दहेज के लिए प्रताड़ित किया, ससुराल पक्ष को सजा:गुना में धर्म बदलवाकर शादी की, नाम भी बदला; महिला ने किया था सुसाइड
दहेज के लिए प्रताड़ित किया, ससुराल पक्ष को सजा:गुना में धर्म बदलवाकर शादी की, नाम भी बदला; महिला ने किया था सुसाइड
शहर के कोतवाली इलाके में ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है। महिला के पति ने उसका धर्म परिवर्तन कराकर उसे शादी की थी। महिला का नाम भी बदलवा दिया गया था। कोर्ट ने आरोपी पति, सास, ससुर, देवर को सात वर्ष की सजा सुनाई है। मामले में फैसला चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र भारद्वाज ने सुनाया। वहीं शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक मुकेश जैन ने की। सल्फास खाकर की थी आत्महत्या मामला वर्ष 2021 का है। प्रकरण के अनुसार कोतवाली थाना अंतर्गत रहने वाली जैन समाज की युवती कीर्ति उर्फ जैनब कुरैशी ने अपने ससुराल पक्ष की दहेज प्रताड़ना से तंग आकर 10 जुलाई 2021 को सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली थी। पीड़िता के मायके पक्ष ने बताया कि शादी के बाद से ही कीर्ति को ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे। एक से अधिक बार रुपए भी दिए गए, परंतु प्रताड़ना थमी नहीं। धर्म परिवर्तन कर की शादी घटना के बाद संजीवनी अस्पताल से पुलिस को दी गई सूचना पर मर्ग क्रमांक 29/21 दर्ज किया गया था। जांच के दौरान मृतिका के भाई कुलदीप जैन और मां लक्ष्मी जैन के बयान लिए गए, जिन्होंने कीर्ति के साथ ससुराल पक्ष द्वारा की गई दहेज प्रताड़ना की पुष्टि की। प्रताड़ना से तंग आकर उठाया कदम जांच में सामने आया कि पति वसीम कुरैशी सहित उसके परिवार के चार अन्य सदस्य सास निशात, ससुर जलालउद्दीन, देवर नदीमुद्दीन और नईमुद्दीन ने लगातार दहेज की मांग कर कीर्ति को प्रताड़ित किया, जिससे मानसिक दबाव में आकर उसने आत्मघाती कदम उठाया। प्रकरण में न्यायालय ने सभी पांचों आरोपियों वसीम, नदीमुद्दीन, नईमुद्दीन, जलालउद्दीन और निशात कुरैशी निवासी कर्नलगंज को भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए एवं 306 के तहत दोषी मानते हुए प्रत्येक को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपए जुर्माना तथा सात-सात वर्ष सश्रम कारावास व दो-दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
शहर के कोतवाली इलाके में ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है। महिला के पति ने उसका धर्म परिवर्तन कराकर उसे शादी की थी। महिला का नाम भी बदलवा दिया गया था। कोर्ट ने आरोपी पति, सास, ससुर, देवर को सात वर्ष की सजा सुनाई है। मामले में फैसला चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र भारद्वाज ने सुनाया। वहीं शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक मुकेश जैन ने की। सल्फास खाकर की थी आत्महत्या मामला वर्ष 2021 का है। प्रकरण के अनुसार कोतवाली थाना अंतर्गत रहने वाली जैन समाज की युवती कीर्ति उर्फ जैनब कुरैशी ने अपने ससुराल पक्ष की दहेज प्रताड़ना से तंग आकर 10 जुलाई 2021 को सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली थी। पीड़िता के मायके पक्ष ने बताया कि शादी के बाद से ही कीर्ति को ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे। एक से अधिक बार रुपए भी दिए गए, परंतु प्रताड़ना थमी नहीं। धर्म परिवर्तन कर की शादी घटना के बाद संजीवनी अस्पताल से पुलिस को दी गई सूचना पर मर्ग क्रमांक 29/21 दर्ज किया गया था। जांच के दौरान मृतिका के भाई कुलदीप जैन और मां लक्ष्मी जैन के बयान लिए गए, जिन्होंने कीर्ति के साथ ससुराल पक्ष द्वारा की गई दहेज प्रताड़ना की पुष्टि की। प्रताड़ना से तंग आकर उठाया कदम जांच में सामने आया कि पति वसीम कुरैशी सहित उसके परिवार के चार अन्य सदस्य सास निशात, ससुर जलालउद्दीन, देवर नदीमुद्दीन और नईमुद्दीन ने लगातार दहेज की मांग कर कीर्ति को प्रताड़ित किया, जिससे मानसिक दबाव में आकर उसने आत्मघाती कदम उठाया। प्रकरण में न्यायालय ने सभी पांचों आरोपियों वसीम, नदीमुद्दीन, नईमुद्दीन, जलालउद्दीन और निशात कुरैशी निवासी कर्नलगंज को भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए एवं 306 के तहत दोषी मानते हुए प्रत्येक को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपए जुर्माना तथा सात-सात वर्ष सश्रम कारावास व दो-दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।