भोपाल विज्ञान मेले में स्कूली बच्चों के इनोवेशन:बिना मिट्टी की खेती से लेकर शॉकर बूट तक के मॉडल्स की प्रदर्शनी
भोपाल विज्ञान मेले में स्कूली बच्चों के इनोवेशन:बिना मिट्टी की खेती से लेकर शॉकर बूट तक के मॉडल्स की प्रदर्शनी
भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित विज्ञान मेले में स्कूल और कॉलेज के बच्चों के इनोवेशन से भरे मॉडल्स की प्रदर्शनी के अलावा, परंपरागत मॉडल भी प्रस्तुत किए गए हैं। डिंडौरी से आए अगरिया जनजाति के लोगों ने लोहा बनाने की परंपरागत तकनीक को जिंदा रखने के लिए प्रदर्शनी लगाई। यह लोग कलेजी पत्थर से लोहा बनाते हैं। इसके अलावा स्कूली बच्चों ने भविष्य की जरूरत को समझते हुए घर में बिना मिट्टी के खेती करने के तरीकों, फायर फाइटर रोबोट और महिलाओं की सुरक्षा के लिए शॉकर बूट के मॉडल बनाए। पत्थर से लोहा बनाने की पारंपरिक तकनीक
डिंडौरी से आए संतु सिंह मरावी ने बताया कि, उनके पूर्वज कलेजी पत्थर से लोहा बनाने की परंपरागत विधि का इस्तेमाल करते थे। इस प्रक्रिया में एक विशेष कोन (चिमनीनुमा संरचना) में आग जलाई जाती है। कोन के ऊपर लगी पट्टी पर कोयला और कलेजी पत्थर रखा जाता है। चमड़े से बने पायदान को पैरों से दबाकर हवा पैदा की जाती है, जो बांस के जरिए कोन में पहुंचती है। यह प्रक्रिया लगभग चार घंटे तक चलती है। अंत में, पत्थर के गलने से लोहा तैयार होता है। संतु सिंह ने बताया कि यह तकनीक आज भी उनकी जनजाति के लोग जीवित रखे हुए हैं। स्कूली बच्चों ने भविष्य की जरूरत पर बनाए मॉडल 1. बिना मिट्टी के खेती करने हाइड्रोपोनिक फार्मिंग सिस्टम डायमंड स्कूल गूंगा, भोपाल की भूमिका मेहरा, हेमंत चौकसे, सुहाना और आर्यन ने हाइड्रोपोनिक फार्मिंग का मॉडल बनाया है। इस तकनीक से मिट्टी के बजाय पोषक तत्वों से भरे पानी से खेती की जाती है। पानी को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का पाउडर डालकर तैयार किया जाता है। इस तकनीक से खासकर पत्तीदार सब्जियां उगाई जाती है। घर पर भी इस तरह की खेती की जा सकती है। बच्चों ने बताया कि उनका मॉडल देखकर कई लोगों ने अपने घरों में इसे इन्स्टॉल करने की इच्छा जताई। 2. शॉकर बूट IES पब्लिक स्कूल के 9वीं कक्षा के सूर्यांश और उनकी टीम ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक शॉकर बूट बनाया है। इस बूट में ऐसा सिस्टम है कि अगर कोई लड़कियों को परेशान करे या छेड़छाड़ करे तो अपने बचाव में वे उस व्यक्ति को जूते से करेंट का शॉक दे सकती हैं। इसके लिए जूते के अंदर एक जनरेटर लगाया गया है। जनरेटर का एक वायर ग्राउंड और दूसरा जूता पहनने वाले के शरीर से कनेक्टेड होगा। जूते में एक स्विच भी है। इस स्विच के चालू होने पर जब भी कोई व्यक्ति जूता पहने व्यक्ति को छुएगा तो उसे बिजली का झटका लगेगा। 3. फायर फाइटर रोबोट डायमंड स्कूल की 7वीं कक्षा की अक्षता ठाकुर, शिवांश, यश और प्रवीश ने एक ऐसा मॉडल बनाया है जो आग की लपटों को सेन्स करते ही उस पर पानी की बरसात शुरू कर देगा। जिससे भीषण आग न लगे। छात्रों ने हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे से प्रेरित होकर यह मॉडल बनाया है। इसमें पानी की जगह कार्बन डाइऑक्साइड का भी इस्तेमाल किया जा सकता। छात्रों ने अपील की है कि इस तरह के फायर फाइटर रोबोट को सभी जगह इंस्टॉल करना चाहिए। जिससे आग की घटना को टाला जा सके। 30 तारीख को समापन और पुरस्कार वितरण भोपाल में चल रहे 11वें विज्ञान मेले का समापन सोमवार 30 दिसंबर को होगा। इस कार्यक्रम में स्कूलों और कॉलेजों के बच्चों ने साइंस मॉडल की प्रदर्शनी लगाई है। इनमें से बेस्ट मॉडल को समापन कार्यक्रम के दिन सम्मानित किया जाएगा। ये खबर भी पढ़ें... AI रोबोट, जो देगा आपके सवालों के जवाब भोपाल के विज्ञान मेले में कुछ ऐसे मॉडल भी हैं, जिन्हें देखकर आप हैरान हो जाएंगे। AI रोबोट जो आपके कठिन सवालों के जवाब भी दे देगा। चाहे प्रश्न जनरल नॉलेज के हो या फिर क्रिकेट से जुड़े। वहीं, मेले में आपको साइकिल, कार और बाइक का मिला-जुला वर्जन भी देखने को मिल सकता है। पढ़िए पूरी खबर।
भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित विज्ञान मेले में स्कूल और कॉलेज के बच्चों के इनोवेशन से भरे मॉडल्स की प्रदर्शनी के अलावा, परंपरागत मॉडल भी प्रस्तुत किए गए हैं। डिंडौरी से आए अगरिया जनजाति के लोगों ने लोहा बनाने की परंपरागत तकनीक को जिंदा रखने के लिए प्रदर्शनी लगाई। यह लोग कलेजी पत्थर से लोहा बनाते हैं। इसके अलावा स्कूली बच्चों ने भविष्य की जरूरत को समझते हुए घर में बिना मिट्टी के खेती करने के तरीकों, फायर फाइटर रोबोट और महिलाओं की सुरक्षा के लिए शॉकर बूट के मॉडल बनाए। पत्थर से लोहा बनाने की पारंपरिक तकनीक
डिंडौरी से आए संतु सिंह मरावी ने बताया कि, उनके पूर्वज कलेजी पत्थर से लोहा बनाने की परंपरागत विधि का इस्तेमाल करते थे। इस प्रक्रिया में एक विशेष कोन (चिमनीनुमा संरचना) में आग जलाई जाती है। कोन के ऊपर लगी पट्टी पर कोयला और कलेजी पत्थर रखा जाता है। चमड़े से बने पायदान को पैरों से दबाकर हवा पैदा की जाती है, जो बांस के जरिए कोन में पहुंचती है। यह प्रक्रिया लगभग चार घंटे तक चलती है। अंत में, पत्थर के गलने से लोहा तैयार होता है। संतु सिंह ने बताया कि यह तकनीक आज भी उनकी जनजाति के लोग जीवित रखे हुए हैं। स्कूली बच्चों ने भविष्य की जरूरत पर बनाए मॉडल 1. बिना मिट्टी के खेती करने हाइड्रोपोनिक फार्मिंग सिस्टम डायमंड स्कूल गूंगा, भोपाल की भूमिका मेहरा, हेमंत चौकसे, सुहाना और आर्यन ने हाइड्रोपोनिक फार्मिंग का मॉडल बनाया है। इस तकनीक से मिट्टी के बजाय पोषक तत्वों से भरे पानी से खेती की जाती है। पानी को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का पाउडर डालकर तैयार किया जाता है। इस तकनीक से खासकर पत्तीदार सब्जियां उगाई जाती है। घर पर भी इस तरह की खेती की जा सकती है। बच्चों ने बताया कि उनका मॉडल देखकर कई लोगों ने अपने घरों में इसे इन्स्टॉल करने की इच्छा जताई। 2. शॉकर बूट IES पब्लिक स्कूल के 9वीं कक्षा के सूर्यांश और उनकी टीम ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक शॉकर बूट बनाया है। इस बूट में ऐसा सिस्टम है कि अगर कोई लड़कियों को परेशान करे या छेड़छाड़ करे तो अपने बचाव में वे उस व्यक्ति को जूते से करेंट का शॉक दे सकती हैं। इसके लिए जूते के अंदर एक जनरेटर लगाया गया है। जनरेटर का एक वायर ग्राउंड और दूसरा जूता पहनने वाले के शरीर से कनेक्टेड होगा। जूते में एक स्विच भी है। इस स्विच के चालू होने पर जब भी कोई व्यक्ति जूता पहने व्यक्ति को छुएगा तो उसे बिजली का झटका लगेगा। 3. फायर फाइटर रोबोट डायमंड स्कूल की 7वीं कक्षा की अक्षता ठाकुर, शिवांश, यश और प्रवीश ने एक ऐसा मॉडल बनाया है जो आग की लपटों को सेन्स करते ही उस पर पानी की बरसात शुरू कर देगा। जिससे भीषण आग न लगे। छात्रों ने हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे से प्रेरित होकर यह मॉडल बनाया है। इसमें पानी की जगह कार्बन डाइऑक्साइड का भी इस्तेमाल किया जा सकता। छात्रों ने अपील की है कि इस तरह के फायर फाइटर रोबोट को सभी जगह इंस्टॉल करना चाहिए। जिससे आग की घटना को टाला जा सके। 30 तारीख को समापन और पुरस्कार वितरण भोपाल में चल रहे 11वें विज्ञान मेले का समापन सोमवार 30 दिसंबर को होगा। इस कार्यक्रम में स्कूलों और कॉलेजों के बच्चों ने साइंस मॉडल की प्रदर्शनी लगाई है। इनमें से बेस्ट मॉडल को समापन कार्यक्रम के दिन सम्मानित किया जाएगा। ये खबर भी पढ़ें... AI रोबोट, जो देगा आपके सवालों के जवाब भोपाल के विज्ञान मेले में कुछ ऐसे मॉडल भी हैं, जिन्हें देखकर आप हैरान हो जाएंगे। AI रोबोट जो आपके कठिन सवालों के जवाब भी दे देगा। चाहे प्रश्न जनरल नॉलेज के हो या फिर क्रिकेट से जुड़े। वहीं, मेले में आपको साइकिल, कार और बाइक का मिला-जुला वर्जन भी देखने को मिल सकता है। पढ़िए पूरी खबर।