भिंड में डेढ़ माह से एचआईवी की जांच बंद:टेक्नीशियन के स्थानांतरण से व्यवस्था प्रभावित, प्रसूता और किडनी पीड़ितों की अटकी जांचें
भिंड में डेढ़ माह से एचआईवी की जांच बंद:टेक्नीशियन के स्थानांतरण से व्यवस्था प्रभावित, प्रसूता और किडनी पीड़ितों की अटकी जांचें
भिंड जिला अस्पताल में सामान्य एचआईवी जांच की सुविधा बंद हो गई है। पिछले डेढ़ माह से पैथोलॉजी में एक भी संदिग्ध मरीज की जांच नहीं हो रही है है। डेढ़ माह पहले तकनीकी कर्मी का भिंड से दतिया मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर हो गया है। ऐसी स्थिति में जांच अटक गई है। बताया जाता है कि जिला अस्पताल में हर रोज किडनी रोग से पीड़ित मरीज डायलिसिस के लिए आते हैं। इन मरीजों की भी एचआईवी जांच नहीं हो पा रही। इधर एचआईवी के संदिग्धों को ग्वालियर जांच के लिए भेजा जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने की अनदेखी जिला अस्पताल में मरीजों की जांच बंद होने के बाद अब तक प्रबंधन के किसी भी सदस्य ने रिक्त हुई पोस्ट को भरे जाने के लिए पत्र व्यवहार नहीं किया। ना ही मरीजों की जांच को लेकर अस्पताल प्रबंधन चिंतित नजर आ रहा है। दैनिक भास्कर ने जब इस मामले की पड़ताल की तो यहां पर आईसीटीसी लैब में जांचें बंद होना पाई गई है। ऐसी स्थिति में एचआईवी की जांच करने के लिए आने वाली संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए भटकना पड़ रहा है। इस पूरे मामले में जब सीएमएचओ डा. शिवराम सिंह कुशवाहा से बातचीत की गई तो उन्होंने यह बात स्वीकारी है कि तकनीकी कर्मचारी का स्थानांतरण होने से एचआईवी की जांच प्रभावित हो रही है जल्दी इसको लेकर नए कर्मचारियों की व्यवस्था कराई जाएगी। महत्वपूर्ण बिंदू
भिंड जिला अस्पताल में सामान्य एचआईवी जांच की सुविधा बंद हो गई है। पिछले डेढ़ माह से पैथोलॉजी में एक भी संदिग्ध मरीज की जांच नहीं हो रही है है। डेढ़ माह पहले तकनीकी कर्मी का भिंड से दतिया मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर हो गया है। ऐसी स्थिति में जांच अटक गई है। बताया जाता है कि जिला अस्पताल में हर रोज किडनी रोग से पीड़ित मरीज डायलिसिस के लिए आते हैं। इन मरीजों की भी एचआईवी जांच नहीं हो पा रही। इधर एचआईवी के संदिग्धों को ग्वालियर जांच के लिए भेजा जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने की अनदेखी जिला अस्पताल में मरीजों की जांच बंद होने के बाद अब तक प्रबंधन के किसी भी सदस्य ने रिक्त हुई पोस्ट को भरे जाने के लिए पत्र व्यवहार नहीं किया। ना ही मरीजों की जांच को लेकर अस्पताल प्रबंधन चिंतित नजर आ रहा है। दैनिक भास्कर ने जब इस मामले की पड़ताल की तो यहां पर आईसीटीसी लैब में जांचें बंद होना पाई गई है। ऐसी स्थिति में एचआईवी की जांच करने के लिए आने वाली संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए भटकना पड़ रहा है। इस पूरे मामले में जब सीएमएचओ डा. शिवराम सिंह कुशवाहा से बातचीत की गई तो उन्होंने यह बात स्वीकारी है कि तकनीकी कर्मचारी का स्थानांतरण होने से एचआईवी की जांच प्रभावित हो रही है जल्दी इसको लेकर नए कर्मचारियों की व्यवस्था कराई जाएगी। महत्वपूर्ण बिंदू