशासन की दिक्कतों और ट्रैफिक के दबाव के कारण वे शास्त्री मार्केट से डूमरतराई शिफ्ट हुए। उनके जाते ही शास्त्री बाजार को चिल्हर कारोबारियों और बचे हुए लोगों ने थोक का कारोबार शुरू कर दिया। बंजारी रोड में अभी भी थोक कारोबार
गोलबाजार से लगा हुआ बंजारी रोड में आज भी थोक कारोबार हो रहा है। यहां पर मनिहारी, खिलौना, सीजनल कारोबार, स्पोर्ट्स इत्यादि की थोक दुकानें हैं। छोटी-छोटी कमर्शियल गाड़ियां दिनभर बाजार में आती-जाती रहती हैं। दोपहर के वक्त यह पूरा इलाका ट्रैफिक में फंसा रहता है। इसी दिक्कत को देखते हुए बंजारी रोड थोक मार्केट के कारोबारियों को डूमरतराई में दुकानें दी गईं। कारोबारियों ने वहां दुकानें लीं, कारोबार भी शुरू किया लेकिन बंजारी रोड से थोक बाजार नहीं हटाया। इसलिए गोलबाजार और मालवीय रोड में ट्रैफिक की दिक्कत रहती है। पंडरी कपड़ा मार्केट में थोक-चिल्हर व्यापार
रायपुर विकास प्राधिकरण ने करीब चार दशक पहले पंडरी में थोक कपड़ा मार्केट बसाया था। उस वक्त यहां करीब 100 थोक दुकानें थी। समय के साथ थोक कारोबारियों ने यहां पर चिल्हर दुकानें भी खोलनी शुरू कर दी। अब 450 से ज्यादा चिल्हर और करीब 100 थोक दुकानें पंडरी में है। थोक और चिल्हर का कारोबार एक साथ होने के कारण यहां पर ट्रैफिक का जबर्दस्त दबाव रहता है। इसलिए थोक कारोबारी अब दूसरी जगह शिफ्ट होना चाहते हैं और पंडरी में सिर्फ चिल्हर मार्केट रखना चाहते हैं। समाधान- जहां जरूरत वहां बदलाव कर रहे त्योहारी सीजन में सभी बाजारों में बदलाव किया जाता है। इस बार भी जहां-जहां जरूरत है जरूरी बदलाव किए जाएंगे। त्योहरी सीजन में लोगों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। जाम खत्म करने भी ट्रैफिक डायवर्ट कर रहे हैं।
डॉ. गौरव कुमार सिंह, कलेक्टर रायपुर
पिछले दो दशक में राजधानी रायपुर का क्षेत्रफल करीब तीन गुना बढ़ गया है। जनसंख्या भी सात लाख से बढ़कर 16 लाख से ज्यादा हो गई है। इस दौरान शहर में कई बड़े बदलाव हुए, लेकिन बाजार आज भी मालवीय रोड, गोलबाजार और एमजी रोड के आसपास दो किमी के दायरे में ही सिमटा हुआ है। आम दिनों में भी यहां बाजार में इतनी भीड़ रहती है, जितनी त्योहारी सीजन में शहर के बाकी इलाकों में रहती है। त्योहार के समय गोलबाजार और आसपास का पूरा इलाका ट्रैफिक के जबर्दस्त दबाव में रहता है। इस दबाव को कम करने के लिए प्रशासन ने शहर के बाहर मार्केट बसाने की योजना तैयार की थी। शहर के कई इलाकों में बाजार खुले भी, लेकिन गोलबाजार, मालवीय रोड, बंजारी रोड, रामसागरपारा, एमजी रोड और हार्डवेयर और इलेक्ट्रिक मार्केट का विकल्प तैयार नहीं हो पाया। रायपुर में थोक और चिल्हर बाजार के साथ-साथ होने के कारण ही ट्रैफिक की बुरी स्थिति है। शहर में ट्रैफिक की अभी जो व्यवस्था है, उसका पूर्वानुमान करते हुए बाजारों को बाहर ले जाने की योजना तैयार की गई थी। इसी के तहत रायपुर नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड ने डूमरतराई में थोक बाजार बसाया है। बंजारी रोड, गुढ़ियारी, एमजी रोड के थोक कारोबारियों को यहां दुकानें दी गई हैं। इसका उद्देश्य था कि थोक कारोबार पूरी तरह डूमरतराई में शिफ्ट हो जाए। कारोबारियों ने वहां दुकानें तो ली और खोली भी, लेकिन शहर के भीतर की दुकानें बंद नहीं की। पूरा इलेक्ट्रानिक मार्केट एमजी रोड में ही
मालवीय रोड से कुछ ही कदम की दूरी पर शहर का होलसेल-चिल्हर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स कारोबार है। टीवी, फ्रीज, कूलर, पंखे तथा इलेक्ट्रिकल्स सामान के लिए पूरे शहर से लोग यहां आते हैं। यही नहीं, रायपुर के बाहर से भी चिल्हर कारोबारी यहां खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं। थोक के साथ-साथ यहां चिल्हर का कारोबार होता है। कारोबारी सड़क पर आठ से दस फीट तक सामान बाहर निकालकर रखते हैं। दोनों तरफ आठ-आठ फीट जगह पर कब्जा होने के कारण यह सड़क आधी रह जाती है। इस वजह से इस रोड पर ट्रैफिक का दबाव बन रहता है। शाम के वक्त अक्सर इस रोड पर जाम के हालात रहते हैं। दोनों बाजारों के लिए डूमरतराई में दुकानें बनाई गई हैं। नहीं शिफ्ट हो पाया शास्त्री मार्केट
शहर के सबसे पुराने और ऐेतिहासिक सब्जी मंडी शास्त्री बाजार भी आउटर में शिफ्ट नहीं हो पाया। करीब एक दशक पहले शास्त्री बाजार के 70 थोक कारोबारियों ने शास्त्री बाजार से अपना कारोबार समेटकर डूमरतराई शिफ्ट हो गए। यहां पर उन्होंने श्रीराम थोक सब्जी मार्केट के नाम से अपना खुद का बाजार बसाया। कारोबारियों का कहना था कि प्रशासन की दिक्कतों और ट्रैफिक के दबाव के कारण वे शास्त्री मार्केट से डूमरतराई शिफ्ट हुए। उनके जाते ही शास्त्री बाजार को चिल्हर कारोबारियों और बचे हुए लोगों ने थोक का कारोबार शुरू कर दिया। बंजारी रोड में अभी भी थोक कारोबार
गोलबाजार से लगा हुआ बंजारी रोड में आज भी थोक कारोबार हो रहा है। यहां पर मनिहारी, खिलौना, सीजनल कारोबार, स्पोर्ट्स इत्यादि की थोक दुकानें हैं। छोटी-छोटी कमर्शियल गाड़ियां दिनभर बाजार में आती-जाती रहती हैं। दोपहर के वक्त यह पूरा इलाका ट्रैफिक में फंसा रहता है। इसी दिक्कत को देखते हुए बंजारी रोड थोक मार्केट के कारोबारियों को डूमरतराई में दुकानें दी गईं। कारोबारियों ने वहां दुकानें लीं, कारोबार भी शुरू किया लेकिन बंजारी रोड से थोक बाजार नहीं हटाया। इसलिए गोलबाजार और मालवीय रोड में ट्रैफिक की दिक्कत रहती है। पंडरी कपड़ा मार्केट में थोक-चिल्हर व्यापार
रायपुर विकास प्राधिकरण ने करीब चार दशक पहले पंडरी में थोक कपड़ा मार्केट बसाया था। उस वक्त यहां करीब 100 थोक दुकानें थी। समय के साथ थोक कारोबारियों ने यहां पर चिल्हर दुकानें भी खोलनी शुरू कर दी। अब 450 से ज्यादा चिल्हर और करीब 100 थोक दुकानें पंडरी में है। थोक और चिल्हर का कारोबार एक साथ होने के कारण यहां पर ट्रैफिक का जबर्दस्त दबाव रहता है। इसलिए थोक कारोबारी अब दूसरी जगह शिफ्ट होना चाहते हैं और पंडरी में सिर्फ चिल्हर मार्केट रखना चाहते हैं। समाधान- जहां जरूरत वहां बदलाव कर रहे त्योहारी सीजन में सभी बाजारों में बदलाव किया जाता है। इस बार भी जहां-जहां जरूरत है जरूरी बदलाव किए जाएंगे। त्योहरी सीजन में लोगों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। जाम खत्म करने भी ट्रैफिक डायवर्ट कर रहे हैं।
डॉ. गौरव कुमार सिंह, कलेक्टर रायपुर