पार्षद चुनाव लड़ना है,तो 5 महीने का देना होगा वेतन:छत्तीसगढ़ कांग्रेस का पार्षदों को फरमान, मनमोहन कमेटी में जमा करनी होगी सैलेरी
पार्षद चुनाव लड़ना है,तो 5 महीने का देना होगा वेतन:छत्तीसगढ़ कांग्रेस का पार्षदों को फरमान, मनमोहन कमेटी में जमा करनी होगी सैलेरी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पार्षदों को अपने 5 महीने की सैलरी 'मनमोहन सिंह कमेटी' में जमा करने का फरमान जारी किया है। इसमें वो पार्षद भी आएंगे, जो नगरीय निकाय चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं। PCC ने यह आदेश जारी किया है। पार्षदों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 2019-2020 से 5 सत्र की सहयोग राशि देनी होगी। यह आगामी चुनाव का फंड रहेगा। दरअसल, चुनावी तैयारियों के बीच इस समय कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय प्रबंधन की है। इसलिए कांग्रेस ने प्रदेश के सभी निकायों में निर्वाचित पार्षदों से सहयोग राशि देने की अपील की है। चुनावी खर्चों और संगठनात्मक गतिविधियों के लिए सहयोग जरूरी कांग्रेस का कहना है कि, यह सहयोग चुनावी खर्चों और संगठनात्मक गतिविधियों के लिए जरूरी है जो मनमोहन सिंह कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार संगठन की मजबूती के लिए तय हुआ था। राशि जमा करने के बाद ही कांग्रेस के पार्षद फिर से चुनाव लड़ सकेंगे। पढ़िए पत्र में क्या लिखा है ? पत्र में कांग्रेस कमेटी ने मनमोहन सिंह कमेटी के निर्णय का हवाला देते हुए आदेश में लिखा है कि, पार्टी संगठन की आर्थिक मजबूती के लिए गठित मनमोहन सिंह कमेटी के तहत हर साल एक महीने का वेतन, मानदेय की दर से वर्ष 2019-20 से कुल 5 सत्र की सहयोग राशि जिला कांग्रेस कमेटियों के पास जमा कराया जाना जरूरी है। पीसीसी ने जिला और शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों से कहा है कि, मनमोहन सिंह कमेटी के तहत कुल 5 सत्र का सहयोग राशि जमा कराने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जानकारी दें। ............................ छत्तीसगढ़ कांग्रेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... कांग्रेस की नई नियुक्तियां दिल्ली में अटकी: AICC से अब तक नहीं मिली मंजूरी, नियुक्तियों से पहले ही प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव का ऐलान 15 जनवरी के बाद हो सकता है। लेकिन कांग्रेस में अब तक जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर चल रही उलझन खत्म नहीं हो रही। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज हाईकमान को पदाधिकारियों की सूची सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक लिस्ट जारी नहीं हुई है। जिसका सीधा असर नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों पर देखने को मिल रहा है। पढे़ं पूरी खबर...
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पार्षदों को अपने 5 महीने की सैलरी 'मनमोहन सिंह कमेटी' में जमा करने का फरमान जारी किया है। इसमें वो पार्षद भी आएंगे, जो नगरीय निकाय चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं। PCC ने यह आदेश जारी किया है। पार्षदों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 2019-2020 से 5 सत्र की सहयोग राशि देनी होगी। यह आगामी चुनाव का फंड रहेगा। दरअसल, चुनावी तैयारियों के बीच इस समय कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय प्रबंधन की है। इसलिए कांग्रेस ने प्रदेश के सभी निकायों में निर्वाचित पार्षदों से सहयोग राशि देने की अपील की है। चुनावी खर्चों और संगठनात्मक गतिविधियों के लिए सहयोग जरूरी कांग्रेस का कहना है कि, यह सहयोग चुनावी खर्चों और संगठनात्मक गतिविधियों के लिए जरूरी है जो मनमोहन सिंह कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार संगठन की मजबूती के लिए तय हुआ था। राशि जमा करने के बाद ही कांग्रेस के पार्षद फिर से चुनाव लड़ सकेंगे। पढ़िए पत्र में क्या लिखा है ? पत्र में कांग्रेस कमेटी ने मनमोहन सिंह कमेटी के निर्णय का हवाला देते हुए आदेश में लिखा है कि, पार्टी संगठन की आर्थिक मजबूती के लिए गठित मनमोहन सिंह कमेटी के तहत हर साल एक महीने का वेतन, मानदेय की दर से वर्ष 2019-20 से कुल 5 सत्र की सहयोग राशि जिला कांग्रेस कमेटियों के पास जमा कराया जाना जरूरी है। पीसीसी ने जिला और शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों से कहा है कि, मनमोहन सिंह कमेटी के तहत कुल 5 सत्र का सहयोग राशि जमा कराने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जानकारी दें। ............................ छत्तीसगढ़ कांग्रेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... कांग्रेस की नई नियुक्तियां दिल्ली में अटकी: AICC से अब तक नहीं मिली मंजूरी, नियुक्तियों से पहले ही प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव का ऐलान 15 जनवरी के बाद हो सकता है। लेकिन कांग्रेस में अब तक जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर चल रही उलझन खत्म नहीं हो रही। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज हाईकमान को पदाधिकारियों की सूची सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक लिस्ट जारी नहीं हुई है। जिसका सीधा असर नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों पर देखने को मिल रहा है। पढे़ं पूरी खबर...