बाजार में 31 अक्टूबर, 1 नवंबर को दो दिन दिवाली:मुहूर्त के सौदे भी दोनों दिन; ज्योतिषाचार्यों की तरह व्यापारी भी एकमत नहीं

इस साल दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाए या 1 नवंबर को, इस पर मध्यप्रदेश के ज्योतिषाचार्य और पंचागकर्ता एकमत नहीं हो पा रहे हैं। इंदौर में ज्योतिष और विद्वत परिषद ने 1 नवंबर की तारीख तय की है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि शास्त्रों के आधार पर दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाना सही है। भोपाल के ज्योतिषियों का भी कहना है कि 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई जा सकती है। 31 अक्टूबर को अमावस्या तिथि शाम 4:30 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 1 नवंबर को दोपहर 3:30 बजे तक रहेगी। अमावस्या खत्म होने के बाद इसे नहीं मनाया जाना चाहिए। वहीं, व्यापारी वर्ग में भी दिवाली मनाने को लेकर असमंजस है। कहीं 31 अक्टूबर तो कहीं 1 नवंबर को दीपोत्सव मनाया जाएगा। बही खातों के पूजन का मुहूर्त भी दोनों दिन है। धन तेरस भी दो दिन मनाई जाएगी। पुष्य नक्षत्र के भी दो दिन मुहूर्त हैं। हालांकि, मध्यप्रदेश के साथ ही दिल्ली, गुजरात समेत ज्यादातर राज्यों में सरकारी अवकाश 31 अक्टूबर को ही है। बैंकों में भी इसी दिन छुट्‌टी रहेगी। पहले बात ज्योतिषाचार्यों के तर्क की... 1 नवंबर को लेकर यह तर्क इंदौर के आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक, पं. मनीष शर्मा, आचार्य विनायक पांडेय, डॉ. पं. चंद्रभूषण व्यास का कहना है, '31 अक्टूबर 2024 को दिन में 3.53 बजे से कार्तिक अमावस्या तिथि प्रारंभ होकर दूसरे दिन 1 नवंबर को सूर्यास्त बाद 6.17 बजे मिनट तक रहेगी। 1 नवंबर को सूर्यास्त शाम 5.45 बजे पर होगा। शास्त्रों के मुताबिक, श्री महालक्ष्मी पूजन का मुख्य काल प्रदोष काल है। प्रदोषकाल 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को है। धर्मशास्त्रों का अभिमत है कि यदि दो दिन अमावस्या प्रदोषकाल को स्पर्श करे या व्याप्त हो तो महालक्ष्मी का पूजन दूसरे दिन के प्रदोषकाल में करना चाहिए। इसी दिन की अमावस्या में महालक्ष्मी की पूजा होनी चाहिए।' 31 अक्टूबर को लेकर यह तर्क उज्जैन के पंडित आनंद शंकर व्यास के मुताबिक, '31 अक्टूबर की शाम 4.03 बजे के बाद अमावस्या लग जाएगी। दूसरे रोज 1 नवंबर को अमावस्या शाम 5.38 बजे तक है। सूर्यास्त शाम 5.46 से होगा। इसके पहले अमावस्या खत्म हो जाएगी इसलिए इस दिन दिवाली नहीं मानी जाएगी। शास्त्रों के अनुसार दिवाली 31 अक्टूबर को ही है। कुछ लोग 1 नवंबर का भ्रम फैला रहे हैं। यह वास्तव में गलत है।' बही खातों का पूजन मुहूर्त बही खाता निर्माता चिराग पंचोली के मुताबिक, इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन बही खातों का पूजन मुहूर्त है। आधे व्यापारी 31 अक्टूबर को तो आधे 1 नवंबर को पूजन करने के पक्ष में हैं। दो दिन लाभ, शुभ और अमृत के श्रेष्ठ मुहूर्त और चौघड़िया इस तरह हैं... 31 अक्टूबर के मुहूर्त 1 नवंबर के मुहूर्त अब जानिए, व्यापारियों की राय... सर्राफा में दो दिनी पुष्य नक्षत्र, 1 को दीपावली, 2 को मुहूर्त के सौदे इंदौर चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल रांका ने कहा- इस बार पुष्य नक्षत्र 24 और 25 अक्टूबर को दोनों दिन है। दोनों दिन बाजारों में ग्राहकी रहेगी। ग्राहक अपने मुहूर्त के हिसाब से खरीदी कर सकेंगे। दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 1 नवंबर को अमावस्या होने पर बाजार बंद रहेगा। 2 नवंबर को मुहूर्त के सौदे होंगे। क्लॉथ मार्केट में 31 अक्टूबर को दीपावली, 4 को मुहूर्त के सौदे एमटी क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन की कार्य परिषद के सदस्य अरुण बाकलीवाल ने बताया कि इस बार अयोध्या और दूसरे शहरों में अलग-अलग तारीखों में दिवाली मनाई जाएगी। इंदौर में भी अलग-अलग बाजारों की अलग-अलग स्थिति है। इस मुद्दे पर चार दिन पहले एसोसिएशन की बैठक हुई थी। इसमें सर्वानुमति से निर्णय लिया गया कि मार्केट में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाएंगे। 1, 2 और 3 नवंबर को अवकाश रहेगा। 4 नवंबर को मुहूर्त होगा। छावनी मंडी में 4 नवंबर को मुहूर्त के सौदे इंदौर अनाज तिलहन संघ (छावनी अनाज मंडी) के अध्यक्ष संजय अग्रवाल का कहना है- व्यापारियों में दिवाली मुहूर्त व्यापारिक मुहूर्त को माना जाता है। यह इस बार 4 नवंबर को है। सुबह 9.30 बजे व्यापारिक मिलन, 10 बजे आरती और 10.21 बजे से मुहूर्त के सौदे शुरू हो जाएंगे, जो चलते रहेंगे। बही खातों का पूजन हर व्यापारी अपने अनुसार करता है। लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी में 1 को दीपावली, 4 को मुहूर्त और सौदे लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी के अध्यक्ष नारायण गर्ग ने कहा, 'अभी तक सहमति यह बनी है कि 1 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी। 4 अक्टूबर को व्यापार मुहूर्त और सौदे होंगे। बही खातों का पूजन भी इसी दिन होगा।' बर्तन बाजार में 29, 30 अक्टूबर को धनतेरस, मुहूर्त का निर्णय बाकी इंदौर बर्तन बाजार एसोसिएशन के सचिव सतीश गोयल और पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र मेहता का कहना है कि इस बार 29 और 30 अक्टूबर को धनतेरस और 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी। बाजार में सजावट 29 से 31 अक्टूबर तक रहेगी। इसकी तैयारियां चार-पांच दिन पहले से हो जाएंगी। हालांकि, अभी मंगलवार को एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है। इसमें मुहूर्त को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा। ये खबर भी पढ़ें... भोपाल के ज्योतिषी बोले-31 को अमावस्या, इसी दिन मनाएं दिवाली भोपाल के ज्योतिषियों का कहना है कि 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई जा सकती है। इसके बाद अमावस्या खत्म होने के बाद इसे नहीं मनाया जाना चाहिए। ज्योतिषियों ने इस भ्रम का जिम्मेदार सोशल मीडिया को ठहराया है। उनका कहना है कि वॉट्सऐप और यूट्यूब पर कुछ गलत जानकारियां दी जा रही हैं। इसी से यह स्थिति बनी है। पूरी खबर पढ़ें... 1 नवंबर को दिवाली मनाना सही: इंदौर में 150 से अधिक पंचांगकारों की सहमति इस बार दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाए या फिर 1 नवंबर को...इसका जवाब ज्योतिष और विद्वत परिषद ने दे दिया है। इंदौर में हुई बैठक में इस बार दिवाली का पर्व 1 नवंबर को मनाना तय किया गया है। इसके लिए सोमवार दोपहर को इंदौर के संस्कृत महाविद्यालय में विद्वानों और आचार्य की बैठक हुई। इसमें यह फैसला लिया गया है। पूरी खबर पढ़ें...

बाजार में 31 अक्टूबर, 1 नवंबर को दो दिन दिवाली:मुहूर्त के सौदे भी दोनों दिन; ज्योतिषाचार्यों की तरह व्यापारी भी एकमत नहीं
इस साल दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाए या 1 नवंबर को, इस पर मध्यप्रदेश के ज्योतिषाचार्य और पंचागकर्ता एकमत नहीं हो पा रहे हैं। इंदौर में ज्योतिष और विद्वत परिषद ने 1 नवंबर की तारीख तय की है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि शास्त्रों के आधार पर दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाना सही है। भोपाल के ज्योतिषियों का भी कहना है कि 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई जा सकती है। 31 अक्टूबर को अमावस्या तिथि शाम 4:30 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 1 नवंबर को दोपहर 3:30 बजे तक रहेगी। अमावस्या खत्म होने के बाद इसे नहीं मनाया जाना चाहिए। वहीं, व्यापारी वर्ग में भी दिवाली मनाने को लेकर असमंजस है। कहीं 31 अक्टूबर तो कहीं 1 नवंबर को दीपोत्सव मनाया जाएगा। बही खातों के पूजन का मुहूर्त भी दोनों दिन है। धन तेरस भी दो दिन मनाई जाएगी। पुष्य नक्षत्र के भी दो दिन मुहूर्त हैं। हालांकि, मध्यप्रदेश के साथ ही दिल्ली, गुजरात समेत ज्यादातर राज्यों में सरकारी अवकाश 31 अक्टूबर को ही है। बैंकों में भी इसी दिन छुट्‌टी रहेगी। पहले बात ज्योतिषाचार्यों के तर्क की... 1 नवंबर को लेकर यह तर्क इंदौर के आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक, पं. मनीष शर्मा, आचार्य विनायक पांडेय, डॉ. पं. चंद्रभूषण व्यास का कहना है, '31 अक्टूबर 2024 को दिन में 3.53 बजे से कार्तिक अमावस्या तिथि प्रारंभ होकर दूसरे दिन 1 नवंबर को सूर्यास्त बाद 6.17 बजे मिनट तक रहेगी। 1 नवंबर को सूर्यास्त शाम 5.45 बजे पर होगा। शास्त्रों के मुताबिक, श्री महालक्ष्मी पूजन का मुख्य काल प्रदोष काल है। प्रदोषकाल 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को है। धर्मशास्त्रों का अभिमत है कि यदि दो दिन अमावस्या प्रदोषकाल को स्पर्श करे या व्याप्त हो तो महालक्ष्मी का पूजन दूसरे दिन के प्रदोषकाल में करना चाहिए। इसी दिन की अमावस्या में महालक्ष्मी की पूजा होनी चाहिए।' 31 अक्टूबर को लेकर यह तर्क उज्जैन के पंडित आनंद शंकर व्यास के मुताबिक, '31 अक्टूबर की शाम 4.03 बजे के बाद अमावस्या लग जाएगी। दूसरे रोज 1 नवंबर को अमावस्या शाम 5.38 बजे तक है। सूर्यास्त शाम 5.46 से होगा। इसके पहले अमावस्या खत्म हो जाएगी इसलिए इस दिन दिवाली नहीं मानी जाएगी। शास्त्रों के अनुसार दिवाली 31 अक्टूबर को ही है। कुछ लोग 1 नवंबर का भ्रम फैला रहे हैं। यह वास्तव में गलत है।' बही खातों का पूजन मुहूर्त बही खाता निर्माता चिराग पंचोली के मुताबिक, इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन बही खातों का पूजन मुहूर्त है। आधे व्यापारी 31 अक्टूबर को तो आधे 1 नवंबर को पूजन करने के पक्ष में हैं। दो दिन लाभ, शुभ और अमृत के श्रेष्ठ मुहूर्त और चौघड़िया इस तरह हैं... 31 अक्टूबर के मुहूर्त 1 नवंबर के मुहूर्त अब जानिए, व्यापारियों की राय... सर्राफा में दो दिनी पुष्य नक्षत्र, 1 को दीपावली, 2 को मुहूर्त के सौदे इंदौर चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल रांका ने कहा- इस बार पुष्य नक्षत्र 24 और 25 अक्टूबर को दोनों दिन है। दोनों दिन बाजारों में ग्राहकी रहेगी। ग्राहक अपने मुहूर्त के हिसाब से खरीदी कर सकेंगे। दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 1 नवंबर को अमावस्या होने पर बाजार बंद रहेगा। 2 नवंबर को मुहूर्त के सौदे होंगे। क्लॉथ मार्केट में 31 अक्टूबर को दीपावली, 4 को मुहूर्त के सौदे एमटी क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन की कार्य परिषद के सदस्य अरुण बाकलीवाल ने बताया कि इस बार अयोध्या और दूसरे शहरों में अलग-अलग तारीखों में दिवाली मनाई जाएगी। इंदौर में भी अलग-अलग बाजारों की अलग-अलग स्थिति है। इस मुद्दे पर चार दिन पहले एसोसिएशन की बैठक हुई थी। इसमें सर्वानुमति से निर्णय लिया गया कि मार्केट में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाएंगे। 1, 2 और 3 नवंबर को अवकाश रहेगा। 4 नवंबर को मुहूर्त होगा। छावनी मंडी में 4 नवंबर को मुहूर्त के सौदे इंदौर अनाज तिलहन संघ (छावनी अनाज मंडी) के अध्यक्ष संजय अग्रवाल का कहना है- व्यापारियों में दिवाली मुहूर्त व्यापारिक मुहूर्त को माना जाता है। यह इस बार 4 नवंबर को है। सुबह 9.30 बजे व्यापारिक मिलन, 10 बजे आरती और 10.21 बजे से मुहूर्त के सौदे शुरू हो जाएंगे, जो चलते रहेंगे। बही खातों का पूजन हर व्यापारी अपने अनुसार करता है। लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी में 1 को दीपावली, 4 को मुहूर्त और सौदे लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी के अध्यक्ष नारायण गर्ग ने कहा, 'अभी तक सहमति यह बनी है कि 1 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी। 4 अक्टूबर को व्यापार मुहूर्त और सौदे होंगे। बही खातों का पूजन भी इसी दिन होगा।' बर्तन बाजार में 29, 30 अक्टूबर को धनतेरस, मुहूर्त का निर्णय बाकी इंदौर बर्तन बाजार एसोसिएशन के सचिव सतीश गोयल और पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र मेहता का कहना है कि इस बार 29 और 30 अक्टूबर को धनतेरस और 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी। बाजार में सजावट 29 से 31 अक्टूबर तक रहेगी। इसकी तैयारियां चार-पांच दिन पहले से हो जाएंगी। हालांकि, अभी मंगलवार को एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है। इसमें मुहूर्त को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा। ये खबर भी पढ़ें... भोपाल के ज्योतिषी बोले-31 को अमावस्या, इसी दिन मनाएं दिवाली भोपाल के ज्योतिषियों का कहना है कि 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई जा सकती है। इसके बाद अमावस्या खत्म होने के बाद इसे नहीं मनाया जाना चाहिए। ज्योतिषियों ने इस भ्रम का जिम्मेदार सोशल मीडिया को ठहराया है। उनका कहना है कि वॉट्सऐप और यूट्यूब पर कुछ गलत जानकारियां दी जा रही हैं। इसी से यह स्थिति बनी है। पूरी खबर पढ़ें... 1 नवंबर को दिवाली मनाना सही: इंदौर में 150 से अधिक पंचांगकारों की सहमति इस बार दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाए या फिर 1 नवंबर को...इसका जवाब ज्योतिष और विद्वत परिषद ने दे दिया है। इंदौर में हुई बैठक में इस बार दिवाली का पर्व 1 नवंबर को मनाना तय किया गया है। इसके लिए सोमवार दोपहर को इंदौर के संस्कृत महाविद्यालय में विद्वानों और आचार्य की बैठक हुई। इसमें यह फैसला लिया गया है। पूरी खबर पढ़ें...