विदिशा में बाबुओं की चाय-पानी देने की ड्यूटी लगाई:नाराज कर्मचारी नेताओं ने कहा-यह ठीक नहीं, बाबुओं का जो काम है वो कराएं

केंद्रीय कृषि मंत्री और स्थानीय सांसद शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शनिवार को विदिशा में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक है। अपर कलेक्टर ने कलेक्टोरेट कार्यालय में आयोजित इस बैठक में अतिथियों को चाय-पानी देने, वाहनों की पार्किंग कराने और दरबान (व्हीआईपी को कक्ष में प्रवेश कराने में) ड्यूटी लगा दी है। इससे कर्मचारी नाराज हैं। बाबुओं के संगठन 'मध्य प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ' ने इस पर आपत्ति ली है। संगठन एवं मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी का कहना है कि बाबुओं का काम चाय-पानी पिलाना या पार्किंग में गाड़ियां लगवाना नहीं है। भर्ती नियमों में उसे जो व्यवस्था सौंपी गई है, वह काम कराएं। यह काम भृत्य और चौकीदार का है। उन्होंने कहा कि बाबुओं से भृत्य और चौकीदार का काम कराने पर सख्त आपत्ति है और जिले के कलेक्टर को तत्काल इस निर्देश को निरस्त करना चाहिए। द्विवेदी ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर बाबू राज्य स्तर पर आंदोलन करेंगे। 22 से सिर्फ 5 भृत्य दिशा की बैठक कलेक्टोरेट के बेतवा सभागृह में दोपहर 12 बजे से होनी है। बैठक की व्यवस्थाओं में 22 कर्मचारियों को लगाया गया है। इनमें से 17 बाबू और 5 भृत्य हैं। बाबुओं को कक्ष की साज सज्जा, जिला अधिकारियों एवं कार्यालय प्रमुखों को कक्ष में बैठाने, व्हीआईपी प्रवेश द्वार पर खड़े रहकर बैठक में आने वाले व्हीआईपी को कक्ष में प्रवेश कराने, मुख्य प्रवेश द्वार पर जनप्रतिनिधियों एवं आगंतुकों को बैठाने, पार्किंग में वाहन लगवाने सहित अन्य जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

विदिशा में बाबुओं की चाय-पानी देने की ड्यूटी लगाई:नाराज कर्मचारी नेताओं ने कहा-यह ठीक नहीं, बाबुओं का जो काम है वो कराएं
केंद्रीय कृषि मंत्री और स्थानीय सांसद शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शनिवार को विदिशा में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक है। अपर कलेक्टर ने कलेक्टोरेट कार्यालय में आयोजित इस बैठक में अतिथियों को चाय-पानी देने, वाहनों की पार्किंग कराने और दरबान (व्हीआईपी को कक्ष में प्रवेश कराने में) ड्यूटी लगा दी है। इससे कर्मचारी नाराज हैं। बाबुओं के संगठन 'मध्य प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ' ने इस पर आपत्ति ली है। संगठन एवं मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी का कहना है कि बाबुओं का काम चाय-पानी पिलाना या पार्किंग में गाड़ियां लगवाना नहीं है। भर्ती नियमों में उसे जो व्यवस्था सौंपी गई है, वह काम कराएं। यह काम भृत्य और चौकीदार का है। उन्होंने कहा कि बाबुओं से भृत्य और चौकीदार का काम कराने पर सख्त आपत्ति है और जिले के कलेक्टर को तत्काल इस निर्देश को निरस्त करना चाहिए। द्विवेदी ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर बाबू राज्य स्तर पर आंदोलन करेंगे। 22 से सिर्फ 5 भृत्य दिशा की बैठक कलेक्टोरेट के बेतवा सभागृह में दोपहर 12 बजे से होनी है। बैठक की व्यवस्थाओं में 22 कर्मचारियों को लगाया गया है। इनमें से 17 बाबू और 5 भृत्य हैं। बाबुओं को कक्ष की साज सज्जा, जिला अधिकारियों एवं कार्यालय प्रमुखों को कक्ष में बैठाने, व्हीआईपी प्रवेश द्वार पर खड़े रहकर बैठक में आने वाले व्हीआईपी को कक्ष में प्रवेश कराने, मुख्य प्रवेश द्वार पर जनप्रतिनिधियों एवं आगंतुकों को बैठाने, पार्किंग में वाहन लगवाने सहित अन्य जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।