मास्टर प्लान में गड़बड़ी:जांच रिपोर्ट मंत्री को सौंपी, दिवाली के बाद कैबिनेट में करेंगे पेश

लंबे इंतजार के बाद रायपुर के मास्टर प्लान में की गई गड़बड़ियों की जांच पूरी कर ली गई है। जांच समिति के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के डायरेक्टर आईएएस सौरभ कुमार को दी। उन्होंने इसे आवास एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री ओपी चौधरी को सौंप दिया है। विभाग के सचिव स्तर के अफसर जांच रिपोर्ट का परीक्षण कर रहे हैं। दिवाली के बाद मास्टर प्लान में जांच रिपोर्ट केबिनेट में प्रस्तुत की जाएगी। केबिनेट से मास्टर प्लान में बदलाव तय माना जा रहा है क्योंकि जांच में कई तरह की गड़बड़ी सामने आ गई है। सड़क और रास्ते तो दूर प्रभावशाली लोगों के लिए तालाब की जमीन को आवासीय बना दिया गया है। स्कूल की जमीन को मिक्स लैंड में तब्दील करने जैसी गड़बड़ी भी कर दी गई है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के अफसरों के अनुसार पिछली कांग्रेस सरकार ने मास्टर प्लान को मंजूरी देते हुए इसका प्रकाशन राजपत्र में किया था। इस वजह से इस पर बदलाव के लिए केबिनेट की मंजूरी लेनी होगी। इससे पहले भी राज्य बनने के समय 2001 में मास्टर प्लान में संशोधन के लिए मामला तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी की केबिनेट में लाया गया था। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही आवश्यक बदलाव किए गए थे। केबिनेट से मंजूरी के बाद भी प्लान में बदलाव के लिए दावा-आपत्ति भी मंगानी होगी। लोगों को दावा-आपत्ति के लिए समय नहीं दिया गया तो नाराज लोग कोर्ट भी जा सकते हैं। इस वजह से प्लान में बदलाव के लिए सूचना जारी कर दावा-आपत्ति मंगाई जाएगी। अभी दिवाली और इसके बाद राज्योत्सव का समय होने की वजह से यह प्रक्रिया अब 10 नवंबर के बाद ही की जाएगी। हालांकि ​अफसरों को इसकी तैयारी करने का आदेश पहले ही दे दिया गया है। एक हफ्ते के भीतर ही दावा-आपत्ति का प्रारूप भी तैयार कर लिया जाएगा। मास्टर प्लान में कई गड़बड़ी, तालाब की जमीन को भी आवासीय कर दिया मास्टर प्लान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें हैं। इसी वजह से जांच की गई है। पड़ताल में पता चला है कि जांच रिपोर्ट में कई तरह धांधली और नियम विरुद्ध किए गए बदलाव सामने आ गए हैं। जैसे तालाब की जमीन को आवासीय करने के साथ ही ग्रीन लैंड को भी कमर्शियल कर दिया गया है। इतना ही नहीं एक स्कूल की जमीन को मिक्स लैंड में बदल दिया गया। इन गड़बड़ियों के पुख्ता प्रमाण जांच में मिल गए हैं। ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि मास्टर प्लान में एक तिहाई बदलाव किया जाएगा। जरूरी संशोधन के लिए केबिनेट की मंजूरी और दावा-आपत्ति की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इसलिए माना जा रहा है कि साल के आखिर तक बदलाव के साथ नया मास्टर प्लान जारी कर दिया जाएगा। मास्टर प्लान में संशोधन की प्रक्रिया जारी होने की वजह से अभी इस पर काम भी नहीं किया जा रहा है। नया प्लान जारी होने के बाद ही उसके अनुसार काम चालू किया जाएगा।

मास्टर प्लान में गड़बड़ी:जांच रिपोर्ट मंत्री को सौंपी, दिवाली के बाद कैबिनेट में करेंगे पेश
लंबे इंतजार के बाद रायपुर के मास्टर प्लान में की गई गड़बड़ियों की जांच पूरी कर ली गई है। जांच समिति के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के डायरेक्टर आईएएस सौरभ कुमार को दी। उन्होंने इसे आवास एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री ओपी चौधरी को सौंप दिया है। विभाग के सचिव स्तर के अफसर जांच रिपोर्ट का परीक्षण कर रहे हैं। दिवाली के बाद मास्टर प्लान में जांच रिपोर्ट केबिनेट में प्रस्तुत की जाएगी। केबिनेट से मास्टर प्लान में बदलाव तय माना जा रहा है क्योंकि जांच में कई तरह की गड़बड़ी सामने आ गई है। सड़क और रास्ते तो दूर प्रभावशाली लोगों के लिए तालाब की जमीन को आवासीय बना दिया गया है। स्कूल की जमीन को मिक्स लैंड में तब्दील करने जैसी गड़बड़ी भी कर दी गई है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के अफसरों के अनुसार पिछली कांग्रेस सरकार ने मास्टर प्लान को मंजूरी देते हुए इसका प्रकाशन राजपत्र में किया था। इस वजह से इस पर बदलाव के लिए केबिनेट की मंजूरी लेनी होगी। इससे पहले भी राज्य बनने के समय 2001 में मास्टर प्लान में संशोधन के लिए मामला तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी की केबिनेट में लाया गया था। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही आवश्यक बदलाव किए गए थे। केबिनेट से मंजूरी के बाद भी प्लान में बदलाव के लिए दावा-आपत्ति भी मंगानी होगी। लोगों को दावा-आपत्ति के लिए समय नहीं दिया गया तो नाराज लोग कोर्ट भी जा सकते हैं। इस वजह से प्लान में बदलाव के लिए सूचना जारी कर दावा-आपत्ति मंगाई जाएगी। अभी दिवाली और इसके बाद राज्योत्सव का समय होने की वजह से यह प्रक्रिया अब 10 नवंबर के बाद ही की जाएगी। हालांकि ​अफसरों को इसकी तैयारी करने का आदेश पहले ही दे दिया गया है। एक हफ्ते के भीतर ही दावा-आपत्ति का प्रारूप भी तैयार कर लिया जाएगा। मास्टर प्लान में कई गड़बड़ी, तालाब की जमीन को भी आवासीय कर दिया मास्टर प्लान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें हैं। इसी वजह से जांच की गई है। पड़ताल में पता चला है कि जांच रिपोर्ट में कई तरह धांधली और नियम विरुद्ध किए गए बदलाव सामने आ गए हैं। जैसे तालाब की जमीन को आवासीय करने के साथ ही ग्रीन लैंड को भी कमर्शियल कर दिया गया है। इतना ही नहीं एक स्कूल की जमीन को मिक्स लैंड में बदल दिया गया। इन गड़बड़ियों के पुख्ता प्रमाण जांच में मिल गए हैं। ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि मास्टर प्लान में एक तिहाई बदलाव किया जाएगा। जरूरी संशोधन के लिए केबिनेट की मंजूरी और दावा-आपत्ति की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इसलिए माना जा रहा है कि साल के आखिर तक बदलाव के साथ नया मास्टर प्लान जारी कर दिया जाएगा। मास्टर प्लान में संशोधन की प्रक्रिया जारी होने की वजह से अभी इस पर काम भी नहीं किया जा रहा है। नया प्लान जारी होने के बाद ही उसके अनुसार काम चालू किया जाएगा।