पॉक्सो एक्ट और साइबर अपराध पर कार्यशाला:न्यायाधीश अयाची बोले- आधुनिक आईटी युग में कानून में बड़े बदलाव लाए

आधुनिक आईटी युग में तकनीकी प्रगति ने कानून और न्यायिक प्रक्रियाओं में बड़े बदलाव लाए हैं। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), और साक्ष्य अधिनियम में कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जो समय की जरूरत के अनुसार विकसित हुए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य न्यायिक व्यवस्था को अधिक सशक्त और प्रभावी बनाना है। यह बातें भिंड के प्रधान सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार अयाची ने रविवार को बाइपास स्थित नारायणी हाइट्स होटल में आयोजित ‘पॉक्सो एक्ट और साइबर अपराध’ पर आधारित एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला में कहीं। कार्यक्रम का आयोजन लोक अभियोजन संचालनालय ने किया था। इसमें पॉक्सो एक्ट और साइबर अपराध से जुड़े जटिल मामलों पर गहन चर्चा की गई। न्यायाधीशों और विशेषज्ञों ने बताया कि साइबर अपराधी तकनीक का दुरुपयोग करते हैं और उनके खिलाफ साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण है। तकनीकी बदलावों की समझ पर जोर न्यायाधीश अयाची ने कहा कि आधुनिक कानूनों के नए प्रावधानों को समझना आज के समय में आवश्यक हो गया है। बिना नवीनतम जानकारी के न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से संचालित करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, 'टाइम फेक्टर आज सबसे महत्वपूर्ण हो गया है। अगर हमारे पास नए बदलावों की जानकारी नहीं होगी, तो हम अपने दायित्वों को सही तरीके से निभा नहीं पाएंगे।' कार्यशाला में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, एसपी डॉ. असित यादव, विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी, डीपीओ अरविंद श्रीवास्तव, और अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया। कार्यशाला में बिंदुओं पर हुई चर्चा अफसरों ने रखे विचार

पॉक्सो एक्ट और साइबर अपराध पर कार्यशाला:न्यायाधीश अयाची बोले- आधुनिक आईटी युग में कानून में बड़े बदलाव लाए
आधुनिक आईटी युग में तकनीकी प्रगति ने कानून और न्यायिक प्रक्रियाओं में बड़े बदलाव लाए हैं। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), और साक्ष्य अधिनियम में कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जो समय की जरूरत के अनुसार विकसित हुए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य न्यायिक व्यवस्था को अधिक सशक्त और प्रभावी बनाना है। यह बातें भिंड के प्रधान सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार अयाची ने रविवार को बाइपास स्थित नारायणी हाइट्स होटल में आयोजित ‘पॉक्सो एक्ट और साइबर अपराध’ पर आधारित एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला में कहीं। कार्यक्रम का आयोजन लोक अभियोजन संचालनालय ने किया था। इसमें पॉक्सो एक्ट और साइबर अपराध से जुड़े जटिल मामलों पर गहन चर्चा की गई। न्यायाधीशों और विशेषज्ञों ने बताया कि साइबर अपराधी तकनीक का दुरुपयोग करते हैं और उनके खिलाफ साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण है। तकनीकी बदलावों की समझ पर जोर न्यायाधीश अयाची ने कहा कि आधुनिक कानूनों के नए प्रावधानों को समझना आज के समय में आवश्यक हो गया है। बिना नवीनतम जानकारी के न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से संचालित करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, 'टाइम फेक्टर आज सबसे महत्वपूर्ण हो गया है। अगर हमारे पास नए बदलावों की जानकारी नहीं होगी, तो हम अपने दायित्वों को सही तरीके से निभा नहीं पाएंगे।' कार्यशाला में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, एसपी डॉ. असित यादव, विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी, डीपीओ अरविंद श्रीवास्तव, और अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया। कार्यशाला में बिंदुओं पर हुई चर्चा अफसरों ने रखे विचार