हरदा पटाखा फैक्ट्री कांड में एनजीटी का फैसला:पीड़ितों को 1.77 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा; 16 मार्च को आरोपियों की संपत्ति होगी नीलाम
हरदा पटाखा फैक्ट्री कांड में एनजीटी का फैसला:पीड़ितों को 1.77 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा; 16 मार्च को आरोपियों की संपत्ति होगी नीलाम
हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। एनजीटी ने पीड़ितों को पहले दिए गए लगभग 3 करोड़ रुपए के मुआवजे के बाद अब 1.77 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश दिया है। अधिवक्ता अवनि बंसल ने बताया कि एनजीटी के आदेशानुसार, हरदा प्रशासन को अगले 7 दिनों में यह मुआवजा वितरित करना होगा। मुआवजे के वितरण में प्राथमिकता उन लोगों को दी जाएगी, जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और जिनका मुआवजा 5 लाख रुपए से कम है। 5 लाख रुपए से अधिक मुआवजे वाले पीड़ितों को 16 मार्च को आरोपियों की संपत्तियों की नीलामी के बाद भुगतान किया जाएगा। न्यायाधीश ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कई आदेशों के बावजूद प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई। उल्लेखनीय है कि हरदा कलेक्टर ने पहले पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी थी। कलेक्टर ने लिखित रूप में आश्वासन दिया था कि यह राशि एनजीटी द्वारा निर्धारित मुआवजे से नहीं काटी जाएगी। प्रशासन को 19 मार्च को एनजीटी के समक्ष पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। पीड़ित परिवारों ने चेतावनी दी है कि मुआवजा वितरण में किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर वे सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार हैं।
हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। एनजीटी ने पीड़ितों को पहले दिए गए लगभग 3 करोड़ रुपए के मुआवजे के बाद अब 1.77 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश दिया है। अधिवक्ता अवनि बंसल ने बताया कि एनजीटी के आदेशानुसार, हरदा प्रशासन को अगले 7 दिनों में यह मुआवजा वितरित करना होगा। मुआवजे के वितरण में प्राथमिकता उन लोगों को दी जाएगी, जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और जिनका मुआवजा 5 लाख रुपए से कम है। 5 लाख रुपए से अधिक मुआवजे वाले पीड़ितों को 16 मार्च को आरोपियों की संपत्तियों की नीलामी के बाद भुगतान किया जाएगा। न्यायाधीश ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कई आदेशों के बावजूद प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई। उल्लेखनीय है कि हरदा कलेक्टर ने पहले पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी थी। कलेक्टर ने लिखित रूप में आश्वासन दिया था कि यह राशि एनजीटी द्वारा निर्धारित मुआवजे से नहीं काटी जाएगी। प्रशासन को 19 मार्च को एनजीटी के समक्ष पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। पीड़ित परिवारों ने चेतावनी दी है कि मुआवजा वितरण में किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर वे सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार हैं।