शहडोल मेडिकल कॉलेज में आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण:स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों को अग्नि दुर्घटना से बचाव के तरीके बताए

बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण और कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 80 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य हॉस्पिटल कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर डॉ. अवतार सिंघानी और डॉ साबिर खान (अस्पताल प्रबंधक) ने अस्पताल आपदा प्रबंधन में विभिन्न चुनौतियों और आयामों से समस्त चिकित्सक और स्टाफ अवगत कराया गया। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से आगजनी की घटनाओं और उनके रोकथाम की प्रमुखता से चर्चा की गई। अस्पताल को सुरक्षित रखने के लिए बनाए प्लान की विस्तृत जानकारी उपलब्ध की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अस्पताल अधिक्षक डॉ नागेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्न संस्थानो में सदैव विभिन्न प्रकार की आपदाओं का खतरा रहता है। इस वजह से तैयारी उसी के अनुसार, अलग-अलग होनी चाहिए। उन्होंने आग से होने वाली जन-हानि के बारे में जानकारी दी। आगे बताया कि कोयला खदान और फैक्ट्रियों की वजह से बाहरी आपदा का जोखिम सदैव बना रहता है। अस्पताल आपदा प्रबंधन के संबंध में, अस्पताल प्रबंधक डॉ साबिर खान ने बताया कि आपदा आंतरिक और बाहरी हो सकती है दोनों ही परिस्थिति में अस्पताल की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। प्रशिक्षण में आग, भूकंप, कैमिकल आपदा, बाढ़ आपदा प्रबंधन सहित अन्य की विस्तृत जानकारी दी गई। अस्पताल प्रबंधन संभावित आपदा से उत्पन्न परिदृश्य का अनुकरण करके और इसकी तैयारियों और प्रभावशीलता का परीक्षण करके नियमित रूप से अभ्यास कर रहा है। कार्यक्रम में डॉ मधु सौरभ और अन्य वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक भी मौजूद रहे।

Nov 21, 2024 - 17:05
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शहडोल मेडिकल कॉलेज में आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण:स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों को अग्नि दुर्घटना से बचाव के तरीके बताए
बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण और कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 80 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य हॉस्पिटल कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर डॉ. अवतार सिंघानी और डॉ साबिर खान (अस्पताल प्रबंधक) ने अस्पताल आपदा प्रबंधन में विभिन्न चुनौतियों और आयामों से समस्त चिकित्सक और स्टाफ अवगत कराया गया। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से आगजनी की घटनाओं और उनके रोकथाम की प्रमुखता से चर्चा की गई। अस्पताल को सुरक्षित रखने के लिए बनाए प्लान की विस्तृत जानकारी उपलब्ध की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अस्पताल अधिक्षक डॉ नागेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्न संस्थानो में सदैव विभिन्न प्रकार की आपदाओं का खतरा रहता है। इस वजह से तैयारी उसी के अनुसार, अलग-अलग होनी चाहिए। उन्होंने आग से होने वाली जन-हानि के बारे में जानकारी दी। आगे बताया कि कोयला खदान और फैक्ट्रियों की वजह से बाहरी आपदा का जोखिम सदैव बना रहता है। अस्पताल आपदा प्रबंधन के संबंध में, अस्पताल प्रबंधक डॉ साबिर खान ने बताया कि आपदा आंतरिक और बाहरी हो सकती है दोनों ही परिस्थिति में अस्पताल की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। प्रशिक्षण में आग, भूकंप, कैमिकल आपदा, बाढ़ आपदा प्रबंधन सहित अन्य की विस्तृत जानकारी दी गई। अस्पताल प्रबंधन संभावित आपदा से उत्पन्न परिदृश्य का अनुकरण करके और इसकी तैयारियों और प्रभावशीलता का परीक्षण करके नियमित रूप से अभ्यास कर रहा है। कार्यक्रम में डॉ मधु सौरभ और अन्य वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक भी मौजूद रहे।