दहेज हत्या में पति को आजीवन कारावास:19 साल पहले की थी पत्नी की जलाकर हत्या; भिंड कोर्ट का फैसला

सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने 19 वर्ष पुराने एक दहेज हत्याकांड में फरार चल रहे आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर 20,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। मामला 15 नवंबर 2006 का है, जब मुरैना जिले के सिहोनिया थाना क्षेत्र के मनफुले का पुरा निवासी रामनिवास सिंह को सूचना मिली कि उनकी बेटी रीता की हत्या उसकी ससुराल ग्राम मल्लपुरा, थाना पावई में कर दी गई है। मौके पर पहुंचने पर उन्हें रीता का जला हुआ शव मिला, जबकि ससुराल पक्ष के सभी लोग फरार थे। जांच में सामने आया कि आरोपी पति गणेश और उसके परिवारजन विवाहिता से 50 हजार रुपए नकद और दो तोला सोने की जंजीर की मांग कर प्रताड़ित करते थे। पीड़िता ने इससे पहले 24 अप्रैल 2005 को थाना सिहोनिया में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, बाद में पंचायत के माध्यम से समझौता हो गया था। पुलिस जांच में पाया गया कि दहेज की मांग पूरी न होने पर आरोपी पति ने परिवार के साथ मिलकर रीता पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने धारा 304बी, 498ए और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत मामला दर्ज किया। इस मामले में 2010 में आरोपी के पिता जयश्रीराम को 10 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। फरार चल रहे पति गणेश को बाद में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक उत्तम सिंह राजपूत ने पैरवी की। न्यायालय ने 10 गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

दहेज हत्या में पति को आजीवन कारावास:19 साल पहले की थी पत्नी की जलाकर हत्या; भिंड कोर्ट का फैसला
सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने 19 वर्ष पुराने एक दहेज हत्याकांड में फरार चल रहे आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर 20,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। मामला 15 नवंबर 2006 का है, जब मुरैना जिले के सिहोनिया थाना क्षेत्र के मनफुले का पुरा निवासी रामनिवास सिंह को सूचना मिली कि उनकी बेटी रीता की हत्या उसकी ससुराल ग्राम मल्लपुरा, थाना पावई में कर दी गई है। मौके पर पहुंचने पर उन्हें रीता का जला हुआ शव मिला, जबकि ससुराल पक्ष के सभी लोग फरार थे। जांच में सामने आया कि आरोपी पति गणेश और उसके परिवारजन विवाहिता से 50 हजार रुपए नकद और दो तोला सोने की जंजीर की मांग कर प्रताड़ित करते थे। पीड़िता ने इससे पहले 24 अप्रैल 2005 को थाना सिहोनिया में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, बाद में पंचायत के माध्यम से समझौता हो गया था। पुलिस जांच में पाया गया कि दहेज की मांग पूरी न होने पर आरोपी पति ने परिवार के साथ मिलकर रीता पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने धारा 304बी, 498ए और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत मामला दर्ज किया। इस मामले में 2010 में आरोपी के पिता जयश्रीराम को 10 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। फरार चल रहे पति गणेश को बाद में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक उत्तम सिंह राजपूत ने पैरवी की। न्यायालय ने 10 गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।