महराजगंज में विवाह रथों पर रोक:परिवहन विभाग ने शुरू की कार्रवाई, बोले- ये वाहन नियमों के खिलाफ

महराजगंज जिले में अब शादी रथों का चलन मुश्किल हो सकता है। उपसंभागीय परिवहन विभाग ने विवाह रथों की जांच शुरू कर दी है और ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने की तैयारी की है, जिनमें चार पहिया वाहनों को बदलकर रथ का रूप दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, ये वाहन नियमों के खिलाफ हैं और इससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ता है। वाहनों का रूपांतरण करना अवैध शादी समारोहों में बारात को दुल्हन के घर तक पहुंचाने के लिए रथों का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इन रथों में न तो असली घोड़ा होता है और न ही असली रथ। शादी रथ के रूप में पुराने जीप या अन्य वाहनों को बदलकर बनाए जाते हैं, जिससे इनकी डिमांड बढ़ती है। लेकिन परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वाहनों को इस रूप में बदलना नियमों के खिलाफ है और यह दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। परिवहन विभाग की कार्रवाई विवाह रथों के अवैध संचालन पर रोक लगाने के लिए उपसंभागीय परिवहन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। एआरटीओ विनय कुमार ने एक शादी रथ का चालान भी किया है। अब विभाग ऐसे वाहनों की जांच करेगा और जो वाहनों का रूपांतरण करके रथ के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं, उन्हें बंद कराएगा। किराए की भारी रकम और दुर्घटना का खतरा इन विवाह रथों का किराया 15 से 30 हजार रुपये तक लिया जाता है, जो एक रात के लिए ही होता है। इसके अलावा बैंड, डीजे आदि का अलग किराया लिया जाता है। लेकिन जब ऐसे परिवर्तित वाहनों में दुर्घटनाएं होती हैं, तो उन पर कोई मुआवजा नहीं मिलता, क्योंकि यह नियमों के खिलाफ होते हैं। राजस्व की हानि और सुरक्षा का मुद्दा एआरटीओ विनय कुमार ने कहा कि इन वाहनों का रूपांतरण वाहन नियमों के खिलाफ है, जिससे न केवल दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ती है, बल्कि राजस्व की भी हानि होती है। इस स्थिति को देखते हुए अब इस पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

महराजगंज में विवाह रथों पर रोक:परिवहन विभाग ने शुरू की कार्रवाई, बोले- ये वाहन नियमों के खिलाफ
महराजगंज जिले में अब शादी रथों का चलन मुश्किल हो सकता है। उपसंभागीय परिवहन विभाग ने विवाह रथों की जांच शुरू कर दी है और ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने की तैयारी की है, जिनमें चार पहिया वाहनों को बदलकर रथ का रूप दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, ये वाहन नियमों के खिलाफ हैं और इससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ता है। वाहनों का रूपांतरण करना अवैध शादी समारोहों में बारात को दुल्हन के घर तक पहुंचाने के लिए रथों का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इन रथों में न तो असली घोड़ा होता है और न ही असली रथ। शादी रथ के रूप में पुराने जीप या अन्य वाहनों को बदलकर बनाए जाते हैं, जिससे इनकी डिमांड बढ़ती है। लेकिन परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वाहनों को इस रूप में बदलना नियमों के खिलाफ है और यह दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। परिवहन विभाग की कार्रवाई विवाह रथों के अवैध संचालन पर रोक लगाने के लिए उपसंभागीय परिवहन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। एआरटीओ विनय कुमार ने एक शादी रथ का चालान भी किया है। अब विभाग ऐसे वाहनों की जांच करेगा और जो वाहनों का रूपांतरण करके रथ के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं, उन्हें बंद कराएगा। किराए की भारी रकम और दुर्घटना का खतरा इन विवाह रथों का किराया 15 से 30 हजार रुपये तक लिया जाता है, जो एक रात के लिए ही होता है। इसके अलावा बैंड, डीजे आदि का अलग किराया लिया जाता है। लेकिन जब ऐसे परिवर्तित वाहनों में दुर्घटनाएं होती हैं, तो उन पर कोई मुआवजा नहीं मिलता, क्योंकि यह नियमों के खिलाफ होते हैं। राजस्व की हानि और सुरक्षा का मुद्दा एआरटीओ विनय कुमार ने कहा कि इन वाहनों का रूपांतरण वाहन नियमों के खिलाफ है, जिससे न केवल दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ती है, बल्कि राजस्व की भी हानि होती है। इस स्थिति को देखते हुए अब इस पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।