कोरबा में हड़ताल पर स्वास्थ्य कर्मचारी:8 महीने से नहीं मिला वेतन, बोले- समस्या हल नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन
कोरबा में हड़ताल पर स्वास्थ्य कर्मचारी:8 महीने से नहीं मिला वेतन, बोले- समस्या हल नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन
छत्तीसगढ़ के कोरबा में सामुदायिक चिकित्सा कर्मचारियों (CHO) ने अपनी तीन मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल में कोरबा जिले के 170 से ज्यादा कर्मचारी शामिल हैं। कर्मचारियों की हड़ताल से चिकित्सा सेवाओं पर असर पड़ा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने वैलनेस सेंटर में इन सभी कर्मियों को पिछले साल सेवा करने का मौका दिया था। कोरबा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हो रहे ऐसे वैलनेस सेंटर में कर्मचारियों की संख्या 170 के आसपास है। सभी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा असर प्रदर्शन स्थल पर इन सभी ने मांगों को लेकर नारेबाजी की। सामुदायिक स्वास्थ्य चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान ने बताया कि वेतन और 8 महीने का इंसेंटिव बकाया है। निश्चित रूप से इस हड़ताल के कारण संबंधित केंद्रों में लोगों को मिलने वाली सेवाओं पर असर पड़ा है। मांग पूरी नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन ओम प्रकाश चौहान ने ये भी बताया कि वेतन विसंगति और अन्य मांग काफी लंबे समय से की जारी है, लेकिन उसके बावजूद भी संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। कहीं न कहीं उनकी लापरवाही के कारण आज यह स्थिति है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा। मानदेय नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति हुई खराब स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की एक पदाधिकारी ने बताया कि उनके एक सहयोगी पवन वर्मा को गलत जानकारी के आधार पर सेवा से मुक्त कर दिया गया है। हमने सरकार से मांग की है कि उनकी बहाली जल्द कराई जाए। वहीं आठ माह से वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। इसके अलावा सभी कर्मचारियों ने अपने मूल निवास पर पोस्टिंग मांगी था, क्योंकि उन्हें पारिवारिक दिक्कतें आ रहे हैं। इन समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के कोरबा में सामुदायिक चिकित्सा कर्मचारियों (CHO) ने अपनी तीन मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल में कोरबा जिले के 170 से ज्यादा कर्मचारी शामिल हैं। कर्मचारियों की हड़ताल से चिकित्सा सेवाओं पर असर पड़ा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने वैलनेस सेंटर में इन सभी कर्मियों को पिछले साल सेवा करने का मौका दिया था। कोरबा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हो रहे ऐसे वैलनेस सेंटर में कर्मचारियों की संख्या 170 के आसपास है। सभी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा असर प्रदर्शन स्थल पर इन सभी ने मांगों को लेकर नारेबाजी की। सामुदायिक स्वास्थ्य चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान ने बताया कि वेतन और 8 महीने का इंसेंटिव बकाया है। निश्चित रूप से इस हड़ताल के कारण संबंधित केंद्रों में लोगों को मिलने वाली सेवाओं पर असर पड़ा है। मांग पूरी नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन ओम प्रकाश चौहान ने ये भी बताया कि वेतन विसंगति और अन्य मांग काफी लंबे समय से की जारी है, लेकिन उसके बावजूद भी संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। कहीं न कहीं उनकी लापरवाही के कारण आज यह स्थिति है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा। मानदेय नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति हुई खराब स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की एक पदाधिकारी ने बताया कि उनके एक सहयोगी पवन वर्मा को गलत जानकारी के आधार पर सेवा से मुक्त कर दिया गया है। हमने सरकार से मांग की है कि उनकी बहाली जल्द कराई जाए। वहीं आठ माह से वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। इसके अलावा सभी कर्मचारियों ने अपने मूल निवास पर पोस्टिंग मांगी था, क्योंकि उन्हें पारिवारिक दिक्कतें आ रहे हैं। इन समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।