जबलपुर के डेयरी साइंस काॅलेज का सपना टूट जाएगा..?:विवेक तनखा ने कहा-हम सोए जरूर है-मगर मृत नहीं

मध्य प्रदेश की संस्कार धानी जबलपुर में वेटनरी यूनिवर्सिटी है, यहां पर बड़े डेरी हब भी है और इसी को देखते हुए डेयरी साइंस एवं फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज की स्थापना की जानी थी। जिसका प्रस्ताव भी भोपाल भेजा गया था। 2019 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने प्रस्ताव को पास भी कर दिया लेकिन अब इस सौगात को जबलपुर से उज्जैन ले जाने की सुगबुगाहट है। राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से कहा कि आप संपूर्ण प्रदेश के मुखिया हैं, जबलपुर की अस्मिता का सम्मान भी आपका कर्तव्य है। हम सोए जरूर है मगर मृत नहीं है। राज्यसभा सांसद विवेक तंखा के एक्स पर किए गए पोस्ट को लेकर समझा जा सकता है कि डेयरी साइंस कॉलेज के उज्जैन शिफ्ट होने को लेकर वह खासा नाराज हैं। कांग्रेस ने 132 करोड़ रुपए मंजूर किए थे 2019 में डेयरी साइंस एवं फूड टैक्नोलॉजी कॉलेज जबलपुर के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पहली बजट बैठक में 132 करोड़ रुपए भी मंजूर किए गए थे। लेकिन सरकार बदलते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया। कॉलेज की स्थापना के लिए वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रशासन ने इमलिया में 14 हेक्टेयर जमीन देने का निर्णय किया था। महाकौशल के साथ यह खेल कब तक चलेगा विवेक तनखा ने एक्स पर लिखा है कि ''अन्याय की हद होती है, जबलपुर और महाकौशल के साथ यह खेल कब तक चलेगा। कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृत डेयरी साइंस कॉलेज अब उज्जैन जाएगा। तनखा ने लिखा कि डॉ मोहन यादव जी आप प्रदेश के रखवाले हैं। जबलपुर की अस्मिता का सम्मान भी आपका कर्तव्य है, हम सोए जरूर हैं मगर मृत नहीं। वही जानकारों को कहना है कि जबलपुर डेयरी का एक बड़ा हब है। यहां पर 300 से अधिक निजी डेरी का आज भी संचालन हो रहा है। जबलपुर से पड़ोसी जिलों के अलावा आसपास के राज्यों में भी दूध सप्लाई किया जा रहा है। प्रतिदिन 8 लाख लीटर से अधिक का उत्पादन होता है। यही वजह है कि जबलपुर से मुंबई और पुणे सहित उत्तर प्रदेश में भी जबलपुर के दूध की सप्लाई है। डेयरी साइंस एवं फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज खुलने से वेटरनरी के छात्रों के साथ दूध उत्पादकों को भी इसका लाभ मिलेगा। डेयरी साइंस कॉलेज जबलपुर में ही खुले निर्णय सरकार को लेना है। जबलपुर, रीवा और उज्जैन के नाम पर विचार चल रहा है, कुलपति होने के नाते मैं चाहूंगा कि यूनिवर्सिटी यहां है तो डेयरी साइंस कॉलेज भी जबलपुर में ही खुले। मनदीप शर्मा, कुलपति (नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय)

जबलपुर के डेयरी साइंस काॅलेज का सपना टूट जाएगा..?:विवेक तनखा ने कहा-हम सोए जरूर है-मगर मृत नहीं
मध्य प्रदेश की संस्कार धानी जबलपुर में वेटनरी यूनिवर्सिटी है, यहां पर बड़े डेरी हब भी है और इसी को देखते हुए डेयरी साइंस एवं फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज की स्थापना की जानी थी। जिसका प्रस्ताव भी भोपाल भेजा गया था। 2019 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने प्रस्ताव को पास भी कर दिया लेकिन अब इस सौगात को जबलपुर से उज्जैन ले जाने की सुगबुगाहट है। राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से कहा कि आप संपूर्ण प्रदेश के मुखिया हैं, जबलपुर की अस्मिता का सम्मान भी आपका कर्तव्य है। हम सोए जरूर है मगर मृत नहीं है। राज्यसभा सांसद विवेक तंखा के एक्स पर किए गए पोस्ट को लेकर समझा जा सकता है कि डेयरी साइंस कॉलेज के उज्जैन शिफ्ट होने को लेकर वह खासा नाराज हैं। कांग्रेस ने 132 करोड़ रुपए मंजूर किए थे 2019 में डेयरी साइंस एवं फूड टैक्नोलॉजी कॉलेज जबलपुर के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पहली बजट बैठक में 132 करोड़ रुपए भी मंजूर किए गए थे। लेकिन सरकार बदलते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया। कॉलेज की स्थापना के लिए वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रशासन ने इमलिया में 14 हेक्टेयर जमीन देने का निर्णय किया था। महाकौशल के साथ यह खेल कब तक चलेगा विवेक तनखा ने एक्स पर लिखा है कि ''अन्याय की हद होती है, जबलपुर और महाकौशल के साथ यह खेल कब तक चलेगा। कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृत डेयरी साइंस कॉलेज अब उज्जैन जाएगा। तनखा ने लिखा कि डॉ मोहन यादव जी आप प्रदेश के रखवाले हैं। जबलपुर की अस्मिता का सम्मान भी आपका कर्तव्य है, हम सोए जरूर हैं मगर मृत नहीं। वही जानकारों को कहना है कि जबलपुर डेयरी का एक बड़ा हब है। यहां पर 300 से अधिक निजी डेरी का आज भी संचालन हो रहा है। जबलपुर से पड़ोसी जिलों के अलावा आसपास के राज्यों में भी दूध सप्लाई किया जा रहा है। प्रतिदिन 8 लाख लीटर से अधिक का उत्पादन होता है। यही वजह है कि जबलपुर से मुंबई और पुणे सहित उत्तर प्रदेश में भी जबलपुर के दूध की सप्लाई है। डेयरी साइंस एवं फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज खुलने से वेटरनरी के छात्रों के साथ दूध उत्पादकों को भी इसका लाभ मिलेगा। डेयरी साइंस कॉलेज जबलपुर में ही खुले निर्णय सरकार को लेना है। जबलपुर, रीवा और उज्जैन के नाम पर विचार चल रहा है, कुलपति होने के नाते मैं चाहूंगा कि यूनिवर्सिटी यहां है तो डेयरी साइंस कॉलेज भी जबलपुर में ही खुले। मनदीप शर्मा, कुलपति (नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय)