बसंत पंचमी पर खुलेगा 100 साल पुराना गौरी शंकर मंदिर:लोगों की मांग के बाद मंदिर का जीर्णोद्धार का काम लगभग पूरा

मुरादाबाद का 100 साल पुराना गौरी शंकर मंदिर 1980 में हुए दंगों के बाद से बंद पड़ा था। प्रशासन द्वारा मंदिर का दरवाजा खुलावाने के बाद अब मंदिर का जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा हैं. नगर आयुक्त का कहना है कि मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य लगभग 60 प्रतिशत पूरा ही चूका हैं। श्रद्धांलुओं के लिए आने वाली बसंत पंचमी तक इसे खोल दिया जाएगा। मुरादाबाद जनपद के थाना नागफानी के झब्बू के नाले के पास बंद पड़े 100 साल पुराने गौरी शंकर मंदिर के दरवाजे का ताला खुलवाने के बाद नगर निगम इसके जीर्णोद्धार का कार्य बहुत तेजी से करा रहा हैं। मंदिर भगवा रंग में रंग गया हैं। मंदिर के अंदर, बाहर भगवान के जयकारे लिखे जा चुके हैं। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया की 100 साल पुराने प्राचीन गौरी शंकर मंदिर के जीर्णोधार का कार्य तेजी पर हैं। अभी तक मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो चूका हैं। मंदिर का निरिक्षण किया जा रहा हैं, क्यूंकि मंदिर का ढांचा बहुत पुराना हैं। इसलिए निर्माण करने में कोई दिक्कत न हो। आने वाली बसंत पंचमी तक प्राण प्रतिष्ठा कराकर मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। आने वाले दिनों में नगर के बदहाल पड़े मंदिरों को भी सही कराया जाएगा। बड़े अधिकारियों के आदेश पर बदहाल पड़े मंदिरों का जीर्णोधार कराया जाएगा। मंदिर खुदाई में मिली खंडित मूर्तियों को हटाकर नयी मूर्ति बनवाने के लिए बिजनौर जनपद के नगीना से मूर्ति कार को बुलवाया गया हैं। मंदिर की सीढ़िया बनवाने के बाद मंदिर के दोनों गेट बनवाए गए हैं। नगर निगम मुरादाबाद मंदिर का जीर्णोद्धार करवा रहा है। मंदिर में जो भी आवश्यक कार्य होगा वह नगर निगम द्वारा पूर्ण किया जाएगा। लोगों ने की थी मंदिर खुलवाने की मांग आपको बताते चलें कि इस 100 साल पुराने गौरी शंकर मंदिर को खुलवाने के लिए स्थानीय लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा था। प्रदर्शनकारियों ने बताया था कि करीब 100 साल पुराना गौरी शंकर मंदिर 1980 के मुरादाबाद दंगों के बाद से बंद है। इस दंगे में मंदिर के पुजारी की हत्या कर दी गई थी। मुरादाबाद के लाइनपार इलाके में रहने वाले सेवाराम के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम को ज्ञापन दिया। सेवाराम ने कहा कि मुरादाबाद में झब्बू का नाला इलाके में उनके परदादा भीमसेन ने अपनी जमीन पर एक गौरी शंकर मंदिर की स्थापना की थी। दंगे के बाद बंद कर दिया गया था मंदिर सेवा राम के मुताबिक उनके परदादा भीमसेन ही मंदिर की देखभाल और पूजा पाठ भी करते थे। लेकिन 1980 के दंगे में दूसरे समुदाय के लोगों की भीड़ ने भीमसेन की हत्या कर दी। उनकी लाश भी नहीं मिली। बताया जाता है कि उन्मादी भीड़ ने पुजारी भीमसेन की हत्या करने के बाद उनकी लाश को आग में झोंक दिया था। इस घटना के बाद भीमसेन का बाकी बचा परिवार लाइनपार इलाके में आकर बस गया था। इसके बाद से मंदिर भी बंद हो गया। धीरे-धीरे मंदिर की मूर्तियां भी गायब हो गईं। अब वहां सिर्फ खंडरनुमा मंदिर है और उसमें शिवालय है। सेवाराम ने डीएम से शिकायत की है कि जब भी वो इस मंदिर को खोलने जाते हैं तो दूसरे समुदाय के लोग मंदिर के कपाट नहीं खोलने देते। कपाट खोलने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती है। सेवाराम ने डीएम से मांग की है पुलिस सुरक्षा के बीच मंदिर के कपाट खुलवाए जाने की मांग की थी।

बसंत पंचमी पर खुलेगा 100 साल पुराना गौरी शंकर मंदिर:लोगों की मांग के बाद मंदिर का जीर्णोद्धार का काम लगभग पूरा
मुरादाबाद का 100 साल पुराना गौरी शंकर मंदिर 1980 में हुए दंगों के बाद से बंद पड़ा था। प्रशासन द्वारा मंदिर का दरवाजा खुलावाने के बाद अब मंदिर का जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा हैं. नगर आयुक्त का कहना है कि मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य लगभग 60 प्रतिशत पूरा ही चूका हैं। श्रद्धांलुओं के लिए आने वाली बसंत पंचमी तक इसे खोल दिया जाएगा। मुरादाबाद जनपद के थाना नागफानी के झब्बू के नाले के पास बंद पड़े 100 साल पुराने गौरी शंकर मंदिर के दरवाजे का ताला खुलवाने के बाद नगर निगम इसके जीर्णोद्धार का कार्य बहुत तेजी से करा रहा हैं। मंदिर भगवा रंग में रंग गया हैं। मंदिर के अंदर, बाहर भगवान के जयकारे लिखे जा चुके हैं। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया की 100 साल पुराने प्राचीन गौरी शंकर मंदिर के जीर्णोधार का कार्य तेजी पर हैं। अभी तक मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो चूका हैं। मंदिर का निरिक्षण किया जा रहा हैं, क्यूंकि मंदिर का ढांचा बहुत पुराना हैं। इसलिए निर्माण करने में कोई दिक्कत न हो। आने वाली बसंत पंचमी तक प्राण प्रतिष्ठा कराकर मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। आने वाले दिनों में नगर के बदहाल पड़े मंदिरों को भी सही कराया जाएगा। बड़े अधिकारियों के आदेश पर बदहाल पड़े मंदिरों का जीर्णोधार कराया जाएगा। मंदिर खुदाई में मिली खंडित मूर्तियों को हटाकर नयी मूर्ति बनवाने के लिए बिजनौर जनपद के नगीना से मूर्ति कार को बुलवाया गया हैं। मंदिर की सीढ़िया बनवाने के बाद मंदिर के दोनों गेट बनवाए गए हैं। नगर निगम मुरादाबाद मंदिर का जीर्णोद्धार करवा रहा है। मंदिर में जो भी आवश्यक कार्य होगा वह नगर निगम द्वारा पूर्ण किया जाएगा। लोगों ने की थी मंदिर खुलवाने की मांग आपको बताते चलें कि इस 100 साल पुराने गौरी शंकर मंदिर को खुलवाने के लिए स्थानीय लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा था। प्रदर्शनकारियों ने बताया था कि करीब 100 साल पुराना गौरी शंकर मंदिर 1980 के मुरादाबाद दंगों के बाद से बंद है। इस दंगे में मंदिर के पुजारी की हत्या कर दी गई थी। मुरादाबाद के लाइनपार इलाके में रहने वाले सेवाराम के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम को ज्ञापन दिया। सेवाराम ने कहा कि मुरादाबाद में झब्बू का नाला इलाके में उनके परदादा भीमसेन ने अपनी जमीन पर एक गौरी शंकर मंदिर की स्थापना की थी। दंगे के बाद बंद कर दिया गया था मंदिर सेवा राम के मुताबिक उनके परदादा भीमसेन ही मंदिर की देखभाल और पूजा पाठ भी करते थे। लेकिन 1980 के दंगे में दूसरे समुदाय के लोगों की भीड़ ने भीमसेन की हत्या कर दी। उनकी लाश भी नहीं मिली। बताया जाता है कि उन्मादी भीड़ ने पुजारी भीमसेन की हत्या करने के बाद उनकी लाश को आग में झोंक दिया था। इस घटना के बाद भीमसेन का बाकी बचा परिवार लाइनपार इलाके में आकर बस गया था। इसके बाद से मंदिर भी बंद हो गया। धीरे-धीरे मंदिर की मूर्तियां भी गायब हो गईं। अब वहां सिर्फ खंडरनुमा मंदिर है और उसमें शिवालय है। सेवाराम ने डीएम से शिकायत की है कि जब भी वो इस मंदिर को खोलने जाते हैं तो दूसरे समुदाय के लोग मंदिर के कपाट नहीं खोलने देते। कपाट खोलने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती है। सेवाराम ने डीएम से मांग की है पुलिस सुरक्षा के बीच मंदिर के कपाट खुलवाए जाने की मांग की थी।