एमपी में 4.5° लुढ़का दिन का टेम्प्रेचर:भोपाल, जबलपुर-नर्मदापुरम संभाग में सर्दी सबसे ज्यादा असर; 3 दिन भी ऐसा ही मौसम

उत्तरी हवाओं की वजह से मध्यप्रदेश में रात और दिन ठंडे हैं। खासकर पूर्वी हिस्से में टेम्प्रेचर 4.5 डिग्री तक लुढ़क गया। बुधवार को नरसिंहपुर में सबसे ज्यादा पारा गिरा। वहीं, भोपाल, जबलपुर समेत 10 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे है। अगले 3 दिन तक सर्दी का असर ऐसा ही बना रहेगा। दिसंबर में कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा। मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने बताया- नवंबर के आखिरी सप्ताह में दिन-रात के टेम्प्रेचर में गिरावट होने का ट्रेंड रहता है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम है। पश्चिम-उत्तर भारत में अगले 2 से 3 दिन में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो सकता है। जिससे बर्फीली हवा की रफ्तार तेज हो जाएगी और एमपी भी इसकी चपेट में आ जाएगा। अभी 260Km रफ्तार, पर ऊंचाई ज्यादा मौसम वैज्ञानिक कुमार ने बताया, पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीट 260 Km प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है, लेकिन इसकी ऊंचाई 12.6 किमी है। इस वजह से प्रदेश में असर कम है। जब हवा नीचे बहेंगी तो कड़ाके की ठंड होगी। वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से दिसंबर के पहले सप्ताह में ही यह दौर शुरू हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फबारी हो रही है। इस वजह से जेट स्ट्रीम हवाओं की रफ्तार ज्यादा है। भोपाल में पारा 10 डिग्री से नीचे, पचमढ़ी सबसे ठंडा मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे बना हुआ है। मंगलवार-बुधवार की रात टेम्प्रेचर 9.2 डिग्री दर्ज किया गया। सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। हिल स्टेशन होने की वजह से यहां पारा 5.6 डिग्री रहा। शहडोल के कल्याणपुर में 7 डिग्री, उमरिया में 8.1 डिग्री, कटनी के पिपरौंध-शाजापुर के गिरवर में 8.9 डिग्री, सीहोर में 9.1 डिग्री, राजगढ़ में 9.2 डिग्री रहा। मलाजखंड, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सागर, बैतूल, छिंदवाड़ा, रायसेन, टीकमगढ़, खजुराहो, खंडवा, खरगोन और गुना में पारा 12 डिग्री से नीचे ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में पारा 9.2 डिग्री, इंदौर में 12.9 डिग्री, ग्वालियर में 12 डिग्री, उज्जैन में 11.4 डिग्री और जबलपुर में 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन में पूर्वी हिस्से में पारा लुढ़का बुधवार के दिन के तापमान की बात करें तो पूर्वी हिस्सा ऐसा है, जहां तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है। नरसिंहपुर में एक ही दिन में 4.5 डिग्री, मलाजखंड में 3.1 डिग्री, सीधी में 1.6 डिग्री, रीवा में 1.8 डिग्री, जबलपुर-नौगांव में 1 डिग्री हुई। पश्चिमी हिस्से के भोपाल, बैतूल, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी में गिरावट देखने को मिली, लेकिन धार, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, रायसेन, रतलाम, शिवपुरी और उज्जैन में मामूली बढ़ोतरी रही। अब जानिए, नवंबर में 5 बड़े शहरों में ट्रेंड... भोपाल में पारा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा नवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़क रहा है और यह 8.8 डिग्री पहुंच गया है, जो रिकॉर्ड है। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में इस महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। इंदौर में ठंड का असर तेज नवंबर में इंदौर में भी ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। अभी दिन का तापमान भी 30 डिग्री से नीचे है। नवंबर में सबसे सर्द रहता है ग्वालियर पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 6 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है। जबलपुर में 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिश पिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। उज्जैन में न्यूनतम तापमान 10-11° के बीच यहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।

एमपी में 4.5° लुढ़का दिन का टेम्प्रेचर:भोपाल, जबलपुर-नर्मदापुरम संभाग में सर्दी सबसे ज्यादा असर; 3 दिन भी ऐसा ही मौसम
उत्तरी हवाओं की वजह से मध्यप्रदेश में रात और दिन ठंडे हैं। खासकर पूर्वी हिस्से में टेम्प्रेचर 4.5 डिग्री तक लुढ़क गया। बुधवार को नरसिंहपुर में सबसे ज्यादा पारा गिरा। वहीं, भोपाल, जबलपुर समेत 10 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे है। अगले 3 दिन तक सर्दी का असर ऐसा ही बना रहेगा। दिसंबर में कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा। मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने बताया- नवंबर के आखिरी सप्ताह में दिन-रात के टेम्प्रेचर में गिरावट होने का ट्रेंड रहता है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम है। पश्चिम-उत्तर भारत में अगले 2 से 3 दिन में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो सकता है। जिससे बर्फीली हवा की रफ्तार तेज हो जाएगी और एमपी भी इसकी चपेट में आ जाएगा। अभी 260Km रफ्तार, पर ऊंचाई ज्यादा मौसम वैज्ञानिक कुमार ने बताया, पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीट 260 Km प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है, लेकिन इसकी ऊंचाई 12.6 किमी है। इस वजह से प्रदेश में असर कम है। जब हवा नीचे बहेंगी तो कड़ाके की ठंड होगी। वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से दिसंबर के पहले सप्ताह में ही यह दौर शुरू हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फबारी हो रही है। इस वजह से जेट स्ट्रीम हवाओं की रफ्तार ज्यादा है। भोपाल में पारा 10 डिग्री से नीचे, पचमढ़ी सबसे ठंडा मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे बना हुआ है। मंगलवार-बुधवार की रात टेम्प्रेचर 9.2 डिग्री दर्ज किया गया। सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। हिल स्टेशन होने की वजह से यहां पारा 5.6 डिग्री रहा। शहडोल के कल्याणपुर में 7 डिग्री, उमरिया में 8.1 डिग्री, कटनी के पिपरौंध-शाजापुर के गिरवर में 8.9 डिग्री, सीहोर में 9.1 डिग्री, राजगढ़ में 9.2 डिग्री रहा। मलाजखंड, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सागर, बैतूल, छिंदवाड़ा, रायसेन, टीकमगढ़, खजुराहो, खंडवा, खरगोन और गुना में पारा 12 डिग्री से नीचे ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में पारा 9.2 डिग्री, इंदौर में 12.9 डिग्री, ग्वालियर में 12 डिग्री, उज्जैन में 11.4 डिग्री और जबलपुर में 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन में पूर्वी हिस्से में पारा लुढ़का बुधवार के दिन के तापमान की बात करें तो पूर्वी हिस्सा ऐसा है, जहां तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है। नरसिंहपुर में एक ही दिन में 4.5 डिग्री, मलाजखंड में 3.1 डिग्री, सीधी में 1.6 डिग्री, रीवा में 1.8 डिग्री, जबलपुर-नौगांव में 1 डिग्री हुई। पश्चिमी हिस्से के भोपाल, बैतूल, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी में गिरावट देखने को मिली, लेकिन धार, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, रायसेन, रतलाम, शिवपुरी और उज्जैन में मामूली बढ़ोतरी रही। अब जानिए, नवंबर में 5 बड़े शहरों में ट्रेंड... भोपाल में पारा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा नवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़क रहा है और यह 8.8 डिग्री पहुंच गया है, जो रिकॉर्ड है। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में इस महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। इंदौर में ठंड का असर तेज नवंबर में इंदौर में भी ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। अभी दिन का तापमान भी 30 डिग्री से नीचे है। नवंबर में सबसे सर्द रहता है ग्वालियर पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 6 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है। जबलपुर में 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिश पिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। उज्जैन में न्यूनतम तापमान 10-11° के बीच यहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।